13 अक्टूबर का इतिहास

जिसने इस क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे संघर्षों को समाप्त करने में मदद की। उनका यह योगदान न केवल उनके देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हुआ। 1999 - राबर्ट मुंडेल को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

Oct 12, 2024 - 06:20
Oct 14, 2024 - 06:24
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13 अक्टूबर का इतिहास

1976 - बोलीविया में बोइंग जेट विमान दुर्घटना
13 अक्टूबर 1976 को बोलीविया में एक बोइंग जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें करीब 100 लोगों की जान चली गई। यह घटना बोलीविया के विमानन इतिहास की एक बड़ी त्रासदी थी। इस दुर्घटना के पीछे तकनीकी खराबी या मानवीय गलती को संभावित कारण माना गया था। दुर्घटना से निपटने में आपातकालीन सेवाओं ने कठिनाइयों का सामना किया, और इसने हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े किए।

1987 - ऑस्कर आरियास को शांति का नोबेल पुरस्कार
1987 में कोस्टारिका के राष्ट्रपति ऑस्कर आरियास को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आरियास को यह पुरस्कार मध्य अमेरिकी देशों में शांति और स्थिरता लाने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया। उनके नेतृत्व में एक शांति योजना तैयार की गई थी, जिसने इस क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे संघर्षों को समाप्त करने में मदद की। उनका यह योगदान न केवल उनके देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हुआ।

1999 - राबर्ट मुंडेल को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
13 अक्टूबर 1999 को कोलम्बिया विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री प्रो. राबर्ट मुंडेल को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। मुंडेल को यह पुरस्कार उनके आर्थिक नीति के क्षेत्र में योगदान के लिए मिला, खासकर मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और मुद्रा के बीच संबंधों को बेहतर ढंग से समझने के लिए। उनकी सोच ने यूरोपीय संघ के एकल मुद्रा, यूरो, की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1999 - अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने
13 अक्टूबर 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। यह उनके राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण क्षण था क्योंकि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। वाजपेयी की सरकार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में गठबंधन सरकार के रूप में देखा गया। उनके कार्यकाल में देश ने आर्थिक और सामाजिक नीतियों में कई महत्वपूर्ण सुधार देखे, और उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में स्थापित किया।

2000 - किम दाई जुंग को शांति का नोबेल पुरस्कार
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति किम दाई जुंग को 2000 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उन्हें यह सम्मान उत्तर कोरिया के साथ अपने शांतिपूर्ण संवाद और संबंध सुधारने के प्रयासों के लिए मिला। किम दाई जुंग की 'सूरजमुखी नीति' ने उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।

2001 - नाइजीरिया में साम्प्रदायिक हिंसा
13 अक्टूबर 2001 को नाइजीरिया में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में लगभग 200 लोग मारे गए। यह हिंसा अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर हमले के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। नाइजीरिया के विभिन्न धार्मिक और सांप्रदायिक समूहों के बीच पहले से मौजूद तनाव इस घटना के बाद और बढ़ गया, जिससे देश में अशांति फैल गई।

2002 - बाली नाइट क्लब विस्फोट
13 अक्टूबर 2002 को इंडोनेशिया के बाली में एक भीषण आतंकवादी हमले में 200 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। यह हमला एक नाइट क्लब में हुआ, जहाँ पर्यटकों की भीड़ थी। यह विस्फोट अल-कायदा से जुड़े आतंकवादियों द्वारा किया गया था और इसे उस समय के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जाता है। इस घटना के बाद इंडोनेशिया में सुरक्षा उपायों को कड़ा किया गया।

2003 - मिस्र के जुड़वां बच्चों का सफल ऑपरेशन
13 अक्टूबर 2003 को डलास में चिकित्सकों ने 26 घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद मिस्र के जुड़वां बच्चों के सिर को सफलतापूर्वक अलग किया। यह ऑपरेशन चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि दोनों बच्चों के सिर आपस में जुड़े हुए थे। ऑपरेशन में अत्यधिक सावधानी और जटिलता की आवश्यकता थी, और इसे दुनियाभर में सराहा गया। इस सफलता ने भविष्य में जटिल सर्जरी के लिए नए द्वार खोले।

2004 - सऊदी अरब द्वारा श्रमिकों की कटौती
13 अक्टूबर 2004 को सऊदी अरब ने घोषणा की कि वह हर साल एक लाख श्रमिकों की कटौती करेगा। यह निर्णय सऊदी सरकार की देश के भीतर बेरोजगारी की समस्या से निपटने और अपने नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया था। इस नीति के तहत विदेशी श्रमिकों की संख्या को नियंत्रित करने के उपायों पर जोर दिया गया, जिससे सऊदी समाज और अर्थव्यवस्था में बदलाव की उम्मीद थी।

2005 - हेराल्ड पिंटर को साहित्य का नोबेल पुरस्कार
13 अक्टूबर 2005 को जर्मनी के प्रसिद्ध नाटककार हेराल्ड पिंटर को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। पिंटर को यह पुरस्कार उनके नाटकों में मानव अस्तित्व, सत्ता और राजनीति पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए दिया गया। उनके कार्यों ने विश्व साहित्य में एक विशेष स्थान हासिल किया और उन्हें 20वीं शताब्दी के महान नाटककारों में से एक माना जाता है।

2006 - मा. युनुस और ग्रामीण बैंक को नोबेल पुरस्कार
13 अक्टूबर 2006 को बांग्लादेश के मोहम्मद युनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार गरीबों को सूक्ष्म ऋण प्रदान करने और गरीबी उन्मूलन के प्रयासों के लिए दिया गया। युनुस की इस पहल ने दुनियाभर में सूक्ष्म वित्त के क्षेत्र में क्रांति ला दी और लाखों लोगों की आजीविका में सुधार किया।

2008 - रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री की जमीन पर हाईकोर्ट का आदेश
13 अक्टूबर 2008 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना के लिए दी गई जमीन के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद जमीन विवाद को लेकर चल रही कानूनी प्रक्रिया में बदलाव आया और क्षेत्र में औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित हुआ। यह फैसला स्थानीय किसानों और परियोजना अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

2011 - दफ्तरों में हिंदी शब्दावली में बदलाव के निर्देश
13 अक्टूबर 2011 को गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने दफ्तरों में कठिन हिंदी शब्दों की जगह उर्दू, फ़ारसी, सामान्य हिंदी और अंग्रेज़ी के शब्दों के उपयोग के निर्देश दिए। सचिव वीणा उपाध्याय द्वारा जारी इस आदेश का उद्देश्य सरकारी कामकाज को सरल और अधिक प्रभावी बनाना था। इस कदम से प्रशासनिक भाषा को जनता के लिए अधिक सुलभ और समझने योग्य बनाने की कोशिश की गई।

2012 - पाकिस्तान में आत्मघाती हमला
13 अक्टूबर 2012 को पाकिस्तान के दारा अदम में एक आत्मघाती हमले में 15 लोगों की मौत हो गई। यह हमला पाकिस्तान के अशांत उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में हुआ, जहां लंबे समय से चरमपंथी गतिविधियाँ चल रही थीं। इस घटना ने देश की सुरक्षा चुनौतियों को एक बार फिर उजागर किया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और अधिक मजबूती से जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

2013 - मध्य प्रदेश के दतिया में भगदड़
13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में धार्मिक उत्सव के दौरान एक भगदड़ मच गई, जिसमें 109 लोग मारे गए। यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग एक संकरी पुल पर इकट्ठे हुए थे, और अफवाह फैलने के कारण भगदड़ मच गई। इस घटना ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों में सुधार की जरूरत को उजागर किया।

 

अविनाश साबले (जन्म: 1994)
अविनाश साबले एक भारतीय एथलीट हैं, जो लम्बी बाधा दौड़ में विशेषज्ञता रखते हैं। वह विशेष रूप से 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं। अविनाश ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं, जिसमें 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी शामिल है। उनका अनुशासन और दृढ़ संकल्प उन्हें भारतीय एथलेटिक्स में एक उभरता हुआ सितारा बनाते हैं। उनकी सफलता ने भारत में बाधा दौड़ के प्रति नए मानक स्थापित किए हैं और उन्हें एक प्रेरणा के रूप में देखा जाता है।

शिवेन्दर सिंह सिन्धू (जन्म: 1929)
शिवेन्दर सिंह सिन्धू मणिपुर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता थे। उनकी प्रशासनिक सेवा और राजनीतिक अनुभव ने उन्हें इन तीन राज्यों में कुशल नेतृत्व प्रदान करने में मदद की। सिन्धू का योगदान विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रहा, और वह अपने प्रभावशाली कार्यकाल के दौरान जनता के बीच सम्मानित थे। उनके कार्यकाल को उनकी नीतियों और राज्य के विकास के लिए किए गए प्रयासों के लिए याद किया जाता है।

अशोक कुमार (जन्म: 1911)
अशोक कुमार भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता थे, जिन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1936 में की थी। वह बॉलीवुड में 'दादा मुनि' के नाम से मशहूर थे और अपनी बेहतरीन अभिनय शैली के लिए जाने जाते थे। अशोक कुमार ने 60 से अधिक वर्षों के करियर में कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें किस्मत और आशीर्वाद जैसी क्लासिक फिल्में शामिल हैं। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक बना दिया।

नुसरत फ़तेह अली ख़ां (जन्म: 1948)
नुसरत फ़तेह अली ख़ां एक महान सूफ़ी गायक और कव्वाली के मर्मज्ञ कलाकार थे। उनका संगीत और उनकी गायकी ने कव्वाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनके गाए गए गीतों में सूफी भक्ति और प्रेम की गहनता होती थी। नुसरत साहब ने दुनियाभर में अपने संगीत से लाखों दिलों को छुआ। उनकी आवाज़ को सूफ़ी संगीत की आत्मा माना जाता है, और वह कव्वाली गायन की परंपरा को आधुनिक संगीत से जोड़ने में सफल रहे।

भूमिन्धर बर्मन (जन्म: 1931)
भूमिन्धर बर्मन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका राजनीतिक करियर राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रहा है। बर्मन ने अपने नेतृत्व में असम में कई नीतिगत बदलाव किए, विशेष रूप से ग्रामीण विकास और कृषि सुधारों के क्षेत्र में। वह राज्य की राजनीति में एक सम्मानित और प्रमुख चेहरा बने रहे, और उनकी सेवाएं राज्य के विकास में अमूल्य रही हैं।

सी. के. नायडू (जन्म: 1895)
सी. के. नायडू भारतीय क्रिकेट टीम के पहले टेस्ट कप्तान थे और उन्हें भारतीय क्रिकेट के संस्थापक स्तंभों में से एक माना जाता है। नायडू ने भारत के लिए 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और कप्तानी से भारतीय क्रिकेट का स्तर ऊँचा किया। उन्होंने अपनी करियर के दौरान भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दिलाई और आज भी उनके योगदान को याद किया जाता है।

भूलाभाई देसाई (जन्म: 1877)
भूलाभाई देसाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और विधिवेत्ता थे। वह महात्मा गांधी के निकट सहयोगी थे और भारत की आजादी के लिए कानूनी और राजनीतिक मोर्चे पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। देसाई ने संसद में भारतीय जनता के अधिकारों की आवाज उठाई और प्रमुख संसदीय नेता के रूप में कार्य किया। उनकी विधिक और राजनीतिक दृष्टि ने स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा दी।

भगिनी निवेदिता (मृत्यु: 1911)
भगिनी निवेदिता, जिनका असली नाम मार्गरेट एलिज़ाबेथ नोबल था, स्वामी विवेकानंद की शिष्या थीं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और समाज सुधार के लिए खुद को समर्पित किया। दार्जिलिंग में 13 अक्टूबर 1911 को उनका निधन हुआ। वह भारतीय महिलाओं की शिक्षा और उनके सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थीं। भगिनी निवेदिता का योगदान भारतीय समाज में गहरी छाप छोड़ने वाला रहा।

किशोर कुमार (मृत्यु: 1987)
किशोर कुमार भारतीय सिनेमा के सबसे महान गायकों और अभिनेताओं में से एक थे। उन्होंने न सिर्फ अपने गायन से बल्कि अभिनय और निर्देशन से भी सिनेमा को समृद्ध किया। उनकी आवाज़ और गानों की विविधता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय गायक बना दिया। 13 अक्टूबर 1987 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं। किशोर कुमार की बहुमुखी प्रतिभा उन्हें एक कालजयी कलाकार बनाती है।

निरुपा रॉय (मृत्यु: 2004)
निरुपा रॉय हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री थीं, जिन्हें विशेष रूप से "फिल्मों की माँ" के किरदारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाई, जिनमें दीवार और अमर अकबर एंथनी शामिल हैं। निरुपा रॉय का अभिनय करियर लंबा और प्रभावशाली रहा, और उन्होंने अपनी सादगी और गहन अभिनय के कारण दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। 13 अक्टूबर 2004 को उनका निधन हुआ।

जरनैल सिंह (मृत्यु: 2000)
जरनैल सिंह भारतीय फुटबॉल के एक महान खिलाड़ी थे। उन्हें भारतीय फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडरों में से एक माना जाता है। उन्होंने 1962 के एशियाई खेलों में भारतीय टीम की कप्तानी की और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। उनका खेल कौशल और नेतृत्व उन्हें भारतीय फुटबॉल का एक लीजेंड बनाता है। 13 अक्टूबर 2000 को उनका निधन हुआ, लेकिन भारतीय फुटबॉल में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

अमीर मीनाई (मृत्यु: 1900)
अमीर मीनाई उर्दू के प्रसिद्ध शायर थे, जिनका जन्म भारत में हुआ था। उनकी शायरी में प्रेम, दर्द और सामाजिक मुद्दों का गहरा चित्रण मिलता है। मीनाई की लेखनी ने उर्दू साहित्य में अमिट छाप छोड़ी। वह अपने युग के महत्वपूर्ण कवियों में से एक थे और उनकी रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों द्वारा पढ़ी और सराही जाती हैं। उनका निधन 13 अक्टूबर 1900 को हुआ।

विश्व दृष्टि दिवस
विश्व दृष्टि दिवस प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दृष्टिहीनता और आँखों से संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन लोगों को आंखों की देखभाल के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है और उन्हें अपनी दृष्टि को सुरक्षित रखने के उपाय सुझाए जाते हैं।

विश्व डाक सप्ताह
हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के उपलक्ष्य में डाक सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य डाक सेवाओं के महत्व को रेखांकित करना और डाक सेवाओं की व्यापक भूमिका को पहचानना है। यह सप्ताह डाक सेवाओं के माध्यम से लोगों और व्यवसायों के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस
राष्ट्रीय विधिक सहायता दिवस का उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लोगों को न्याय के अधिकार के प्रति जागरूक करने और कानूनी सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है।

 

 

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