शासकीय विद्यालयों को कब्रिस्तान में बदलने का षड्यंत्र: लैंड जिहाद के बढ़ते मामले

वो दिन इसी साल 15 अगस्‍त का था, जब पहली बार मध्‍य प्रदेश के सागर में परसोरिया के पास गिरवर के मिडिल स्कूल में कब्रिस्तान बनाने के लिए इस्‍लामिक योजना बनाई गई और सरकारी विद्यालय परिसर में इस दिन शासकीय अवकाश होने का लाभ उठाते हुए यहां पर कब्र खोदकर गांव के एक व्यक्ति को […]

Nov 16, 2024 - 19:35
Nov 16, 2024 - 19:49
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शासकीय विद्यालयों को कब्रिस्तान में बदलने का षड्यंत्र: लैंड जिहाद के बढ़ते मामले

मध्य प्रदेश: शासकीय विद्यालय में कब्रिस्तान बनाने की कोशिश नाकाम, प्रशासन ने लिया सख्त एक्शन

सागर, मध्य प्रदेश:
सागर जिले के गिरवर गांव स्थित शासकीय विद्यालय परिसर में कब्रिस्तान बनाने की कोशिश का मामला सामने आया। बाल संरक्षण आयोग की सक्रियता और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से यह कोशिश असफल हो गई। मामला तब उजागर हुआ जब 15 नवंबर को स्कूल की छुट्टी का फायदा उठाकर विद्यालय परिसर में दूसरी कब्र खोदने की प्रक्रिया शुरू की गई।

पहली घटना

15 अगस्त को इसी विद्यालय परिसर में पहले भी एक व्यक्ति को दफनाया गया था। यह जानकारी होने के बावजूद शिक्षा विभाग और पंचायत ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाल संरक्षण आयोग सदस्य ओंकार सिंह ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए इसे शिक्षा विभाग की बड़ी चूक करार दिया।

कैसे रोकी गई घटना?

गांव के स्थानीय लोगों ने जब यह देखा कि विद्यालय परिसर में एक और कब्र खोदी जा रही है, तो उन्होंने बाल संरक्षण आयोग और पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने पुलिस और प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

एसडीओपी प्रकाश मिश्रा, तहसीलदार विजय त्रिपाठी, थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने इस्लामिक समुदाय के लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रारंभ में विरोध का सामना करना पड़ा। अंततः प्रशासनिक समझाइश और कानूनी चेतावनी के बाद शव को अन्यत्र दफनाने के लिए सहमति बनी।

प्रशासनिक कार्रवाई

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने मामले की जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि विद्यालय परिसर में इस तरह की घटना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई के संकेत दिए।

बड़े सवाल और लैंड जिहाद का आरोप

यह मामला केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है। देश के कई हिस्सों में इस तरह के मामलों में जबरन जमीन कब्जाने के आरोप लगते रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटनाएं कथित 'लैंड जिहाद' की ओर संकेत करती हैं, जिसमें शासकीय भूमि या सार्वजनिक स्थानों को अवैध तरीके से धार्मिक उपयोग के लिए कब्जा करने की कोशिश की जाती है।

विद्यालय परिसर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षा के लिए खतरा हैं बल्कि सामुदायिक सद्भाव को भी प्रभावित करती हैं। यह घटना प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसी कोशिशों को रोकने की दिशा में सतर्क रहने की जरूरत को रेखांकित करती है।

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