लंदन से दिल्ली तक… अमेरिका ने कहां बैठा रखे हैं खुफिया एजेंट? CIA के सीक्रेट ठिकानों का खुला राज

अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या से जुड़े 80,000 से अधिक दस्तावेजों के सार्वजनिक होने से यह खुलासा हुआ है कि सीआईए (CIA) ने दुनिया भर में कई सीक्रेट ठिकाने बनाए थे. इन ठिकानों की लिस्ट में नई दिल्ली और कोलकाता का भी नाम शामिल है. दस्तावेजों के अनुसार, सीआईए की मौजूदगी यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भी फैली हुई थी.

Mar 19, 2025 - 19:10
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लंदन से दिल्ली तक… अमेरिका ने कहां बैठा रखे हैं खुफिया एजेंट? CIA के सीक्रेट ठिकानों का खुला राज
लंदन से दिल्ली तक… अमेरिका ने कहां बैठा रखे हैं खुफिया एजेंट? CIA के सीक्रेट ठिकानों का खुला राज

क्या आपके शहर में भी अमेरिका के खुफिया एजेंट हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि हाल ही में जारी किए गए JFK हत्या से जुड़े कुछ सीक्रेट दस्तावेजों में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि दुनिया भर में सीआईए (CIA) के सीक्रेट ठिकाने मौजूद थे.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या से जुड़े 80,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज सार्वजनिक होने के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि अमेरिका ने यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में अपनी कोवर्ट एक्टीविटीज को अंजाम दिया था.

लिस्ट में भारत के भी दो शहर

इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत के दो बड़े शहर नई दिल्ली और कोलकाता भी इस लिस्ट में शामिल हैं. यह खुलासा रूसी मीडिया आउटलेट आरटी (RT) से शेयर किए गए एक दस्तावेज से हुआ है, जिसमें ‘फील्ड डिस्ट्रीब्यूशन’ टाइटल के तहत इन शहरों का नाम लिखे हैं.

क्या दिल्ली भी थे CIA एजेंट?

आरटी द्वारा जारी किए गए दस्तावेज के अनुसार, नई दिल्ली और कोलकाता का नाम सीआईए की ‘NE डिवीजन’ लिस्ट में शामिल है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इन शहरों में सीआईए की गतिविधियां किस हद तक फैली हुई थीं या इनमें कौन-कौन से ऑपरेशन संचालित किए गए थे. लेकिन यह पहली बार है जब यह जानकारी सार्वजनिक हुई है कि भारत में भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अड्डे मौजूद हो सकते थे.

सीक्रेट लिस्ट में कौन से शहर?

इन दस्तावेजों के मुताबिक, सीआईए ने अपनी जासूसी गतिविधियों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित कर रखा था. इसमें प्रमुख रूप से यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के बड़े शहर शामिल थे.

  • अफ्रीका में (AF Division)
    – जोहान्सबर्ग, लागोस, नैरोबी, प्रिटोरिया, रबत
  • यूरोप में (EUR Division)
    – बार्सिलोना, बर्लिन, बर्न, बॉन, ब्रुसेल्स, कोपेनहेगन, जेनेवा, द हेग, हैम्बर्ग, हेलसिंकी, लिस्बन, लंदन, मैड्रिड, मिलान, पेरिस, म्यूनिख.
    – विशेष रूप से म्यूनिख में लायजन बेस और ऑप्स बेस (लॉरियन) नाम से दो सीक्रेट ठिकाने थे.
    – इसके अलावा ओस्लो, ओटावा, रोम, साल्जबर्ग, स्टॉकहोम, वियना और ज्यूरिख भी लिस्ट में थे.

एशिया में कहां थे सीआईए के ठिकाने?

एशिया में सीआईए की मौजूदगी भी व्यापक रूप से फैली हुई थी. इन दस्तावेजों के अनुसार, सीआईए के गुप्त अड्डे बैंकॉक, जकार्ता, हांगकांग, होनोलूलू, कुआलालंपुर, कुचिंग और मनीला में थे. इसके अलावा ओकिनावा, रंगून और साइगॉन (जो वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था) भी लिस्ट में दर्ज थे.

दुनिया के ये बड़े शहर भी

सियोल, सिंगापुर, ताइपेई, टोक्यो, वियेनतियाने और सुरबाया शहर भी इस लिस्ट में थे. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी सीआईए के ठिकाने थे, जिनमें मेलबर्न और वेलिंगटन शामिल हैं.

लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में सीआईए के सीक्रेट अड्डों की संख्या सबसे अधिक थी. अमेरिका लंबे समय से इस क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता परिवर्तन में हस्तक्षेप करता रहा है.

इस सीक्रेट लिस्ट में बोगोटा, ब्रासीलिया, ब्यूनस आयर्स, कराकास, जॉर्जटाउन, ग्वाटेमाला सिटी, ग्वायाकिल, किंग्सटन, लिमा, मेक्सिको सिटी, मोंटेरे, पनामा सिटी, पोर्टो एलेग्रे और पोर्ट-ऑ-प्रिंस भी शामिल. इसके अलावा सैंटियागो, साओ पाउलो, सैन जोस, सैन सल्वाडोर, क्विटो, रेसिफे और टेगुसिगाल्पा भी लिस्ट में थे.

सिर्फ जासूसी ठिकाने थे या कुछ और?

इन दस्तावेजों के सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि **क्या ये ठिकाने केवल जासूसी अभियानों तक सीमित थे, या फिर अमेरिका इनका इस्तेमाल वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने और गुप्त अभियानों को अंजाम देने के लिए कर रहा था?

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,