निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र से निकले छठे बैच के
छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया गया है।
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास ने अपनी सफल पहल से भारतीय समाज में एक नई ऊर्जा का संचार किया है, जिसका सीधा प्रमुख लक्ष्य गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसके अंतर्गत, चल रहे निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र से निकले छठे बैच के छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया गया है।
प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के अवसर पर, प्रेरणा कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र की निदेशक मोनिका चैहान ने बताया कि आजके युग में कम्प्यूटर शिक्षा का महत्व अत्यंत बढ़ गया है। डिजिटल क्रान्ति के इस युग में, बिना कम्प्यूटर शिक्षा के जीवन की कल्पना करना मुश्किल हो गया है। विशेषकर, जो छात्र मंहगी फीस के कारण आधुनिक शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, उनके लिए कम्प्यूटर शिक्षा एक सुनहरा अवसर है। इस संदर्भ में, समाज के इन छात्रों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरणा ने एक महत्वपूर्ण मुहिम शुरू की है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेश गोयल ने आधुनिक समय में कम्प्यूटर शिक्षा के महत्व को बताया और प्रेरणा शोध संस्थान की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम से कदम मिलाकर बढ़ावा मिलेगा।
सेविका समिति के विभाग कार्यवाहिका अनीता जोशी ने भी इसे समर्थन दिया और कहा कि कम्प्यूटर शिक्षा के बिना कोई भी पढ़ाई अधुरी है। उन्होंने बताया कि इस युग में भारतीय यूपीआई ने विश्व में अपनी पहचान बनाई है और कम्प्यूटर शिक्षा ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रकार की योजनाओं से ही हम कई प्रकार के आपत्तियों का सामना कर सकते हैं।
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के अध्यक्ष प्रीति दादू ने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य है धन की कमी में समाज के किसी भी वर्ग को टेक्नों शिक्षा से वंचित नहीं रहने देना। उन्होंने संस्थान के छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की और इस प्रयास को राष्ट्र यज्ञ में एक छोटी सी आहुति बताई।
इस समारोह के माध्यम से प्रकट हो रहा है कि प्रेरणा शोध संस्थान न्यास ने समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण के माध्यम से एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस पहल के माध्यम से वे छात्र-छात्राएँ अपने जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने और समर्थन करने का संवेदनशील हो रहे हैं, जो आगे बढ़कर देश के डिजिटल क्रान्ति में योगदान करेंगे।