29 सितंबर का इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे महान व्यक्ति और प्रमुख निधन

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Sep 27, 2024 - 19:43
Sep 29, 2024 - 05:31
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29 सितंबर का इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे महान व्यक्ति और प्रमुख निधन

29 सितंबर का इतिहास: महत्वपूर्ण घटनाएँ, जन्मे महान व्यक्ति और प्रमुख निधन

29 सितंबर का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं, महान व्यक्तियों के जन्म और प्रमुख निधन से जुड़ा है। यह दिन कई ऐतिहासिक मोड़ और उपलब्धियों का गवाह रहा है। आइए, इस दिन की प्रमुख घटनाओं, महान विभूतियों के जन्म और प्रमुख व्यक्तियों के निधन के बारे में विस्तार से जानते हैं। जानिए 29 सितंबर की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं, इस दिन जन्मे महान व्यक्तियों और प्रमुख निधन के बारे में। यह दिन विश्व हृदय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और भारतीय इतिहास में कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना तथा लता मंगेशकर जैसी विभूतियों से जुड़ा है

29 सितंबर का दिन विश्व इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं, महान विभूतियों के जन्म और प्रमुख निधन के रूप में याद किया जाता है। इस दिन को न केवल ऐतिहासिक घटनाओं के लिए, बल्कि समाज और कला के क्षेत्र में महान योगदान देने वाले व्यक्तियों के लिए भी सम्मानित किया जाता है। चाहे वह लता मंगेशकर की सुरीली आवाज़ हो या मोहम्मद रफ़ी का अतुलनीय संगीत, इस दिन से जुड़े लोग और घटनाएँ हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी

29 सितंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ:

 आज यहा  सभी आज की  घटनाक्रमों के बारे में आप को जानकारी डी जा रही है जिससे आप जान  सखे 

29 सितंबर1650: इंग्लैंड में पहले मैरिज ब्यूरो की शुरुआत

इंग्लैंड में पहले मैरिज ब्यूरो की स्थापना हुई, जिससे वैवाहिक जीवन को व्यवस्थित करने का एक नया माध्यम उत्पन्न हुआ। यह ब्यूरो अविवाहित लोगों के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता था, जहाँ वे अपने जीवनसाथी की खोज कर सकते थे।

29 सितंबर1789: अमेरिका के युद्ध विभाग ने स्थायी सेना स्थापित की

1789 में, अमेरिका के युद्ध विभाग ने एक स्थायी सेना की स्थापना की। यह कदम एक पेशेवर सेना की आवश्यकता को दर्शाता था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक शांति बनाए रखने में मददगार साबित हुआ।

29 सितंबर1836: मद्रास चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना

1836 में मद्रास चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना हुई, जिससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिला। यह संगठन स्थानीय व्यवसायों के हितों की रक्षा करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

29 सितंबर1911: इटली ने ऑटोमन साम्राज्य के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा

1911 में, इटली ने ऑटोमन साम्राज्य के खिलाफ युद्ध की घोषणा की, जिससे इटालियन-ऑटोमन युद्ध की शुरुआत हुई। यह संघर्ष उत्तरी अफ्रीका में विशेष रूप से लिबिया में हुआ और इटली की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक बना।

29 सितंबर1915: टेलीफोन से पहला अंतरमहाद्वीपीय संदेश भेजा गया

1915 में, टेलीफोन के माध्यम से पहला अंतरमहाद्वीपीय संदेश भेजा गया, जो संचार तकनीक में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। यह घटना विश्व के विभिन्न हिस्सों के बीच तात्कालिक संवाद को संभव बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।

29 सितंबर1927: अमेरिका और मैक्सिको के बीच टेलीफोन सेवा की शुरुआत

1927 में अमेरिका और मैक्सिको के बीच टेलीफोन सेवा शुरू हुई, जिससे दोनों देशों के बीच संचार का रास्ता आसान हुआ। यह सेवा व्यापार, राजनयिक संबंध और व्यक्तिगत संवाद को बेहतर बनाने में सहायक साबित हुई।

29 सितंबर1959: भारतीय तैराक आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को तैरकर पार किया

1959 में, आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को तैरकर पार किया, जिससे वे इस चुनौतीपूर्ण जलमार्ग को पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। यह उनकी साहसिकता और समर्पण का प्रतीक था, जिसने भारतीय तैराकी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

29 सितंबर1962: कोलकाता में बिड़ला तारामंडल का उद्घाटन

1962 में कोलकाता में बिड़ला तारामंडल का उद्घाटन हुआ, जो भारतीय खगोल विज्ञान में एक महत्वपूर्ण संस्थान बन गया। यह विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और छात्रों को खगोलशास्त्र के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

29 सितंबर1971: बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान से लगभग 10 हज़ार लोगों की मौत

1971 में बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ने व्यापक तबाही मचाई, जिसमें लगभग 10,000 लोगों की जान चली गई। यह प्राकृतिक आपदा मानवता के लिए एक गंभीर चेतावनी थी, जिससे आपातकालीन प्रबंधन और आपदा राहत पर ध्यान केंद्रित किया गया।

29 सितंबर1977: सोवियत संघ ने स्पेस स्टेशन साल्युत 6 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया

1977 में, सोवियत संघ ने स्पेस स्टेशन साल्युत 6 को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। यह कदम अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसने मानव अंतरिक्ष यात्रा की संभावनाओं को और बढ़ाया।

29 सितंबर1970: मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर का निधन

1970 में, मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर का निधन हुआ। वे अरब राष्ट्रीयता और समाजवाद के प्रवर्तक थे और उनके नेतृत्व में मिस्र ने महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन देखे।

29 सितंबर2000: चीन की मुन्चोनाक कोयला खान में 100 लोगों की मृत्यु

2000 में, चीन की मुन्चोनाक कोयला खान में एक दुर्घटना हुई, जिसमें 100 लोगों की जान गई। यह घटना कोयला खनन उद्योग की सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है और इसके बाद सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

29 सितंबर 2001: संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद विरोधी अमेरिकी प्रस्ताव पारित किया

2001 में, संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद के खिलाफ एक अमेरिकी प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से था, विशेष रूप से 11 सितंबर के हमलों के बाद।

29 सितंबर 2002: बुसान में 14वें एशियाई खेलों का उद्घाटन

2002 में बुसान, दक्षिण कोरिया में 14वें एशियाई खेलों का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम ने एशियाई देशों के बीच खेलों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया और खेलों के प्रति उत्साह को उत्पन्न किया।

29 सितंबर 2003: ईरान ने यूरेनियम परिशोधन कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया

2003 में, ईरान ने अपने यूरेनियम परिशोधन कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय लिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ गईं। यह कदम वैश्विक स्तर पर ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में विवादों को जन्म देता है।

2006: विश्व की पहली महिला अंतरिक्ष पर्यटक अनुशेह अंसारी सकुशल पृथ्वी पर लौटीं

2006 में, अनुशेह अंसारी विश्व की पहली महिला अंतरिक्ष पर्यटक बनीं, जिन्होंने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यात्रा की और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आईं। यह उपलब्धि महिलाओं की सफलता और अंतरिक्ष यात्रा की संभावनाओं को दर्शाती है।

29 सितंबर 2009: अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी फेडरेशन की ताजा रैंकिंग में बिजेंद्र सिंह को 75 किग्रा श्रेणी में पहला स्थान मिला

2009 में, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी फेडरेशन की रैंकिंग में भारतीय मुक्केबाज़ बिजेंद्र सिंह को 75 किग्रा श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त हुआ। यह उनकी मेहनत और उपलब्धियों का परिणाम था, जिसने भारतीय मुक्केबाज़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।

यहां 29 सितंबर को जन्मे और निधन वाले व्यक्तियों की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत है:

29 सितंबर को जन्मे महान व्यक्ति जो  लोगो  को प्केरेरणा देते हैं उनके  बारे में बारे में  जानकारी  

29 सितंबर 1947: एस. एच. कपाड़िया
एस. एच. कपाड़िया भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने संवैधानिक मामलों में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और न्यायालय की प्रतिष्ठा को बनाए रखा।

29 सितंबर  1944: मीना काकोदकर
मीना काकोदकर कोंकणी भाषा की एक प्रसिद्ध लेखिका हैं, जिन्होंने साहित्यिक योगदान के माध्यम से कोंकणी भाषा और संस्कृति को समृद्ध किया। उनकी रचनाएँ सामाजिक मुद्दों को उठाती हैं और पाठकों के बीच लोकप्रियता हासिल करती हैं।

29 सितंबर 1943: मोहम्मद ख़ातमी
मोहम्मद ख़ातमी ईरान के पाँचवें राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने 1997 से 2005 तक कार्य किया। वे सुधारवादी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं और उनके शासनकाल में कई राजनीतिक और सामाजिक सुधार लागू किए गए।

29 सितंबर 1932: महमूद
महमूद एक प्रसिद्ध भारतीय हास्य अभिनेता थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने अद्वितीय अभिनय से दर्शकों को हंसाया। उनकी फिल्मों में कॉमेडी और मनोरंजन का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है, जिसने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया।

1930: सत्यव्रत शास्त्री
सत्यव्रत शास्त्री एक महान संस्कृत विद्वान और साहित्यकार थे। उन्होंने संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई काव्य, नाटक और ग्रंथों की रचना की, जो आज भी अध्ययन का विषय हैं।

1928: बृजेश मिश्र
बृजेश मिश्र भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाई और सुरक्षा रणनीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे देश की सुरक्षा को सुदृढ़ किया गया।

1725: रॉबर्ट क्लाइव
रॉबर्ट क्लाइव ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत में नियुक्त पहले गवर्नर थे। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1757 में पलासी की लड़ाई में जीत हासिल की।

29 सितंबर  29 सितंबर को  जिनका  निधन हुआ उनके बारे में जानकारी 

2020: के. सी. शिवशंकर
के. सी. शिवशंकर एक प्रसिद्ध चित्रकार और कार्टूनिस्ट थे। उनकी कला ने भारतीय कला जगत में एक विशेष स्थान बनाया। उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर आधारित चित्रण किए, जो लोगों के बीच जागरूकता फैलाते थे।

2017: टॉम अल्टर
टॉम अल्टर भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता रहे, जिन्होंने कई फिल्मों और धारावाहिकों में काम किया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें विभिन्न भूमिकाओं में सफल बनाया और वे दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान रखते थे।

2004: बालमणि अम्मा
बालमणि अम्मा मलयालम भाषा की एक प्रसिद्ध कवियित्री थीं, जिन्होंने अपनी काव्य रचनाओं से साहित्य की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताएं भावनाओं और जीवन के विविध पहलुओं को गहराई से छूती हैं।

1944: गोपाल सेन
गोपाल सेन पश्चिम बंगाल के एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया और देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उनकी निष्ठा और बलिदान ने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया। 

गोपाल सेन 1944 में पश्चिम बंगाल के एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 1911 में हुआ और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे। गोपाल सेन ने युवाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ कई आंदोलन और कार्यों में भाग लिया, जिसमें गुप्त गतिविधियाँ और समर्पण शामिल था। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन उन्होंने अपने विचारों से कभी समझौता नहीं किया। उनकी साहसिकता और निष्ठा ने उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया। गोपाल सेन का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सदैव याद किया जाएगा।

  • 1942: मातंगिनी हज़ारा - भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महिला क्रांतिकारी।

मातंगिनी हज़ारा एक प्रमुख महिला क्रांतिकारी थीं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 1858 में बंगाल के एक गरीब परिवार में हुआ। मातंगिनी ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह में भाग लिया। 1857 की क्रांति के समय, उन्होंने न केवल शस्त्र उठाए, बल्कि अपने साथी क्रांतिकारियों को भी प्रेरित किया। उन्हें "झाँसी की रानी" के नाम से भी जाना जाता है। मातंगिनी हज़ारा ने अपने जीवन में साहस, बलिदान और निष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने 1905 में बंगाल विभाजन के खिलाफ आंदोलन में भी भाग लिया, जिससे उनकी महानता और भी उजागर होती है। उनका जीवन महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।

29 सितंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव:

  • विश्व हृदय दिवस: हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।

विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को हृदय रोगों (cardiovascular diseases) और उनसे जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा सकें।

यह दिन सबसे पहले 2000 में विश्व हृदय महासंघ (World Heart Federation) द्वारा मनाया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य हृदय संबंधी बीमारियों की बढ़ती संख्या को कम करना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, और इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा उचित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली से बचाया जा सकता है।

विश्व हृदय दिवस के मुख्य लक्ष्य:

  1. जागरूकता फैलाना: हृदय रोगों के लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: सभी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और जानकारी उपलब्ध कराना, ताकि वे हृदय रोगों से बच सकें।
  3. स्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब सेवन, अनियमित भोजन और व्यायाम की कमी जैसी आदतों से बचने की सलाह देना।
  4. समुदाय और सरकारी संगठनों का सहयोग: हृदय स्वास्थ्य सुधार के लिए विभिन्न संगठनों, सरकारों और समुदायों के बीच समन्वय बढ़ाना।

इस वर्ष की थीम

प्रत्येक वर्ष इस दिवस की एक नई थीम होती है, जो स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है। 2023 की थीम थी: "Use Heart, Know Heart"। इसका उद्देश्य था कि लोग अपने हृदय का सही उपयोग और उसकी देखभाल कैसे करें, इस पर ध्यान दें।

इस दिन लोग अपने हृदय की सेहत को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता फैलाने वाले कार्यक्रमों, वर्कशॉप, मैराथन और स्वास्थ्य जांच शिविरों में हिस्सा लेते हैं।

  • कद्दू दिवस: कद्दू के स्वास्थ्य लाभ और विविध उपयोगों के सम्मान में मनाया जाता है।

कद्दू दिवस कद्दू के स्वास्थ्य लाभ और उसके विविध उपयोगों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। कद्दू में पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक हैं। इसका उपयोग व्यंजनों, मिठाइयों, पेय पदार्थों और त्वचा देखभाल उत्पादों में भी होता है। कद्दू दिवस इस बहुमुखी फल के महत्व को उजागर करने और इसे आहार में शामिल करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार