वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के लिए गठित JPC का कार्यकाल बढ़ेगा

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। समिति की आज हुई बैठक में सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लिया गया। समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत […]

Nov 28, 2024 - 05:45
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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के लिए गठित JPC का कार्यकाल बढ़ेगा

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। समिति की आज हुई बैठक में सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लिया गया। समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। संभावना है कि इस संबंध में कल संसद में प्रस्ताव लाया जाएगा और समिति का कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ाया जाएगा।

इससे पहले समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि समिति की रिपोर्ट लगभग तैयार है और इसे समय से सदन को भेजा जाएगा। हालांकि विपक्ष को इसपर आपत्ति थी। विपक्ष समिति का कार्यकाल बढ़वाना चाहता था। इस संबंध में विपक्षी नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की थी।

आज समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर चले गए। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों से ही चर्चा में लगाया गया और जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, उन्हें नहीं बुलाया गया।

संयुक्त संसदीय समिति की बुधवार को पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में बैठक हुई। बैठक के बाद बाहर आए सांसदों ने इस बात की पुष्टि की कि समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सहमति बन गई है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में 8 अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया था। साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश किया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट यानि ‘उम्मीद’।

विधेयक का विपक्ष ने विरोध किया था। उसके बाद 9 अगस्त को इसे आगे की चर्चा के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था।

सौजन्य – सिंडिकेट फीड

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