वक्फ संशोधन कानून 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम आदेश दे सकती है अदालत

वक्फ संशोधन कानून 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम आदेश दे सकती है अदालत, Hearing on Waqf Amendment Act 2025 in Supreme Court today, court can give interim order on three important documents,

May 20, 2025 - 04:24
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वक्फ संशोधन कानून 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम आदेश दे सकती है अदालत

वक्फ संशोधन कानून 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम आदेश दे सकती है अदालत

नई दिल्ली (पीटीआई): वक्फ संशोधन कानून 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज (मंगलवार, 20 मई) सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ इस मामले में तीन प्रमुख मुद्दों पर अंतरिम आदेश पारित कर सकती है। इससे पहले 15 मई को प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई को आज तक के लिए स्थगित करते हुए कहा था कि वह इन तीन मुद्दों पर दलीलें सुनेगी और अंतरिम निर्देश जारी कर सकती है।

कौन से हैं वो तीन प्रमुख मुद्दे?

  1. वक्फ बाय यूजर या वक्फ बाय डीड से जुड़ी संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करना:
    याचिकाकर्ता इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि जो संपत्तियां लंबे समय से वक्फ उपयोग में रही हैं (भले ही उनके नाम पर कोई वक्फ डीड न हो), उन्हें गैर-अधिसूचित करने का अधिकार सरकार को नहीं दिया जाना चाहिए।

  2. वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना:
    याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि वक्फ बोर्ड के संचालन में केवल मुसलमानों को ही भूमिका दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर किसी गैर-मुस्लिम को वक्फ प्रबंधन में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

  3. कलेक्टर द्वारा संपत्ति की जांच का प्रावधान:
    नए कानून में यह प्रावधान है कि यदि कलेक्टर जांच के बाद यह तय करता है कि कोई संपत्ति सरकारी है, तो उसे वक्फ नहीं माना जाएगा। याचिकाकर्ता इसे वक्फ संपत्तियों के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं।

याचिकाकर्ताओं की दलील

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल समेत अन्य वकीलों ने कोर्ट में दलील दी है कि संशोधित कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और संपत्ति से जुड़े मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं से 19 मई तक अपने लिखित तर्क (नोट्स) जमा करने को कहा था।

कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मूल वक्फ अधिनियम 1995 पर अंतरिम रोक नहीं लगाई जाएगी। हालांकि तीन विवादित मुद्दों पर अंतरिम निर्देश दिए जा सकते हैं। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि फिलहाल पंजीकृत और अधिसूचित वक्फ संपत्तियों को—including वक्फ बाय यूजर—गैर अधिसूचित नहीं किया जाएगा और वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति भी नहीं की जाएगी।

केरल सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची

केरल सरकार ने भी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं में हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि नया कानून 1995 के मूल अधिनियम से भटक गया है और यह मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। राज्य सरकार ने कहा कि कई प्रविधान अत्यधिक अन्यायपूर्ण हैं और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाते हैं।

केंद्र सरकार का रुख

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वक्फ संशोधन कानून 2025 का बचाव किया था। केंद्र ने कहा था कि संसद द्वारा पारित कानून पर पूर्ण रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।

आज की सुनवाई वक्फ संपत्तियों, उनके प्रबंधन और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट का कोई भी अंतरिम आदेश न केवल कानूनी दिशा तय करेगा, बल्कि देशभर में वक्फ संपत्तियों के भविष्य पर भी असर डाल सकता है।

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