दुनिया के हर इंसान पर कितना है कर्ज, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नियाभर के सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड का बकाया मूल्य 2023 में $100 ट्रिलियन से अधिक हो गया है. ऐसे में देखा जाए तो दुनिया की 800 अरब की आबादी के हिसाब से हर इंसान कर्जदार है और हर इंसान पर करीब 100 रुपए से ज्यादा का कर्ज है.

Mar 21, 2025 - 08:03
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दुनिया के हर इंसान पर कितना है कर्ज, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
दुनिया के हर इंसान पर कितना है कर्ज, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड का बकाया मूल्य 2023 में $100 ट्रिलियन से अधिक हो गया है. ऐसे में देखा जाए तो दुनिया की 800 अरब की आबादी के हिसाब से हर इंसान कर्जदार है और हर इंसान पर करीब 100 रुपए से ज्यादा का कर्ज है. OECD की रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती ब्याज दरों के कारण कर्ज लेने वालों के लिए स्थिति मुश्किल हो रही है. ऐसे में सरकारों और कंपनियों को अब अपने निवेश को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि उनका कर्ज प्रोडक्टिव साबित हो सके.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 से 2024 के बीच ब्याज लागत का GDP में हिस्सा 20 साल के सबसे निचले स्तर से अब तक के सबसे हाई स्तर पर पहुंच गया है. OECD के सदस्य देशों में ब्याज भुगतान पर सरकारों का खर्च अब GDP का 3.3% हो चुका है, जो रक्षा बजट से भी ज्यादा है.

बढ़ती ब्याज दरों का असर

हालांकि केंद्रीय बैंकों ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन उधारी लागत अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है. बढ़ती ब्याज दरों के कारण ऋण सेवा लागत में वृद्धि हो रही है, जिससे सरकारों और कंपनियों के लिए ऋण प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया है.

OECD ने सुझाव दिया है कि सरकारों और कंपनियों को अपनी उधारी रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए. उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि उधार ली गई राशि का उपयोग दीर्घकालिक विकास को समर्थन देने वाले उत्पादक निवेशों में हो, ताकि आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके.

आर्थिक चुनौतियां और समाधान

वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, उच्च ऋण स्तर और बढ़ती ब्याज लागत के साथ, सरकारों और कंपनियों को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सुदृढ़ वित्तीय नीतियों को अपनाना आवश्यक है. यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने वित्तीय संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करें और ऋण प्रबंधन में सतर्कता बरतें.

OECD की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए जिम्मेदार ऋण प्रबंधन और उत्पादक निवेशों की दिशा में उधारी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है.

इस चीज का भी हुआ असर

केंद्रीय बैंक अपने बॉन्ड होल्डिंग्स घटा रहे हैं, जिससे विदेशी निवेशकों और घरेलू खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, OECD देशों के घरेलू सरकारी कर्ज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2021 में 29% थी, जो 2024 में 34% हो गई है. घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी भी 5% से बढ़कर 11% हो गई है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,