सावधान ! बच्चों पर मंडरा रहा ‘गेमिंग जिहाद’ का खतरा, कन्वर्जन और यौन शोषण से बर्बाद हो चुकें हैं कई परिवार

डिजिटल दुनिया ने आज के समय में मनोरंजन और कनेक्टिविटी के कई विकल्प दिए हैं, लेकिन इसके नकारात्मक पहलू भी तेजी से सामने आ रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स, जो युवाओं और बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, अब एक नए और खतरनाक ट्रेंड “गेमिंग जिहाद” के रूप में उभर रहे हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म्स […]

Nov 16, 2024 - 06:04
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सावधान ! बच्चों पर मंडरा रहा ‘गेमिंग जिहाद’ का खतरा, कन्वर्जन और यौन शोषण से बर्बाद हो चुकें हैं कई परिवार
online gaming conversion abuse cases

डिजिटल दुनिया ने आज के समय में मनोरंजन और कनेक्टिविटी के कई विकल्प दिए हैं, लेकिन इसके नकारात्मक पहलू भी तेजी से सामने आ रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स, जो युवाओं और बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, अब एक नए और खतरनाक ट्रेंड “गेमिंग जिहाद” के रूप में उभर रहे हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म्स का दुरुपयोग कर मजहबी अपराधी न केवल हिन्दू लड़कियों/लड़कों को फंसाने का माध्यम बना रहे हैं, बल्कि उन्हें इस्लाम में कन्वर्ट कर और यौन शोषण जैसे जघन्य अपराधों के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

इन मामलों में, आरोपित युवक ने शुरुआत में तो दोस्ताना व्यवहार अपनाया, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने पीड़िताओं को भेड़िया की तरह अपने जाल में फंसाने में कामयाब हो गए। एक बार जब उन्होंने अपनी योजना पूरी की, तो उन्होंने पीड़िताओं पर दुष्कर्म, मानसिक उत्पीड़न और कन्वर्जन का दबाव डालना शुरू किया।

हाल ही में ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में मोहम्मद समीर मंसूरी नामक आरोपी ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए एक हिंदू लड़की से दोस्ती की। दोस्ती के बाद उसे होटल ले जाकर दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो बनाकर उस पर इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला। यह मामला न केवल भयावह है, बल्कि इसने ऑनलाइन गेमिंग के खतरनाक पक्ष को उजागर कर दिया है।

2022 से 2024 के बीच देशभर से ऐसी 11 घटनाएं सामने आई हैं, जहां मजहबी अपराधियों ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल कर हिंदू लड़कियों और लड़कों को फंसाया। इनमें से कई मामलों में नाबालिग बच्चों को भी शिकार बनाया गया। प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग, और कन्वर्जन का दबाव जैसे अपराधों ने इन घटनाओं को और भी गंभीर बना दिया है।

इन मामलों में अपराधियों द्वारा फ्री फायर, पब्जी जैसे लोकप्रिय गेम्स का इस्तेमाल किया गया। अपराधी पहले दोस्ती करते हैं, फिर भावनात्मक रूप से जोड़कर शारीरिक, मानसिक, और धार्मिक शोषण करते हैं। कई मामलों में, पीड़ितों पर धमकियों और ब्लैकमेलिंग के जरिए दबाव डाला गया कि वे इस्लाम कबूलें या गंभीर परिणाम भुगतें।

“गेमिंग जिहाद” की इन घटनाओं ने समाज में एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है—क्या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स, जिनका उद्देश्य मनोरंजन और सामाजिक जुड़ाव है, अब अपराध का माध्यम बन चुके हैं? और क्या इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए कानून व्यवस्था पर्याप्त है?

आगे की रिपोर्ट में इन 11 घटनाओं का विश्लेषण और उनकी सामाजिक व कानूनी चुनौती पर चर्चा की जाएगी। यह ‘गेमिंग जिहाद’ पर आधारित रिपोर्ट समाज के सभी वर्गों को सतर्क करती है कि डिजिटल सुरक्षा और सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।

ऑनलाइन गेमिंग के जरिए हिन्दू महिला को फंसाने की घटना

तारीख : 09 नवंबर, 2024

स्थान : जगतसिंहपुर (ओडिशा)

विवरण : जगतसिंहपुर में मुस्लिम युवक मोहम्मद समीर मंसूरी ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए एक हिन्दू महिला को प्रेम जाल में फंसाने का प्रयास किया। युवक ने शुरू में महिला के साथ दोस्ती की और फिर उसे अपने जाल में फंसा लिया। बाद में, वह महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी अश्लील वीडियो बनाने लगा। आरोपी ने महिला पर इस्लाम अपनाने का दबाव डालते हुए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर भुवनेश्वर पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

ऑनलाइन गेम के जरिए नाबालिग हिन्दू लड़की को फंसाया

तारीख : 19 अक्टूबर 2024

स्थान: कच्छ (गुजरात)

विवरण : कच्छ जिले में जियाद उर्फ समीर शेख ने एक नाबालिग हिन्दू लड़की से ऑनलाइन गेम खेलते समय संपर्क किया। युवक ने अपने आपको हिन्दू बताकर लड़की से प्यार का नाटक किया। यह सिलसिला बढ़ते-बढ़ते दुष्कर्म में तब्दील हो गया। आरोपी ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और उसके आपत्तिजनक फोटो खींचकर उसे वायरल करने की धमकी दी। उसने लड़की पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डालते हुए उसे मानसिक रूप से त्रस्त कर दिया। लड़की के परिजनों ने कच्छ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपित को हिरासत में लिया गया।

फ्री फायर गेम के जरिए हिन्दू नाबालिक लड़की को फंसाया

तारीख : 22 जून, 2024

स्थान : जमुई (बिहार)

विवरण : जमुई के ढीबा गांव के मुस्लिम युवक मु. आसिफ अंसारी ने फ्री फायर गेम का इस्तेमाल करके सिवान की एक 14 वर्षीय हिन्दू नाबालिग लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया। युवक ने पीड़िता को झाझा बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। यहाँ पर उसने उस पर कन्वर्जन का दबाव भी डाला। घटना की जानकारी पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर कई धाराओं में मामला दर्ज किया।

पब्जी गेम के जरिए हिन्दू महिला को फंसाया

तारीख : 23 अप्रैल, 2024

स्थान : मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)

विवरण : मुरादाबाद के गलशहीद थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध युवक, फुजैल, ने पब्जी गेम के माध्यम से मुंबई की महिला माधुरी मित्रा को प्रेम जाल में फंसाया। युवक ने महिला को मुरादाबाद ले जाया और वहां उसको मुसलमान बनाकर उसके साथ निकाह किया। इस घटना के दौरान महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पीड़िता के परिजनों ने गलशहीद थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये मतांतरण का प्रयास

तारीख : 31 मई, 2023

स्थान : गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)

विवरण : कविनगर थाना क्षेत्र के राजनगर में, एक 17 वर्षीय हिन्दू किशोर का ऑनलाइन गेमिंग एप के माध्यम से मतांतरण का प्रयास किया गया। युवक को अपने धर्म से भ्रमित करने के लिए अधिकतर मुस्लिम युवकों ने मिलकर काम किया। घटना का पता लगने पर लड़के की मां ने गाज़ियाबाद पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद पुलिस ने मुंबई के एक व्यक्ति और कुछ स्थानीय लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

ऑनलाइन गेमिंग के जरिए दो नाबालिग सगी बहनों को फंसाया

तारीख : 8 जून, 2023

स्थान : उत्तरकाशी (उत्तराखंड)

विवरण: उत्तरकाशी के मोरी थाना क्षेत्र में एक मुस्लिम युवक नवाब ने ऑनलाइन गेमिंग के द्वारा दो नाबालिग हिन्दू बहनों को अपने प्रेम जाल में फंसाने की कोशिश की। युवक ने बहनों को अपने झांसे में लेकर आराकोट बुलाया, जहां उसने उन पर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद आरोपी को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया।

ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये मतांतरण कराने की कोशिश

तारीख : 12 जून, 2023

स्थान : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

विवरण: प्रयागराज में एक 16 वर्षीय लड़के के खिलाफ ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए ब्रेनवॉश करने का मामला सामने आया। युवक ने लड़के को अपने मजहब इस्लाम की तरफ आकर्षित करने की कोशिश की। उनकी मां ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

फ्री फायर गेम के जरिए हिन्दू महिला को फंसाया

तारीख : 24 जून, 2024

स्थान : सीकर (राजस्थान)

विवरण : सीकर जिले में एक मुस्लिम युवक, तैयब खान, ने फ्री फायर गेम के माध्यम से हिन्दू महिला हर्षिता को प्रेम जाल में फंसाया। युवक ने उसे अपनी बातों में फंसाकर उसके मन में कन्वर्जन का खौफ पैदा किया और अंततः उसका ब्रेनवॉश कर दिया। हर्षिता के पति ने इस घटना को गंभीरता से लिया और पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए हिन्दू परिवार कन्वर्जन का दवाब बनाया

तारीख : 3 अगस्त, 2023

स्थान : गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)

विवरण : साहिबाबाद में मुस्लिम युवक वलीद उर्फ मुस्तफा और कबीर उर्फ शाहजहाँ ने ऑनलाइन गेमिंग एप का इस्तेमाल करके एक हिन्दू परिवार पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने की कोशिश की। इन लोगों ने परिवार से लाखों रुपये भी हड़पे। पीड़ित परिवार ने साहिबाबाद पुलिस में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी करके आरोपियों की तलाश शुरू की।

गेम फ्री फायर के जरिए हिन्दू लड़की को फंसाया

तारीख : 13 सितंबर, 2023

स्थान : मेरठ (उत्तर प्रदेश)

विवरण : मेरठ के कादिर नाम के एक युवक ने ऑनलाइन गेम फ्री फायर का सहारा लेकर हिन्दू छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया। युवक ने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया और फिर उस पर मतान्तरण  का दबाव डाला। घटना के बाद आरोपी घटना स्थल से फरार हो गया। पीड़िता के परिजनों ने मेरठ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की।

फ्री फायर गेम के जरिए नाबालिग हिन्दू लड़की को फंसाया

तारीख : 7 जून, 2022

स्थान : बांदा (उत्तर प्रदेश)

विवरण : बांदा के एक मुस्लिम युवक ने ऑनलाइन गेम फ्री फायर का उपयोग करके एक नाबालिग हिन्दू लड़की को प्रेम जाल में फंसाया। आरोपी ने लड़की को कौशाम्बी ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे एक मदरसे में ले जाकर जबरन इस्लाम में कन्वर्ट करने की कोशिश की। घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई, जिसने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार किया।

गेमिंग जिहाद के जरिए सामाजिक ध्रुवीकरण

गेमिंग जिहाद की ये घटनाएं केवल उदाहरण मात्र हैं ऐसी कई घटनाएं और भी हैं जो स्पष्ट रूप से “गेमिंग जिहाद” के काले सच को उचागर करती हैं, जो बताती हैं की कैसे मुस्लिम युवकों ने हिन्दू महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर दुष्कर्म तथा इस्लाम में परिवर्तित करने का प्रयास किया है। यह घटनाएँ बानगी हैं कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग के जरिए सामाजिक ध्रुवीकरण और व्यक्तिगत उत्पीड़न हो रहा है।

“गेमिंग जिहाद” की इस तरह की घटनाओं ने न केवल पीड़ित और पीड़िताओं के जीवन को तबाह किया है, बल्कि समाज में भी असुरक्षा का माहौल बनाया है। इन घटनाओं ने न केवल प्रभावित व्यक्तियों के जीवन में त्रासदी लाई है, बल्कि समाज में भी एक गहरी चिंता का संकेत भी दिया है। ऑनलाइन गेमिंग का दुरुपयोग जिस गति से बढ़ रहा है, वह सभी के लिए चेतावनी का संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि युवाओं और बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है, और साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों की इंटरनेट गतिविधियों पर नज़र रखने की भी जरूरत है।

वहीं पुलिस की कार्रवाई में तेजी लाने और अपराधियों को सख्त दंड देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे भयानक कृत्यों को रोका जा सके। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कम से कम किया जा सके। सख्त कानूनों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से, समाज को एक सुरक्षित स्थान बनाने के प्रयासों को तेज किया जाना चाहिए।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी व्यक्तियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है, और समाज में कोई भी इस अधिकार का उल्लंघन न कर सके। इन घटनाओं के माध्यम से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि ऑनलाइन दुनिया में भी सर्तकता बरतना और सावधानी रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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