अभिव्यक्ति की सुविधाजनक व्याख्या: अनंत विजय

धार्मिक आतंकवाद दिखाती है। यह एक एजेंडा फिल्म है जो चुनाव के समय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देगी

Apr 7, 2024 - 21:48
Apr 7, 2024 - 22:11
 0  20
अभिव्यक्ति की सुविधाजनक व्याख्या: अनंत विजय

अभिव्यक्ति की सुविधाजनक व्याख्या

शुक्रवार को दूरदर्शन पर' द केरल स्टोरी' दिखाए जाने के संदर्भ में विपक्षी दलों के कई नेताओं ने विरोध जताया। ऐसे में यह समझा जाना चाहिए कि जो लोग 'द केरल स्टोरी' या 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों का विरोध करते हैं, वे सच से मुंह मोड़ते नजर आते हैं। हमारे समाज में इस तरह की जो भी घटनाएं हो रही हैं, जो युवा पीढ़ी को बरगलाती है, इतिहास के क्रूर पन्नों को छिपाती हैं, तो उसे दिखाने का अधिकार संविधान भारत के हर नागरिक को प्रदान करता है।

लिहाजा अभिव्यक्ति की चुनिंदा स्वाधीनता खतरनाक साबित हो सकती है फिल्म 'द केरल स्टोरी' के बीते शुक्रवार को दूरदर्शन पर दिखाने को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन से लेकर कई अन्य नेताओं ने विरोध जताया। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर टिप्पणियों से लेकर मामला कोर्ट तक में पहुंचा। एक कवि ने केरल हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि इस फिल्म को आम चुनाव के संपन्न होने तक दूरदर्शन पर दिखाए जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए। तर्क यह दिया गया था कि यह फिल्म धार्मिक आतंकवाद दिखाती है। यह एक एजेंडा फिल्म है जो चुनाव के समय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देगी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी दूरदर्शन का दुरुपयोग कर रही है और दूरदर्शन के माध्यम से अपनी विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। केरल हाई कोर्ट ने इस फिल्म को दूरदर्शन पर दिखाने के निर्णय पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।


केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने लिखा कि राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता दूरदर्शन को बीजेपी-आरएसएस का प्रोपेगंडा मशीन बनने से बचना चाहिए। उनके अनुसार यह फिल्म सांप्रदायिकता को बढ़ावा देनेवाली है और चुनाव के समय इसका प्रसारण अनुचित है। केरल से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने भी कुछ इसी तरह की बातें कीं। उनके अनुसार, 'इस समय 'द केरल स्टोरी' को दिखाना शर्मनाक है। जब यह फिल्म आई थी तो सभी ने कहा था कि यह केरल की स्टोरी नहीं है।' इस मसले पर वामदलों और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि दूरदर्शन पर इस फिल्म को दिखाने का निर्णय चुनाव को प्रभावित करने की मंशा से किया जा रहा है। ये सभी वे लोग हैं जो स्वयं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चैंपियन बताते हैं। दिन रात संविधान को बचाने की कसमें खाते हैं।

प्रश्न यही उठता है कि क्या संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वाधीनता कुछ चुनिंदा लोगों या विचारधारा को प्रदान की है क्या 'द केरला स्टोरी' के निर्माताओं केवल राजनीति प्रतीत होती है। क्या कोई विचारधारा इतनी कमजोर होती है कि वह एक फिल्म से हिल जाए या खतरे में आ जाए। विचार करना चाहिए।


को संविधान अभिव्यक्ति की स्वाधीनता नहीं देता है। फिल्म का विरोध तब जबकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने इसे सार्वजनिक प्रदर्शन के उपयुक्त माना था। पिछले वर्ष इस फिल्म की रिलीज के समय भी इसी तरह का वैचारिक बवाल मचा था। जिन्होंने फिल्म देखी नहीं थी वे ट्रेलर को देखकर इसे एजेंडा फिल्म करार दे रहे थे। वाम दलों और कांग्रेस के नेताओं को अभिव्यक्ति कीस्वाधीनता की इतनी ही चिंता होती तो वे इसके दूरदर्शन पर दिखाए जाने का विरोध नहीं करते। इस फिल्म को देखते या अपने समर्थकों को इसे देखने के लिए प्रेरित करते। फिल्म को देखने के बाद इसकी कमजोरियों को समाज के सामने प्रस्तुत करते। फिल्म देखे बिना उसका विरोध करना और उसे एजेंडा और प्रोपगंडा बताना कानून सम्मत तो नहीं ही कहा जा सकता है।

आपको याद दिला दें कि जब यह फिल्म रिलीज होने वाली थी, तब भी केरल हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर कर प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। उस समय भी हाई कोर्ट ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से मना कर दिया था। जब एक बार फिल्मों को प्रमाणपत्र देनेवाली संस्था केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने इसे पास कर दिया था तो फिर से उसके प्रदर्शन को रोकने की मंशा केवल और पिशाच भी नहीं होते हैं, लेकिन फिल्मों में काल्पनिक रूप से उन्हें दिखाया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणी न्यायमूर्ति नागरेश ने की थी, जिन्होंने कहा था, 'कई फिल्मों में हिंदू संन्यासियों को तस्कर और बलात्कारी दिखाया गया है, लेकिन कभी भी किसी ने उस पर आपत्ति नहीं जताई।

हिंदी और मलयालम में इस तरह की कई फिल्में देखी होंगी। मलयालम में तो एक फिल्म में पुजारी को मूर्ति पर थूकते दिखाया गया था, लेकिन उससे भी किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई  पिछले साल इस फिल्म को लेकरकेरल हाई कोर्ट ने जो टिप्पणी की थी, उसे एक बार फिर से याद दिलाने कीआवश्यकता है। केरल हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के साथ फिल्म के ट्रेलर को कोर्ट में ही देखा था। देखने के बाद कहा था कि यह काल्पनिक है। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि इस फिक्शनल फिल्म का उद्देश्य मुसलमानों को खलनायक के रूप में पेश करना है। कोर्ट ने इससे भी असहमति जताते  हुए कहा था कि फिल्मों में कई तरह की चीजें दिखाई जाती हैं। भूत और थी।

Doordarshan airs 'The Kerala Story', Dhruv Rathee's video screened to  counter | Latest News India - Hindustan Times

आप कल्पना कर सकते हैं कि वह फिल्म पुरस्कृत भी हुई थी।' न्यायमूर्ति की इस टिप्पणी ने भारतीय फिल्म जगत के उस एजेंडे को बेनकाब कर दिया था जो अब तक फिल्मों में चल रहा है। कोर्ट की यह टिप्पणी भी उल्लेखनीय रही कि 'द केरल स्टोरी' में इस्लाम के विरुद्ध कुछ नहीं है, इस्लाम पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है। इस फिल्म में आतंकवादी संगठन आइएस की करतूतों को दिखाया गया है। फिल्म का विरोध तब भी हुआ था और अब भी हुआ। 'द केरल स्टोरी' में इस्लाम के विरुद्ध कुछ भी नहीं है। ऐसा अदालत ने भी माना था। 

दरअसल वाम दल और कांग्रेस पार्टी के नेता इस फिल्म के जरिये अपनी राजनीति चमकाने की फिराक में दिखाई देते हैं। फिल्म आतंकवादी संगठन के विरोध में है और वे इसे सांप्रदायिक सद्भाव भड़‌कानेवाली फिल्म बता रहे हैं। यह तो युवा पीढ़ी को आतंकवाद के खतरे से आगाह करती हुई फिल्म है। दरअसल, द केरल स्टोरी, द कश्मीर फाइल्स या वैक्सीन वार ऐसी फिल्में हैं जो वाम दलों के विचार का पोषण नहीं करती हैं। ये फिल्में भारतीय विचार को आगे बढ़ाती हैं जिस कारण कुछ लोगों को आपत्ति होती है। उन्हें लगता है कि हिंदी फिल्म उद्योग में जिस तरह से 'मिशन कश्मीर' और 'फना' के माध्यम से आतंक और आतंकवादियों को लेकर एक कुछ माह पूर्व रिलीज हुई फिल्म  रोमांटिसिज्म दिखाया जाता रहा है, उसे चुनौती कैसे दी जा सकती है। जो लोग द केरल स्टोरी या द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों का विरोध करते हैं, वे सचा से मुंह मोड़ते नजर आते हैं।

समाज में ऐसा जो भी घटित हो रहा है, जो युवा पीढ़ी को बरगलाए, इतिहास के क्रूर पन्ने को छिपाए, उसे दिखाने का अधिकार संविधान हर नागरिक को देता है। दिखाने की क्या सीमा हो इसका निर्धारण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड करता है। चलचित्र अधिनियम में लिखा है कि किस तरह की फिल्मों का सार्वजनिक प्रदर्शन किया जा सकता है और किसका नहीं।

संविधान बचाने की बात करनेवाले दल और नेता जब संविधान के अंतर्गत निर्मित संस्था के निर्णयों के विरुद्ध जाकर राजनीति करते हैं तो ऐसा लगता है कि संविधान बचाने की बात केवल राजनीति है। संविधान सभी नागरिकों को विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन यह भी बताता है कि विरोध किसी की अभिव्यक्ति की स्वाधीनता को बाधित न करे। फिल्मों के कंटेंट पर बात होनी चाहिए, उनके ट्रीटमेंट के तरीके पर बात होनी चाहिए। उसके पक्ष-विपक्ष में लिखा जाना चाहिए, लेकिन सिरे से किसी भी प्रमाणित फिल्म के प्रसारण को रोकने की मांग अनुचित है। अभिव्यक्ति की स्वाधीनता का चुनिंदा होना खतरनाक है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक bharatiya news देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com भारतीय न्यूज़ नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, How to earn money online in India, How to start blog in 2025, How to lose weight fast at home, How to make resume on phone, How to get government job easily, How to cook biryani at home, How to invest in stock market India, How to improve English speaking skills, How to create YouTube channel, How to do meditation properly, How to learn coding from scratch, How to save money every month, How to increase Instagram followers, How to get glowing skin naturally, How to download YouTube videos, How to apply for passport online, How to prepare for UPSC exam, How to control anger instantly, How to reduce stress and anxiety, How to open bank account online, How to start freelancing career, How to get fit without gym, How to make reels viral, How to create Paytm account, How to apply for driving licence, How to check PF balance online, How to remove dark circles naturally, How to get scholarship in India, How to become rich in short time, How to make Dalgona coffee at home, How to get admission in DU, How to link Aadhaar with PAN card, How to make money from Instagram, How to repair mobile phone at home, How to register for GST in India, How to make website free, How to crack SSC CGL exam, How to apply for voter ID online, How to increase height naturally, How to write essay in Hindi, How to check mobile number owner, How to get rid of pimples fast, How to do yoga at home, How to become actor in Bollywood, How to book train ticket online, How to use ChatGPT in Hindi, How to transfer money from UPI, How to delete Instagram account permanently, How to learn digital marketing free, How to start small business in India, इन सभी विषये के आप ब्लॉग समाचार पढ़े भारत में ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए, 2025 में ब्लॉग कैसे शुरू करें, घर पर तेजी से वजन कैसे कम करें, फोन पर रिज्यूमे कैसे बनाएं, आसानी से सरकारी नौकरी कैसे पाएं, घर पर बिरयानी कैसे पकाएं, भारत में शेयर बाजार में निवेश कैसे करें, अंग्रेजी बोलने के कौशल को कैसे सुधारें, YouTube चैनल कैसे बनाएं, ध्यान कैसे ठीक से करें, स्क्रैच से कोडिंग कैसे सीखें, हर महीने पैसे कैसे बचाएं, इंस्टाग्राम फॉलोअर्स कैसे बढ़ाएं, प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा कैसे पाएं, YouTube वीडियो कैसे डाउनलोड करें, पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कैसे करें, गुस्से को तुरंत कैसे नियंत्रित करें, तनाव और चिंता को कैसे कम करें, ऑनलाइन बैंक खाता कैसे खोलें, फ्रीलांसिंग करियर कैसे शुरू करें, बिना जिम के फिट कैसे रहें, रील्स को वायरल कैसे करें, पेटीएम अकाउंट कैसे बनाएं, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें, ऑनलाइन पीएफ बैलेंस कैसे चेक करें, प्राकृतिक रूप से डार्क सर्कल कैसे हटाएं, भारत में छात्रवृत्ति कैसे प्राप्त करें, कम समय में अमीर कैसे बनें, घर पर डालगोना कॉफी कैसे बनाएं, डीयू में एडमिशन कैसे लें, आधार को पैन कार्ड से कैसे लिंक करें, इंस्टाग्राम से पैसे कैसे कमाएं, घर पर मोबाइल फोन कैसे रिपेयर करें, भारत में जीएसटी के लिए पंजीकरण कैसे करें, वेबसाइट को मुफ्त कैसे बनाएं, एसएससी सीजीएल परीक्षा कैसे पास करें, वोटर आईडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, प्राकृतिक रूप से लंबाई कैसे बढ़ाएं, हिंदी में निबंध कैसे लिखें, मोबाइल नंबर के मालिक की जांच कैसे करें, पिंपल्स से जल्दी कैसे छुटकारा पाएं, घर पर योग कैसे करें, बॉलीवुड में अभिनेता कैसे बनें, ऑनलाइन ट्रेन टिकट कैसे बुक करें, हिंदी में चैटजीपीटी का उपयोग कैसे करें, यूपीआई से पैसे कैसे ट्रांसफर करें, इंस्टाग्राम अकाउंट को हमेशा के लिए कैसे डिलीट करें, मुफ्त में डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें, भारत में छोटा व्यवसाय कैसे शुरू करें,