हल्दीराम पर बरस रहा है पैसा, अडानी को पैसे देने वाला अरबी शेख कर रहा है इसमें ₹5100 करोड़ का निवेश

Haldiram Deal: भारत में नमकीन, भुजिया और मिठाई बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हल्दीराम स्नैक्स की तरफ से बड़ी खबर आई है। इसमें संयुक्त अरब अमीराम की कंपनी अल्फा वेव ग्लोबल 5100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश कर रही है। इस निवेश से अल्फा वेव को हल्दीराम के करीब छह फीसदी शेयर मिलेंगे।

Mar 30, 2025 - 07:09
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हल्दीराम पर बरस रहा है पैसा, अडानी को पैसे देने वाला अरबी शेख कर रहा है इसमें ₹5100 करोड़ का निवेश
मुंबई/नई दिल्ली: (Ratna Bhushan,Arijit Barman)नमकीन, भुजिया और मिठाई बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी (Haldiram Snacks Food) पर इन दिनों विदेश से पैसा बरस रहा है। खबर आई है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Sheikh Tahnoon bin Zayed) का दिल इस कंपनी पर आ गया है। वह स्नैक्स में करीब छह फीसदी हिस्सेदारी खरीदने वाले हैं। यह सौदा करीब 5,160 करोड़ रुपये का है, जो लगभग 600 मिलियन डॉलर के बराबर है। इस बारे में कई लोगों ने हमारे सहयोगी ET को जानकारी दी है। इससे पहले उन्होंने पहले गौतम अडानी को साल 2022 में हिंडनबर्ग विवाद (Hindenburg scandal) के दौरान 2 बिलियन डॉलर की मदद की थी।

कौन हैं शेख तहनुन

यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहनून बिन जायद फर्स्ट अबूधाबी बैंक PJSC के चेयरमैन भी हैं। तहनून का व्यापारिक साम्राज्य लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर का है। उनकी कंपनी का नाम ग्लोबल (Alpha Wave Global) है। पहले इस कंपनी का नाम फाल्कन एज कैपिटल (Falcon Edge Capital) था। इसी कंपनी ने चिमेरा कैपिटल (Chimera Capital) के साथ मिलकर हल्दीराम में लगभग 6% हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया है। इस निवेश के बाद अल्फा वेव, हल्दीराम में निवेश करने वाली दूसरी कंपनी बन जाएगी। अल्फा वेव ने साल 2022 में सबसे बड़े वेंचर फंडों में से एक जुटाया था। यह कंपनी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को भी सपोर्ट करती है।

सिंगापुर की कंपनी भी हल्दीराम पर फिदा

इससे पहले सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट कंपनी टेमासेक (Temasek) ने हल्दीराम में लगभग 9% हिस्सेदारी खरीदी थी। टेमासेक ने यह सौदा 86,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर किया था। हल्दीराम को चलाने वाले अग्रवाल परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है। अल्फा वेव के निवेश के बाद हल्दीराम में प्रमोटरों की कुल हिस्सेदारी 15% तक कम हो जाएगी। यह सौदा देश में प्राइवेट इक्विटी का सबसे बड़ा कंज्यूमर डील होगा।

एक साल से चल रही है हल्दीराम में बिक्री

हल्दीराम के हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया लगभग एक साल से चल रही थी। अल्फा वेव ने इसमें देरी से एंट्री की, जिससे सबको हैरानी हुई। हमारे सहयोगी ET ने बीते 10 दिसंबर को ही बता दिया था कि अल्फा वेव, ब्लैकस्टोन और Bain Capital के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। बाद में टेमासेक ने अकेले ही आगे बढ़ने का फैसला किया। Bain Capital को अग्रवाल परिवार द्वारा मांगी जा रही ऊंची कीमत से असहमति थी, इसलिए वह इस डील से हट गया।

अल्फा वेव को बोर्ड में मिलेगी जगह?

ईटी के सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि टेमासेक की तरह अल्फा वेव को हल्दीराम के बोर्ड में जगह नहीं मिलेगी। टेमासेक को अपनी भारतीय इकाई के प्रमुख विशेष श्रीवास्तव के लिए कम से कम एक पद मिलने की उम्मीद है। श्रीवास्तव ने ही टेमासेक की ओर से बातचीत का नेतृत्व किया था। हल्दीराम स्नैक्स और अल्फा वेव के को-फाउंडर नवराज उडवाडिया को भेजे गए सवालों के जवाब शनिवार तक नहीं मिले थे। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस बारे में औपचारिक घोषणा की जा सकती है।

कौन है हल्दीराम फूड्स

हल्दीराम नमकीन बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। यह बीकाजी फूड्स, बीकानेरवाला, पेप्सिको और ITC जैसी कंपनियों से मुकाबला करती है। हल्दीराम 500 तरह के स्नैक्स, मिठाई, रेडी-टू-ईट फूड और पेय पदार्थ बेचती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 12,800 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था। इसका EBITDA 2,580 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 1,400 करोड़ रुपये था। इससे कंपनी का वैल्यूएशन सेल्स का 6.7 गुना होता है।

दोनों यूनिटों का हो चुका है विलय

हल्दीराम को चलाने वाले अग्रवाल परिवार ने अपने नई दिल्ली और नागपुर यूनिटों को पहले ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी लेकर विलय कर लिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पिछले साल अप्रैल में ही विलय योजना को मंजूरी दी थी। इस बिजनेस पुनर्गठन को कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री से पहले की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा था।

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