जौनपुर के मुसलमानों को पुरखों और गोत्र की याद, नाम के साथ जोड़ रहे हिंदू टाइटल

Muslims, पूर्वज कभी ब्राह्मण हुआ करते थे, और उनकी यह पहचान समय के साथ बदल गई। अब वे अपनी जड़ों को पुनः अपनाना चाहते हैं।

Dec 8, 2024 - 19:19
Dec 8, 2024 - 19:55
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जौनपुर के मुसलमानों को पुरखों और गोत्र की याद, नाम के साथ जोड़ रहे हिंदू टाइटल

जौनपुर के मुसलमानों को पुरखों और गोत्र की याद, नाम के साथ जोड़ रहे हिंदू टाइटल

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक गांव में एक अनोखी परंपरा देखने को मिल रही है। यहां के कुछ मुस्लिम परिवार अपने नामों के साथ हिंदू टाइटल जोड़ रहे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान गांव के कुछ लोगों ने खुलासा किया कि उनके पूर्वज ब्राह्मण थे और अपनी पुरानी विरासत को याद करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है।

क्या है नाम बदलने की वजह?

गांव के एक निवासी मोहम्मद आजम ने अपना नाम बदलकर "मोहम्मद आजम दुबे" कर लिया है। वहीं, नौशाद अहमद ने अपने नाम के आगे "पांडे" जोड़ लिया। इन लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज कभी ब्राह्मण हुआ करते थे, और उनकी यह पहचान समय के साथ बदल गई। अब वे अपनी जड़ों को पुनः अपनाना चाहते हैं।

परिवार का दृष्टिकोण

हालांकि, यह बदलाव हर परिवार के सभी सदस्यों पर लागू नहीं हो रहा है। अधिकांश परिवार के सदस्य अब भी मुस्लिम नामों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन परिवार के एक सदस्य ने हिंदू टाइटल जोड़ने का फैसला लिया है।

धार्मिक गतिविधियां भी बदलीं

गांव में इन परिवारों के लोग भगवान राम की पूजा करते हैं और गाय माता की सेवा भी करते हैं। यह कदम उनके जीवनशैली और धार्मिक परंपराओं में बदलाव को दर्शाता है।

गांव का माहौल

गांव में इस बदलाव को लेकर कोई विवाद नहीं है। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बना हुआ है। गांव के अन्य निवासियों का कहना है कि यह व्यक्तिगत आस्था और परंपरा का मामला है।

विशेषज्ञों की राय

कुछ समाजशास्त्रियों का मानना है कि यह परिवर्तन सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम हो सकता है। वहीं, कुछ इसे आत्म-परिचय की नई परिभाषा के रूप में देख रहे हैं।

यह अनोखी पहल न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के महत्व को भी उजागर करती है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार