विवाद सुलझाने के लिए गूगल और संबंधित एप डेवलपरों को बैठक के लिए बुलाया
सरकार की सख्ती के बीच गूगल ने प्लेस्टोर से हटाए गए कुछ भारतीय एप बहाल कर दिए हैं।
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विवाद सुलझाने के लिए गूगल और संबंधित एप डेवलपरों को बैठक के लिए बुलाया
भारतीय एप को हटाने की नहीं दी जा सकती अनुमति विवाद सुलझाने के लिए गूगल और संबंधित एप डेवलपरों को बैठक के लिए बुलाया
सरकार की सख्ती के बीच गूगल ने प्लेस्टोर से हटाए गए कुछ भारतीय एप बहाल कर दिए हैं। इन एप में नौकरी डाट काम और ५७एकड़ शामिल हैं। बताया जा रहा है कि भुगतान मानदंडों का अनुपालन करने के बाद इनकी वापसी हुई है। इन्को एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने एक्स पर पोस्ट कर पुष्टि की कि इन्फो एज के कई एप प्लेस्टोर पर वापस आ गए हैं। प्ले स्टोर से एप को हटाने पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय एप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। गूगल और उन एप डेवलपर्स को अगले सप्ताह बैठक के लिए बुलाया गया है जिनके एप प्ले स्टोर से हटाए गए हैं।
आइटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साक्षात्कार में कहा, भारत ने 10 वर्षों में एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकानं का मजबूत स्टार्टअप इंकोसिस्टम बनाया है। स्टार्टअप इंकोसिस्टम भारतीय आर्थिकी के लिए महत्वपूर्ण है। उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा, भारत सरकार को नीति बहुत स्पष्ट है। हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है। सरकार विवाद को सुलझाने के लिए अगले सप्ताह गूगल और उन एप डेवलपर्स से मुलाकात करेगी जिन्हें प्लेस्टोर से हटाया गया है।
आइटी राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर
लेकिन प्ले स्टोर पर मैट्रिमोनी डाट काम के एप भारत मैट्रिमोनी, क्रिश्चन मैट्रिमोनी, मुस्लिम मैट्रिमोनी, इन्को एज कंपनी के एप, बालाजी टेलीफिल्म्मा का आल्ट, आडियो प्लेटफार्म कुकु एफएम, डेटिंग सर्विस क्वैक क्वैक जैसे एप गायब हो गए। भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स के आल्ट, आडियो प्लेटफार्म कुकु एफएम, डेटिंग सर्विस क्वैक क्वैक जैसे अन्य एप को अभी भी बहाल नहीं किया गया है। गौरतलब है कि गूगल द्वारा एप पर 11 से 26 प्रतिशत शुल्क लगाने को लेकर विवाद है। गूगल के खिलाफ इन कंपनियों को सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम
राहत नहीं मिलने के बाद गूगल ने एप को हटाने के लिए कदम उठाया है। गूगल ने भारतीय कंपनियों मैट्रिमोनी डाट काम जो भारत मैट्रिमोनी एप चलाती है और इन्फो एज जो जीवनसाथी एप चलाती है को प्ले स्टोर के नियमों के उल्लंघन के लिए नोटिस भेजे थे।
परीक्षण से गुजर रहे एआइ माडल को तैनात करने से पहले सरकार से लेनी होगी मंजूरी
नई दिल्ली, मंटू परीक्षण से गुजर रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) माडल को तैनात करने से पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी। सरकार ने इंटरनेट मीडिया और अन्य प्लेटफामों के लिए परामर्श जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में पूछे गए सवालों पर गूगल के एआइ टूल जेमिनी के जवाब से विवाद होने के कुछ दिनों बाद यह
परामर्श जारी किया गया है। इलेक्ट्रानिक्स और सुचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक मार्च को जारी सलाह में कहा है कि परीक्षण से गुजर रहे एआइ माडल को 'अविश्वसनीयता' का लेबल लगाएं। गैरकानूनी कंटेंट को रोकें। इसका पालन नहीं करने पर आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
परामर्श में कहा गया है कि किसी भी नियम का उल्लंघन होने के लिए संबंधित प्लेटफार्मों, मध्यस्थों और सक्षम साफ्टवेयर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सभी प्लेटफार्मों को सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माडल जेनरेटिव एआइ, साफ्टवेयर या एल्गोरिदम का उपयोग किसी भी गैरकानूनी सामग्री को प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहीत या अपडेट करने के लिए न करें।
गौरतलब है कि पीएम मोदी से संबंधित सवाल पर एआइ टूल जेमिनी को आपत्तिजनक प्रतिक्रिया को लेकर गूगल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चेतावनी दी थी जेमिनी की प्रतिक्रिया आइटी नियमों के साथ ही आपराधिक संहिता के कई प्रविधानों का उल्लंघन है।
गूगल ने सफाई में कहा कि जेमिनी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और कंपनी ने इस मुद्दे पर तेजी से काम किया है। इस पर राजीव चंद्रशेखर ने कहा, मैं सभी प्लेटफार्मों को सलाह देता हूं कि वे इंटरनेट पर किसी भी परोक्षण से गुजर रहे प्लेटफार्म की तैनात करने से पहले उपयोगकर्ताओं को इस बारे में स्पष्ट रूप से बताएं और उनसे सहमति लें। बाद में माफी मांगकर कोई भी जवाबदेही से बच नहीं सकता है। बता दें कि सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि इंटरनेट कंपनियां देशहित के खिलाफ न तो खुद काम करें और नही उसका जरिया बने।
सरकार ने इंटरनेट मीडिया के लिए जारी किया परामर्श
एआइबीए ने की गूगल के खिलाफ कार्रवाई की मांग आल इंडिया बार एसोसिएशन (एआइबीए) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी फैलाने के लिए गूगल के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने की शनिवार को मांग की। एक अभ्यावेदन में वरिष्ठ वकील और एआइबीए के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने दावा किया कि गूगल के एआइ टूल जेमिनी ने प्रधानमंत्री के बारे में गलत जानकारी दी। अग्रवाल ने कहा कि एआइबीए ने गूगल के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भी लिखा है। बता दें कि आम लोगों ने भी इस बात पर नाराजगी जताई थी।
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