22 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

Conference on Interaction and Confidence-Building Measures in Asia

Oct 21, 2024 - 08:21
Oct 21, 2024 - 12:01
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22 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
Important events of 22 October

22 अक्टूबर (1796) पेशवा माधव राव द्वितीय 
माधव राव द्वितीय मराठा साम्राज्य के पेशवा थे, जिन्होंने 1774 से 1796 तक शासन किया। उनका जन्म 1774 में हुआ और उन्हें कम उम्र में पेशवा बनाया गया। अपने शासनकाल के दौरान, माधव राव ने मराठा साम्राज्य की स्थिति को मजबूत किया, लेकिन उनके शासन को आंतरिक संघर्षों और अंग्रेजों के बढ़ते दबाव ने कमजोर किया। अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण, उन्होंने 22 अक्टूबर 1796 को आत्महत्या कर ली। उनके निधन के बाद मराठा साम्राज्य की स्थिति और कमजोर हो गई और अंग्रेजों ने इसका लाभ उठाते हुए अपने साम्राज्य का विस्तार किया। माधव राव द्वितीय की आत्महत्या ने मराठा इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पैदा किया।

नेश्नल यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया (1867) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 1867 को नेश्नल यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया की आधारशिला रखी गई। यह विश्वविद्यालय कोलंबिया के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में से एक है, जो वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक अनुसंधान के लिए विख्यात है। इसे लैटिन अमेरिका के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में गिना जाता है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और कोलंबिया के युवाओं को सशक्त बनाना है। इसके विकास में समय-समय पर सुधार और विस्तार किया गया, जिससे इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई। इस विश्वविद्यालय ने कोलंबिया और लैटिन अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अर्जेंटीना में पहला टेलीग्राफिक कनेक्शन (1875)22 अक्टूबर
अर्जेंटीना में 22 अक्टूबर 1875 को पहला टेलीग्राफिक कनेक्शन स्थापित किया गया, जिससे देश में संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया। इस तकनीकी प्रगति ने अर्जेंटीना के शहरों और क्षेत्रों को आपस में जोड़ने में मदद की और दूरसंचार के नए युग की शुरुआत की। इस कनेक्शन के माध्यम से, संदेशों का आदान-प्रदान पहले से कहीं अधिक तेजी से किया जा सकता था, जिससे देश में व्यापार, प्रशासन, और संचार के अन्य क्षेत्रों में सुधार हुआ। टेलीग्राफ ने अर्जेंटीना की आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया और इसे वैश्विक संचार नेटवर्क से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बसुदेव बलवानी फड़के के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा (1879)22 अक्टूबर
बसुदेव बलवानी फड़के एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया। उन्हें "भारतीय क्रांति के जनक" के रूप में भी जाना जाता है। 1879 में, उनके खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा चलाया, जो भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला बड़ा मुकदमा था। फड़के ने ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने के लिए गुरिल्ला युद्ध का सहारा लिया और ग्रामीणों को अंग्रेजों के खिलाफ संगठित किया। उन्हें इस विद्रोह के कारण गिरफ्तार किया गया और आजीवन कारावास की सजा दी गई। उनका संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रारंभिक चरणों में एक प्रेरणा स्रोत बना।

न्यूयॉर्क ओपेरा हाउस का उद्घाटन (1883) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 1883 को न्यूयॉर्क में ओपेरा हाउस का उद्घाटन हुआ, जो उस समय का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और वास्तुकला स्थल था। ओपेरा हाउस ने न्यूयॉर्क के सांस्कृतिक जीवन में एक प्रमुख स्थान हासिल किया और इसे कला, संगीत, और नाटक के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में पहचाना गया। इसने विश्वस्तरीय कलाकारों और संगीतकारों को आकर्षित किया, जिससे न्यूयॉर्क एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर सका। ओपेरा हाउस की स्थापत्य सुंदरता और उच्च गुणवत्ता के प्रदर्शन ने इसे एक ऐतिहासिक स्थल बना दिया, जो आज भी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण है।

भाखड़ा नांगल परियोजना (1962) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 1962 को भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना 'भाखड़ा नांगल' को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह परियोजना भारत के विकास में एक मील का पत्थर साबित हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य बिजली उत्पादन, सिंचाई, और बाढ़ नियंत्रण था। भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर बना है और यह विश्व के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है। इस परियोजना ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की और उद्योगों को स्थायी जल और बिजली की आपूर्ति प्रदान की। यह परियोजना देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और कृषि सुधार में एक अहम भूमिका निभाती है।

ज्यां पाल सार्त्र का नोबेल पुरस्कार ठुकराना (1964) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 1964 को प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखक ज्यां पाल सार्त्र ने साहित्य का नोबेल पुरस्कार ठुकरा दिया। सार्त्र अस्तित्ववाद और मानव स्वतंत्रता के विचारों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा कि एक लेखक को किसी भी प्रकार की आधिकारिक पहचान या पुरस्कारों से प्रभावित नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी स्वतंत्रता पर आंच आती है। उन्होंने अपने जीवन भर स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का समर्थन किया। उनकी इस अनोखी सोच और निर्णय ने साहित्यिक और दार्शनिक समुदाय में हलचल मचाई, और उन्हें एक सच्चे स्वतंत्र विचारक के रूप में पहचाना गया।

वीनस-9 अंतरिक्षयान का शुक्र ग्रह पर अवतरण (1975) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 1975 को 'वीनस-9' अंतरिक्षयान ने सफलतापूर्वक शुक्र ग्रह पर अवतरण किया। यह सोवियत संघ द्वारा भेजा गया पहला अंतरिक्षयान था जिसने शुक्र की सतह की तस्वीरें लीं और वहां की पर्यावरणीय स्थितियों का अध्ययन किया। वीनस-9 मिशन ने शुक्र ग्रह के वातावरण, सतह के तापमान और उसके वायुमंडलीय संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिससे वैज्ञानिकों को इस ग्रह की संरचना को समझने में मदद मिली। यह मिशन शुक्र पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाले पहले मिशनों में से एक था और अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है।

चंद्रयान-1 मिशन (2008) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 2008 को इसरो ने भारत के पहले चंद्रयान मिशन 'चंद्रयान-1' का सफल प्रक्षेपण किया। यह भारत का पहला प्रयास था, जिसने चंद्रमा की सतह का अध्ययन किया और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारियां प्रदान कीं। इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज थी, जिसने वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को चौंका दिया। इस मिशन ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान दिलाया और इसके बाद चंद्रयान-2 और अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए रास्ता खोला। चंद्रयान-1 की सफलता ने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।

भारत का कबड्डी विश्व कप जीतना (2016) 22 अक्टूबर
22 अक्टूबर 2016 को भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता, जो भारत के लिए खेल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इस टूर्नामेंट का आयोजन भारत में हुआ और फाइनल मैच में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ईरान को हराया। भारतीय टीम की यह जीत न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कबड्डी के खेल के प्रति उत्साह बढ़ाने में सहायक रही। इस जीत ने भारत के खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण को साबित किया और कबड्डी को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खेल के रूप में स्थापित करने में मदद की।

कोटागिरी श्रीधर (जन्म 1973) 22 अक्टूबर
कोटागिरी श्रीधर आंध्र प्रदेश के प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाई है और आंध्र प्रदेश की जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं। कोटागिरी श्रीधर ने राज्य के विभिन्न विकासात्मक और सामाजिक योजनाओं में योगदान दिया है, जिससे उनके क्षेत्र में जनहितकारी कार्यों का विस्तार हुआ। वे अपनी पार्टी की नीतियों और विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं और आंध्र प्रदेश की राजनीति में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया है। उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान और विकास योजनाओं का कार्यान्वयन हुआ है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।

ए. एस. किरण कुमार (जन्म 1952) 22 अक्टूबर
ए. एस. किरण कुमार भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1952 को हुआ था। उन्होंने इसरो के कई महत्वपूर्ण मिशनों में योगदान दिया, जिनमें चंद्रयान-1 और मंगलयान मिशन विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। ए. एस. किरण कुमार को इसरो के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, और उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण प्रगति की। उनके नेतृत्व में इसरो ने कई उपग्रह प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरे किए।

अदम गोंडवी (जन्म 1947) 22 अक्टूबर
अदम गोंडवी हिंदी और उर्दू साहित्य के एक महत्वपूर्ण कवि थे, जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की आवाज उठाई। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हुआ था। उनकी कविताएं सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर कटाक्ष करती थीं, जिनमें भ्रष्टाचार, गरीबी, और सामाजिक असमानता के मुद्दे प्रमुख थे। अदम गोंडवी की रचनाओं में ग्रामीण जीवन की सादगी और संघर्ष का चित्रण मिलता है। उनकी प्रमुख कविताओं में 'समय से मुठभेड़' और 'धरती की सतह पर' शामिल हैं। उनकी कविताओं ने समाज के वंचित वर्गों की वास्तविकता को सामने लाया और उन्हें हिंदी कविता जगत में विशेष स्थान दिलाया।

स्वामी रामतीर्थ (जन्म 1873) 22 अक्टूबर
स्वामी रामतीर्थ एक महान भारतीय दार्शनिक और हिंदू धार्मिक नेता थे, जिनका जन्म 22 अक्टूबर 1873 को हुआ था। वे अपने समय के सबसे प्रमुख वेदांत विचारकों में से एक थे और उन्होंने व्यावहारिक वेदांत की शिक्षा दी। स्वामी रामतीर्थ ने भारत और विदेशों में आध्यात्मिक प्रवचन दिए और लोगों को आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जीवन में सरलता, सच्चाई और आत्म-साक्षात्कार पर जोर दिया। उनका मानना था कि आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं का समाधान कर सकता है। स्वामी रामतीर्थ की शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं।

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (जन्म 1900) 22 अक्टूबर
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे और काकोरी कांड के प्रमुख नायकों में से एक थे। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय है। वे भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों के साथ जुड़े रहे और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। काकोरी कांड के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 1927 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। उनकी वीरता और देशभक्ति ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक अमर नायक बना दिया।

कादर खान (जन्म 1937) 22 अक्टूबर
कादर खान भारतीय फिल्म उद्योग के एक जाने-माने अभिनेता, पटकथा लेखक और निर्देशक थे, जिनका जन्म 22 अक्टूबर 1937 को हुआ था। उन्होंने हिंदी और उर्दू फिल्मों में अपनी अद्वितीय कॉमेडी और गंभीर भूमिकाओं के माध्यम से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। कादर खान ने अपने फिल्मी करियर में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और 250 से अधिक फिल्मों के लिए संवाद और पटकथाएं लिखी। उनके संवाद और लेखन ने उन्हें बॉलीवुड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया। उनकी हास्य भूमिकाएं विशेष रूप से लोकप्रिय रहीं, और उनकी अदाकारी ने उन्हें हिंदी सिनेमा में अमर कर दिया।

डी. वाई. पाटिल (जन्म 1935) 22 अक्टूबर
डी. वाई. पाटिल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजसेवी हैं, जिनका जन्म 22 अक्टूबर 1935 को हुआ था। वे महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। डी. वाई. पाटिल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने कार्यों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने डी. वाई. पाटिल एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके समाज सेवा के कार्यों के कारण उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान ने लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया है।

ब्रिगेडियर भवानी सिंह (जन्म 1931) 22 अक्टूबर
ब्रिगेडियर भवानी सिंह जयपुर के महाराजा और भारतीय सेना के एक वीर सैनिक थे। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1931 को हुआ था। वे 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में अपनी वीरता के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किए गए थे। भवानी सिंह ने भारतीय सेना में एक सफल करियर बनाया और उन्होंने अपने राज्य के लोगों के कल्याण के लिए भी काम किया। महाराजा भवानी सिंह जयपुर के अंतिम शासक थे, और उन्होंने अपनी सैन्य सेवा के अलावा सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी योगदान दिया। उनकी वीरता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक सम्मानित स्थान दिलाया।

त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल (जन्म 1903) 22 अक्टूबर
त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल एक प्रमुख भारतीय सामुदायिक नेता थे, जिन्होंने ग्रामीण विकास और सहकारी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1903 को हुआ था। वे अमूल डेयरी के संस्थापक अध्यक्ष थे और उन्होंने भारत में दुग्ध क्रांति की नींव रखी। उनके नेतृत्व में सहकारी डेयरी उद्योग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लाखों किसानों को रोजगार और समृद्धि प्रदान की। त्रिभुवनदास पटेल का योगदान भारतीय सहकारी आंदोलन में अग्रणी रहा, और उन्होंने भारतीय किसानों के जीवन में सुधार लाने के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए।

महाराणा राजसिंह (दिवंगत 1680) 22 अक्टूबर
महाराणा राजसिंह मेवाड़ के शासक थे, जिनका निधन 22 अक्टूबर 1680 को हुआ। वे मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। महाराणा राजसिंह का शासनकाल मुगलों के साथ संघर्षों और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए किए गए कई वीरतापूर्ण कार्यों के लिए जाना जाता है। उन्होंने मेवाड़ की स्वतंत्रता और स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए हमेशा संघर्ष किया। महाराणा राजसिंह ने अपने शासनकाल में किलेबंदी और सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया और अपनी प्रजा के कल्याण के लिए कई योजनाओं का संचालन किया। उनकी वीरता और देशभक्ति ने उन्हें इतिहास में अमर बना दिया।

22 अक्टूबर की महत्वपूर्ण घटनाएं

1836 – सेन हाउटन टेक्सास गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने
सेन हाउटन, एक अमेरिकी सैनिक और राजनेता, 1836 में टेक्सास गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने। उन्होंने टेक्सास को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके बाद टेक्सास के विकास और सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। हाउटन की अध्यक्षता में टेक्सास ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखी, जिसे बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल किया गया।

1867 – नेश्नल यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया की आधारशिला रखी गई
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया का निर्माण 1867 में शुरू हुआ, जो दक्षिण अमेरिका की एक प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान बनी। यह विश्वविद्यालय कोलंबिया में वैज्ञानिक और अकादमिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। आज यह संस्थान कोलंबिया की प्रमुख शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा है और कई विद्वानों और वैज्ञानिकों का घर है।

1875 – अर्जेंटीना में पहले टेलीग्राफिक कनेक्शन की शुरुआत हुई
22 अक्टूबर 1875 को अर्जेंटीना में पहले टेलीग्राफिक कनेक्शन की शुरुआत हुई। इस क्रांति ने संचार के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत की, जिससे पूरे देश में तेजी से संवाद स्थापित किया जा सका। टेलीग्राफ के जरिए संदेश भेजने का यह तरीका अर्जेंटीना के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

1878 – सेलफोर्ट में पहली बार रगबी मैच खेला गया
1878 में सेलफोर्ट में पहला रगबी मैच ब्राउटन और स्वींटन के बीच खेला गया। यह रगबी इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने खेल को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद की। रगबी खेल का यह मैच खेल के नियमों और प्रारूप को स्थापित करने में सहायक रहा, जिससे यह खेल दुनिया भर में लोकप्रिय हुआ।

1879 – बसुदेव बलवानी फड़के के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा
1879 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता बसुदेव बलवानी फड़के के खिलाफ ब्रिटिश शासन ने पहला राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया। फड़के ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था। उन्हें बाद में उम्रकैद की सजा सुनाई गई और अंडमान में काला पानी की सजा दी गई।

1881 – बॉस्टन सिंफनी आर्केस्ट्रा ने पहला संगीत समारोह किया
1881 में बॉस्टन सिंफनी आर्केस्ट्रा ने अपना पहला सार्वजनिक संगीत समारोह आयोजित किया, जिसने संगीत प्रेमियों के बीच उत्साह बढ़ाया। यह आर्केस्ट्रा आज भी विश्वभर में अपने अद्वितीय प्रदर्शन और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता है।

1883 – न्यूयार्क में ओपेरा हाउस का उद्घाटन हुआ
22 अक्टूबर 1883 को न्यूयार्क में ओपेरा हाउस का उद्घाटन हुआ। इस ऐतिहासिक घटना ने कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा दी। यह ओपेरा हाउस बाद में न्यूयॉर्क के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरा और दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित ओपेरा और संगीत कार्यक्रमों का मंच बना।

1924 – Toastmasters क्लब की स्थापना
Toastmasters क्लब की स्थापना 1924 में हुई थी, जो दुनिया भर में भाषण कला और नेतृत्व कौशल को विकसित करने के लिए जाना जाता है। यह क्लब आज लाखों लोगों को प्रभावी संवाद, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को सुधारने में मदद करता है। Toastmasters इंटरनेशनल अब एक प्रतिष्ठित संगठन है।

1962 – भाखड़ा नांगल परियोजना राष्ट्र को समर्पित
भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना ‘भाखड़ा नांगल’ 1962 में राष्ट्र को समर्पित की गई। इस परियोजना ने भारत में सिंचाई और बिजली उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाखड़ा नांगल बांध ने देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने और उद्योगों को प्रोत्साहित करने में मदद की।

1964 – ज्यां पाल सार्त्र ने नोबेल पुरस्कार ठुकराया
1964 में फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखक ज्यां पाल सार्त्र ने साहित्य के लिए दिया गया नोबेल पुरस्कार ठुकरा दिया। उन्होंने यह कहकर पुरस्कार अस्वीकार किया कि एक लेखक को संस्था या पुरस्कार से मान्यता नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि उनकी स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए। उनकी यह सोच उन्हें एक स्वतंत्र विचारक के रूप में स्थापित करती है।

1975 – ‘वीनस-9’ अंतरिक्षयान का शुक्र ग्रह पर अवतरण
22 अक्टूबर 1975 को सोवियत संघ के वीनस-9 अंतरिक्षयान ने शुक्र ग्रह पर सफलतापूर्वक अवतरण किया। यह यान शुक्र ग्रह की सतह पर उतरने वाला पहला अंतरिक्षयान था, जिसने वहां से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी पृथ्वी पर भेजी। वीनस-9 के इस मिशन ने ग्रहों के अध्ययन में नई दिशा दी।

1975 – तुर्की के राजनयिक की वियना में हत्या
1975 में वियना में तुर्की के राजनयिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय के तुर्की के राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक गंभीर घटना के रूप में दर्ज की गई। इस हत्याकांड के पीछे की साजिश और इसके प्रभाव ने तुर्की और यूरोप के बीच कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित किया।

2004 – भारत विदेश निवेश में 14वें स्थान पर
अंकटाड की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में भारत विदेश निवेश प्राप्त करने वाले देशों की सूची में 14वें स्थान पर पहुंच गया। यह भारत की आर्थिक विकास और वैश्विक निवेश के प्रति उसके आकर्षण का संकेत था। इससे देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई और विदेशी कंपनियों के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार बन गया।

2004 – सीका सम्मेलन में आतंकवाद से निपटने का संकल्प
2004 में सीका (Conference on Interaction and Confidence-Building Measures in Asia) सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों ने आतंकवाद से मिलकर निपटने का संकल्प व्यक्त किया। इस सम्मेलन में एशियाई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का निर्णय लिया, जिससे इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा मिला।

2007 – हू जिंताओ ने चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की कमान संभाली
2007 में चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने लगातार दूसरी बार चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की कमान संभाली। उनके नेतृत्व में चीन ने तेजी से आर्थिक प्रगति की और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत की। हू जिंताओ के कार्यकाल में चीन वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा।

2008 – चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण
22 अक्टूबर 2008 को इसरो ने भारत के पहले चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ का सफल प्रक्षेपण किया। इस मिशन ने चंद्रमा पर पानी की उपस्थिति का पता लगाया, जो अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज थी। चंद्रयान-1 ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।

2014 – ओटावा में संसद पर हमला
22 अक्टूबर 2014 को माइकल जेहाफ बिडायु नामक हमलावर ने कनाडा की संसद पर हमला किया, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इस हमले ने कनाडा में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और सख्त बनाने की दिशा में कदम उठाए गए।

2016 – भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता
22 अक्टूबर 2016 को भारत ने कबड्डी विश्व कप जीतकर देश को गर्व महसूस कराया। यह टूर्नामेंट भारतीय टीम की शानदार खेल क्षमता और रणनीतिक कुशलता का प्रदर्शन था, जिसने विश्व स्तर पर भारतीय कबड्डी को मान्यता दिलाई।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,