फोकल लेंथ पोर्ट्रेट फोटोग्राफी को कैसे प्रभावित करती है

फोकल लेंथ पोर्ट्रेट फोटोग्राफी को कैसे प्रभावित करती है, How focal length affects portrait photography,

Apr 30, 2025 - 11:17
Apr 30, 2025 - 11:34
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फोकल लेंथ पोर्ट्रेट फोटोग्राफी को कैसे प्रभावित करती है

फोकल लेंथ पोर्ट्रेट फोटोग्राफी को कैसे प्रभावित करती है?

पोर्ट्रेट फोटोग्राफी में अलग-अलग फोकल लेंथ वाले लेंस का चुनाव आपकी तस्वीरों के लुक और फील को पूरी तरह बदल सकता है। हर लेंस की अपनी खासियत होती है—कोई चेहरे को नेचुरल दिखाता है, तो कोई बैकग्राउंड को ब्लर करके सब्जेक्ट को हाइलाइट करता है। आइए जानते हैं कि अलग-अलग फोकल लेंथ वाले लेंस पोर्ट्रेट्स को कैसे प्रभावित करते हैं।


1. 35mm लेंस – एनवायरनमेंटल पोर्ट्रेट्स के लिए बेस्ट

सबसे अच्छा: स्टोरीटेलिंग, फुल-बॉडी शॉट्स, और सब्जेक्ट के आसपास का वातावरण दिखाने के लिए।

35mm लेंस वाइड एंगल होता है, जिससे आप सब्जेक्ट के साथ-साथ उसके सराउंडिंग्स भी कैप्चर कर पाते हैं। लेकिन अगर आप चेहरे के बहुत करीब जाते हैं, तो यह थोड़ा डिस्टॉर्शन पैदा कर सकता है।

 फायदे:

  • ग्रुप पोर्ट्रेट्स और फुल-बॉडी शॉट्स के लिए बढ़िया।

  • पृष्ठभूमि को भी शामिल करता है, जिससे कहानी स्पष्ट होती है।

  • छोटी जगहों में भी काम करता है।

 नुकसान:

  • चेहरे के फीचर्स थोड़े डिस्टॉर्ट हो सकते हैं।

  • टाइट हेडशॉट्स के लिए उपयुक्त नहीं।

टिप: इस लेंस का उपयोग तब करें जब बैकग्राउंड भी फोटो का अहम हिस्सा हो, जैसे ट्रैवल या स्ट्रीट पोर्ट्रेट्स में।


2. 50mm लेंस – नेचुरल लुक के लिए परफेक्ट

सबसे अच्छा: कैजुअल पोर्ट्रेट्स, स्ट्रीट फोटोग्राफी, और रोजमर्रा के शॉट्स।

50mm लेंस को "निफ्टी फिफ्टी" भी कहा जाता है क्योंकि यह इंसानी आँखों के व्यू के करीब होता है। इसमें डिस्टॉर्शन कम होता है और बैकग्राउंड थोड़ा कम्प्रेस्ड दिखता है।

 फायदे:

  • चेहरे के प्रोपोर्शन नेचुरल लगते हैं।

  • हाफ-बॉडी और फुल-बॉडी दोनों पोर्ट्रेट्स के लिए अच्छा।

  • हल्का और किफायती।

 नुकसान:

  • 85mm जितना बेहतरीन बोकेह नहीं बनाता।

  • क्लोज-अप हेडशॉट्स के लिए उतना फ्लैटरिंग नहीं।

टिप: डॉक्यूमेंट्री स्टाइल पोर्ट्रेट्स और कैंडिड शॉट्स के लिए बेस्ट।


3. 85mm लेंस – क्लासिक पोर्ट्रेट लेंस

सबसे अच्छा: फ्लैटरिंग हेडशॉट्स, क्रीमी बोकेह, और प्रोफेशनल पोर्ट्रेट्स।

85mm लेंस पोर्ट्रेट फोटोग्राफर्स का पसंदीदा होता है क्योंकि यह चेहरे को बिना डिस्टॉर्शन के बेहद आकर्षक बनाता है और बैकग्राउंड को सॉफ्ट ब्लर कर देता है।

 फायदे:

  • चेहरे के फीचर्स को बेहद सुंदर दिखाता है।

  • बैकग्राउंड अलग दिखता है (बोकेह इफेक्ट)।

  • वाइड लेंस की तुलना में डिस्टॉर्शन कम।

 नुकसान:

  • ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है।

  • टाइट स्पेस में फुल-बॉडी शॉट्स लेने में मुश्किल।

टिप: स्टूडियो पोर्ट्रेट्स, वेडिंग और प्रोफेशनल हेडशॉट्स के लिए आदर्श।


4. 120mm और उससे ऊपर – टाइट फ्रेमिंग और हाई कम्प्रेशन

सबसे अच्छा: क्लोज-अप पोर्ट्रेट्स, फैशन फोटोग्राफी, और दूर के सब्जेक्ट्स।

105mm, 120mm, या 135mm जैसे लेंस चेहरे को और भी ज्यादा कम्प्रेस्ड और बैलेंस्ड दिखाते हैं। ये बैकग्राउंड को पूरी तरह ब्लर करके सब्जेक्ट को पूरी तरह आइसोलेट कर देते हैं।

 फायदे:

  • चेहरे के डिटेल्स बेहद शार्प और फ्लैटरिंग।

  • ड्रीमी बैकग्राउंड ब्लर।

  • जीरो डिस्टॉर्शन।

 नुकसान:

  • काफी दूर से शूट करना पड़ता है।

  • भारी और बड़े लेंस।

टिप: स्टूडियो या ओपन आउटडोर लोकेशन में बेस्ट रिजल्ट देता है।


कौन सी फोकल लेंथ चुनें?

  • सराउंडिंग्स के साथ पोर्ट्रेट: 35mm

  • नेचुरल और वर्सेटाइल शॉट्स: 50mm

  • प्रोफेशनल हेडशॉट्स और बोकेह: 85mm

  • अल्ट्रा-क्लोज पोर्ट्रेट्स: 120mm+

अलग-अलग लेंस के साथ एक्सपेरिमेंट करके देखें कि आपको कौन सा सबसे अच्छा रिजल्ट देता है। आपकी फोटोग्राफी स्टाइल और आप जो कहानी बताना चाहते हैं, उसी के हिसाब से सही फोकल लेंथ चुनें!

???? हैप्पी शूटिंग!

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,