तनाव से निपटने के व्यावहारिक उपाय आपकी परिस्थितियों के अनुसार,

Practical solutions deal with stress depending circumstances, तनाव से निपटने के व्यावहारिक उपाय आपकी परिस्थितियों के अनुसार,

Dec 13, 2024 - 14:56
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तनाव से निपटने के व्यावहारिक उपाय आपकी परिस्थितियों के अनुसार, निम्नलिखित सुझाव आपके लिए काम कर भी सकते हैं और नहीं भी। इनमें से कुछ बिल्कुल आपकी स्थिति के अनुसार बनाए गए लग सकते हैं, जबकि अन्य काम के नहीं हो सकते। देखने वाली बड़ी बात यह है कि अपने तनावकर्ताओं से निपटने और उनके प्रभाव को कम-से-कम करने की शक्ति एवं क्षमता शायद आपके पास है।

तनावकर्ता को लेकर अपनी धारणा पर प्रश्न करें- अगर कुछ है, जो आपको तनाव दे रहा है तो खुद से पूछें कि ऐसा क्यों है? क्या आपकी परिस्थिति ऐसी है कि तत्काल ध्यान दिया जाए? क्या इतना तत्काल है, जितना दिख रहा है? या आपका मस्तिष्क अनावश्यक रूप से अलार्म बजा रहा है? उदाहरण के लिए, मान लीजिए, कल आपकी परीक्षा है। आपका दिमाग आपको हाई अलर्ट पर रख रहा है, लेकिन आपकी तैयारी संभव है कि हो चुकी है। काम बाँट दें- अगर काम का आपका बोझ बहुत अधिक है तो खुद से पूछें कि क्या किए जाने वाले कामों की सूचि में सारे कामों की जिम्मेदारी आपकी ही है।

क्या कुछ काम और दूसरों को दे सकते हैं? क्या आप उन्हें दूसरों से करवा सकते हैं? ऑफिस में ऐसा ही करें (शायद आपका कोई सहकर्मी आपके एक-दो काम निपटा दे)। घर पर ऐसा करें (शायद आपके बच्चे आपके कुछ काम कर दें)। अपना माहौल बदलें - दफ्तर का घुटन भरा माहौल भारी तनाव पैदा करता है। घर का माहौल भी खराब हो तो उतना ही तनाब होता है। खुद से पूछें कि क्या आपके पास ऐसे माहौल में रहने की मजबूरी है? क्या आप ऐसी नौकरी हासिल कर सकते हैं, जहाँ आपके बॉस एवं सहकर्मी और अधिक मददगार हों? क्या आप अपने रहने के माहौल को बदलकर कमरे के पूरे साथियों या परिवार के चालबाज सदस्यों से दूर जा सकते हैं? माइंडफुलनेस ध्यान का अभ्यास करें- ध्यान लगाने को लोग अच्छा नहीं मानते हैं, लेकिन ऐसा इस कारण है, क्योंकि ज्यादातर लोग इसे ठीक से समझते नहीं।

 वे पालथी मारकर बैठे ऐसे व्यक्ति की कल्पना करते हैं, जो हाथों की उँगलियों को इस प्रकार फैलाए हुए है कि तर्जनी व अँगूठा एक दूसरे को स्पर्श कर रहे हों। शायद पीछे से कोई घंटा बज रहा हो या शायद पानी बह रहा हो या मंत्रों का जाप किया जा रहा हो। सच यह है कि इस विषय पर पर्याप्त शोध हुआ है, जो बताता है

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,