केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, चारधाम यात्रा शुरू

हिमालयी चारधाम की यात्रा। 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा पूर्णता को प्राप्त होगी। कपाट खुलने पर तीनों धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर हुई।

May 11, 2024 - 20:14
May 11, 2024 - 20:18
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केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, चारधाम यात्रा शुरू

केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, चारधाम यात्रा शुरू

श्रद्धालुओं के भारी उत्साह के बीच शुक्रवार को यमुनोत्री, गंगोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए और इसी के साथ शुरू हो गई है हिमालयी चारधाम की यात्रा। 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा पूर्णता को प्राप्त होगी।
कपाट खुलने पर तीनों धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर हुई। केदारनाथ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूजा के यजमान थे। तीनों धाम में 21 हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट खुलने के साक्षी बने। उधर, पंचकेदार में तृतीय, भगवान तुंगनाथ भी निज धाम में विराजमान हो गए।

 
सबसे पहले सुबह सात बजे रुद्रप्रयाग जिले में स्थित 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ चाम के कपाट खोले गए। इससे पहले रावल भीमाशंकर लिंग, धर्माचार्य व पुजारियों ने केदारपुरी के रक्षक बाबा भैरवनाथ व बाबा केदार का आह्वान किया। कपाट खुलने के मौके पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट 6,000 से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सुबह 10:29 बजे खोले गए। इससे पूर्व देवी यमुना की उत्सव डोली उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की अगुआई में सुबह 10 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जबकि मां गंगा की उत्सव डोली भैरवघाटी से सुबह 9:30 बजे गंगोत्री धाम पहुंची। इसके बाद दोपहर 12:25 बजे धाम के कपाट खोले गए। इस मौके पर 5,000 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। उधर, तृतीय केदार की उत्सव होली 11:45 बजे चोपता से तुंगनाथ पहुंची और दोपहर 12 बजे 2,500 से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में धाम के कपाट खोल दिए गए।

वेदिक मंत्रोच्चारण के साथ भक्तों के दर्शनार्थ  12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ पूर्णता को प्राप्त होगी चारधाम यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ में कपाट खुलने पर मौजूद रहे 21 हजार से ज्यादा श्रद्धालु
तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ भी निज धाम में हुए विराजमान, ढाई हजार श्रद्धालु बने साक्षी 

तीर्थयात्रियों को सलाह, गर्म कपड़े लेकर ही आएं
आप चारधाम दर्शन को आ रहे हैं तो साथ में गर्म कपड़े, छतरी व रेनकोट अवश्य रखें। यदि कोई दवा लेते हैं तो उसका भी पर्याप्त स्टाक पास में होना जरूरी है। अस्वस्थ होने पर यात्रा से परहेज करें। पडावों पर विश्राम करने के बाद ही यात्रा करें उव्य हिमालयी क्षेत्र का भूगोल बेहद जटिल है। अधिक ऊंथाई पर होने के कारण बारों धाम, विशेषकर यमुनोत्री व केदारनाथ में आक्सीजन की कमी रहती है। इसलिए वात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर विश्राम करते हुए ही यात्रा करें। इससे आप स्वय को हिमालयी क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल ढाल सकेंगे।

केदारनाथ पुरोहितों ने

अपनी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित व व्यापारियों ने चारधाम यात्रा के पहले दिन प्रतिष्ठान बंद रखे। इसका असर धाम के साथ ही यात्रा के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड और संपूर्ण पैदल मार्ग पर दिखा। बंदी में घोड़ा खच्चर संचालक भी शामिल थे। इस कारण तीर्थयात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। उन्हें प्रसाद और खाने-पीने का सामान भी नहीं मिल पाया। वृद्ध और महिला तीर्थयात्रियों को ज्यादा परेशानी हुई। इस बीच स्थानीय प्रशासन तीर्थ पुरोहितों की मान-मनौव्यल में जुटा रहा। देर शाम तक प्रशासनिक अधिकारियों की उनके साथ वार्ता जारी थी।

केदारसभा के नेतृत्व में केदारघाटी के तीर्थ पुरोहित, व्यापारी व घोड़ा-खब्बर संचालक धाम में आपदा के नाम पर हो रहे निर्माण पर रोक लगाने, सोन प्रयाग से धाम के बीच प्रीपेड काउटर हटाकर व्यवस्था जिला पंचायत रुद्रप्रयाग को सौंपने, अनावश्यक प्रशासनिक दखल रोकने, पूर्व की भांही स्थानीय लोगों को स्वतंत्र रूप से आवागमन और व्यवसाय करने देने, हेली सेवाओं के संचालन में अनियमितता पर लगाम लगाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आक्रोशित है। उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक की जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए केदारनाथ में पांच स्थानों पर लंगर की व्यवस्था की गई है। पेट साग में जीएमवीएन की कैंटीन भी संचालित की जा रही है।

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