सादगीपूर्ण जीवन शैली की मिसाल माने जाते हैं थे मनोहर पर्रिकर

सादगीपूर्ण जीवन शैली की मिसाल माने जाते हैं थे मनोहर पर्रिकर, Manohar Parrikar was considered an example of simple lifestyle,

Dec 13, 2024 - 19:08
 0
सादगीपूर्ण जीवनशैली की मिसाल माने जाते हैं थे मनोहर पर्रिकर
 
मनोहर पर्रिकर का जन्म 1955 में आज ही गोवा में हुआ था। स्कूल में पढ़ाई के दौरान आरएसएस से जुड़ गए। 1994 में गोवा की विधानसभा में विधायक बने। वह चार बार गोवा के मुख्यमंत्री भी चुने गए थे। साल 2014 में देश के रक्षा मंत्री बने। उनके कार्यकाल में ही भारत ने गुलाम जम्मू कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। विरोधी दल के नेता भी उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली के मुरीद थे। मुख्यमंत्री रहते हुए भी अक्सर स्कूटर से विधानसभा जाते थे किसी टी स्टाल पर रुक कर चाय पीते हुए दिख जाते थे।
  

मनोहर पर्रिकर भारतीय राजनीति के एक प्रतिष्ठित नेता थे, जिन्हें उनकी सादगी, ईमानदारी और दृढ़ नायकत्व के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के एक छोटे से गांव में हुआ था। पर्रिकर का जीवन हमेशा से ही साधारण और जनता के करीब रहा। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। आरएसएस के प्रति उनका जुड़ाव जीवनभर बना रहा और उन्होंने संघ के विचारों को अपने राजनीतिक कार्यों में पूरी तरह से उतारा।

मनोहर पर्रिकर ने 1994 में गोवा की विधानसभा में विधायक के रूप में कदम रखा। उनकी पहचान एक ऐसे नेता के रूप में बनी, जो हमेशा जनता के बीच रहते थे और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए तत्पर रहते थे। पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार कार्य किया और हर बार उन्होंने अपने काम से लोगों का दिल जीता। मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनकी जीवनशैली बेहद सादगीपूर्ण थी। वह अपने पैतृक घर में रहते थे, और स्कूटर पर विधानसभा जाते थे। उनका यह सरल जीवन और जनता के बीच रहकर काम करने का तरीका उन्हें हर वर्ग में लोकप्रिय बना गया।

2014 में उन्हें भारत के रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। उनके कार्यकाल में भारत ने पाकिस्तान द्वारा कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सर्जिकल स्ट्राइक की, जो एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई मानी जाती है। यह कदम उनकी रणनीतिक सोच और देश की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मनोहर पर्रिकर को उनके विरोधी भी उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए सराहते थे। उनकी कार्यशैली और व्यक्तिगत जीवन ने उन्हें सभी वर्गों के बीच एक आदर्श नेता बना दिया था। वह न केवल एक सक्षम प्रशासक थे, बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी एक उच्चतम नैतिकता के उदाहरण प्रस्तुत करते थे।

उनकी कार्यशैली, सरलता और राष्ट्र की सेवा के प्रति उनका समर्पण हमेशा भारतीय राजनीति में याद किया जाएगा। 2019 में उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी विरासत और उनके सिद्धांत भारतीय राजनीति में हमेशा जीवित रहेंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार