World Tuberculosis day 2025: क्या टीबी के मरीजों के लिए डायबिटीज खतरनाक है? जानिए एक्सपर्ट की राय

डायबिटीज और टीबी एक साथ होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन सही इलाज और सावधानी बरतने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. यदि आपको डायबिटीज है और आपको बार-बार खांसी, कमजोरी, वजन घटने या बुखार जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

Mar 24, 2025 - 05:36
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World Tuberculosis day 2025: क्या टीबी के मरीजों के लिए डायबिटीज खतरनाक है? जानिए एक्सपर्ट की राय
World Tuberculosis day 2025: क्या टीबी के मरीजों के लिए डायबिटीज खतरनाक है? जानिए एक्सपर्ट की राय

टीबी (क्षय रोग) और डायबिटीज (मधुमेह) दोनों ही गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन जब कोई व्यक्ति इन दोनों से एक साथ ग्रसित होता है, तो स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को टीबी होने का खतरा अधिक होता है और उनके लिए इसका इलाज भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मानाया जाता है. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके. खासकर डायबिटीज के मरीजों को अगर टीबी की बीमारी हो जाए तो उसे क्या करना चाहिए.

डायबिटीज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को कमजोर कर देती है, जिससे संक्रमण से लड़ने की ताकत कम हो जाती है. इसी वजह से डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को टीबी होने की संभावना 3 गुना ज्यादा होती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

टीबी का इलाज लंबा चल सकता है. इस दौरान मरीजों पर दवाओं का असर अधिक नहीं होता है. साथ ही टीबी फिर से होने का खतरा बढ़ सकता है. आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के रेस्पिरेटरी डिसीज एंड स्लीप मेडिसिन के यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरुण चौधरी कोटारू बताते हैं कि डायबिटीज से टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) की समस्या और भी गंभीर हो सकती है. अध्ययन बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों में टीबी का जोखिम लगभग तीन गुना तक बढ़ जाता है. यहां तक कि डायबिटीज के मरीजों में टीबी के इलाज के दौरान जान जाने खतरा भी दोगुना तक हो सकता है. इससे इलाज भी प्रभावित हो सकता है.

डॉअरुण चौधरी कोटारू की मानें तो टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर डायबिटीज के मरीजों में एक्टिव टीबी का खतरा अन्य से अधिक रहता है. इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिसीज (टीबी एवं फेफड़ों की बीमारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संघ) ने डायबिटीज और टीबी को संयुक्त रूप से प्रबंधित करने के लिए एक पॉलिसी पैकेज तैयार किया है.

टीबी और डायबिटीज होने का खतरा

डायबिटीज के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे टीबी के बैक्टीरिया के लिए फेफड़ों में प्रवेश करना आसान हो जाता है. डायबिटीज के कारण होने वाला क्रोनिक इन्फ्लेमेशन भी टीबी का खतरा बढ़ाता है. हाइपरग्लाइसेमिया भी खतरा बढ़ाता है. यानी शुगर लेवल कम होने का जोखिम अधिक रहता है. डायबिटीज के कारण फेफड़ों के माइक्रोवास्कुलेचर में बदलाव हो जाता है, जिससे टीबी का प्रवेश आसान हो जाता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि किसी को टीबी और डायबिटीज दोनों हैं, तो उसके लिए निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं .

  • टीबी की दवाएं ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहता.
  • शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे इलाज में अधिक समय लग सकता है.
  • फेफड़ों को ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ सकती है.
  • कई मामलों में इलाज के बाद भी टीबी दोबारा हो सकती है.

कैसे करें बचाव?

  • नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराएं, खासकर अगर आप टीबी के मरीज हैं.
  • संतुलित आहार लें, जिसमें अधिक फल, सब्जियां और प्रोटीन हो.
  • नियमित व्यायाम करें, ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे.
  • डॉक्टर की सलाह के बिना टीबी या डायबिटीज की दवाएं न छोड़ें.
  • धूम्रपान और शराब से बचें, क्योंकि ये दोनों बीमारियों को और बढ़ा सकते हैं.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,