युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे

जानिए क्यों संघर्ष और कठिनाइयाँ जीवन में आवश्यक हैं। "युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे" इस विचार के माध्यम से जीवन में आत्मविकास और सफलता का रहस्य समझिए। Those who dont have war in their life will be very unfortunate, युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे संघर्ष का महत्व, जीवन में संघर्ष, जीवन में चुनौतियाँ, प्रेरक लेख, आत्मविकास के लिए संघर्ष, कठिनाइयों का महत्व, सफलता के लिए संघर्ष, प्रेरणादायक विचार, जीवन में युद्ध, संघर्ष के बिना जीवन, जीवन में कठिनाइयाँ क्यों जरूरी हैं, आत्मबोध और संघर्ष, प्रेरणादायक लेख हिंदी में

Mar 21, 2025 - 21:32
Mar 21, 2025 - 21:32
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युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे

युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे

संघर्ष और कठिनाइयाँ क्यों जरूरी हैं? | जीवन में युद्ध का महत्व

मानव जीवन जितना सरल दिखता है, उतना ही जटिल भी है। हर व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, कठिनाई और चुनौतियाँ आती हैं। इन चुनौतियों का सामना ही हमें मजबूत बनाता है, हमारी पहचान गढ़ता है। जो लोग जीवन में किसी संघर्ष से नहीं गुजरते, शायद वे असल में सबसे अधिक वंचित रह जाते हैं, क्योंकि संघर्ष ही वह अनुभव है, जो इंसान को परिपक्वता और आत्मबोध देता है।

संघर्ष से मिलती है पहचान

हर महान व्यक्तित्व के जीवन में कोई न कोई ‘युद्ध’ जरूर रहा है। चाहे महात्मा गांधी हों, भगत सिंह हों, स्वामी विवेकानंद हों या अब्दुल कलाम—हर किसी को किसी न किसी मोर्चे पर लड़ाई लड़नी पड़ी। ये लड़ाइयाँ केवल बाहरी नहीं होतीं, कई बार भीतर भी होती हैं—आत्म-संदेह, असफलता, भटकाव और परिस्थितियों के विरुद्ध खुद को खड़ा करने का साहस। संघर्षों से गुजरने के बाद ही इंसान अपने चरित्र और क्षमता को पहचानता है।

आसान जीवन का भ्रम

जो लोग जीवन में बिना किसी संघर्ष के, बिना किसी चुनौती के अपने दिन काट लेते हैं, वे बाहर से सुखी दिख सकते हैं। लेकिन उनके भीतर आत्मविश्वास, संतोष और आत्मसंतुष्टि का वह स्तर नहीं पहुँच पाता, जो मुश्किलों को पार करने से आता है। बिना किसी युद्ध के जीवन कभी-कभी खोखला महसूस होता है। जैसे बिना परीक्षा के डिग्री का कोई महत्व नहीं, वैसे ही बिना संघर्ष के उपलब्धि भी अधूरी लगती है।

संघर्ष आत्मविकास का माध्यम

हर युद्ध—चाहे वह परिस्थितियों से हो, समाज से हो या अपने भीतर के डर, असुरक्षा और कमजोरी से—हमें एक बेहतर इंसान बनाता है। संघर्ष के दौरान हम धैर्य, साहस, सहनशीलता और करुणा जैसे गुण सीखते हैं। जब जीवन में कोई चुनौती नहीं होती, तो हम इन गुणों से वंचित रह जाते हैं।

कठिनाइयाँ न हों तो उद्देश्यहीनता

कई बार बिना संघर्ष के जीवन में एक उद्देश्यहीनता आ जाती है। जब जीवन सरल हो, हर इच्छा बिना प्रयास पूरी हो, तब इंसान को खुद के मूल्य का अंदाजा नहीं रहता। यही कारण है कि अनेक बार सम्पन्न, आरामदायक जीवन जीने वाले लोग भी भीतर से अधूरे और बेचैन महसूस करते हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता कि जीवन में उनकी असली पहचान क्या है, क्योंकि उन्होंने कभी खुद को परखने का अवसर ही नहीं दिया।

संघर्ष के बाद का सुख

संघर्ष के बाद जो सुख मिलता है, वह अनमोल होता है। यह सुख केवल भौतिक नहीं, आत्मिक भी होता है। जब हम किसी कठिनाई को पार कर सफल होते हैं, तब वह सफलता हमें आत्मसम्मान देती है, जो आसानी से नहीं मिल सकती।


"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे"—यह कथन केवल बाहरी युद्धों तक सीमित नहीं है। यह हमारे जीवन के हर उस संघर्ष की ओर संकेत करता है, जो हमें आगे बढ़ने, सीखने और खुद को जानने का अवसर देता है। जिनके जीवन में कोई संघर्ष नहीं, वे भले ही सहज दिखें, लेकिन वे उन अनुभवों, उस गहराई और उस संतोष से वंचित रह जाते हैं, जो केवल चुनौतियों का सामना कर ही पाया जा सकता है।

इसलिए जीवन में कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। हर चुनौती हमें निखारने आती है। वास्तव में, वे ही सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें जीवन ने ‘युद्ध’ का अवसर दिया है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,