JEE मेन्स टॉपर नव्या के टिप्स:रेगुलर स्कूल गईं, 8-10 घंटे पढ़ाई की; पहले ही अटेम्प्ट में स्कोर किया 97.9 पर्सेंटाइल

मेरा नाम नव्या अग्रवाल है। मैंने JEE सेशन-1 में 97.90 परसेंट स्कोर किया है। मैं अभी क्लास 12th में हूं। मैं बरेली, उत्तरप्रदेश से हूं। मेरे पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े हैं और मां एक हाउस मेकर हैं। मैंने बहुत पहले ही सोच लिया था कि मुझे साइंस बैकग्राउंड में ही जाना है। मैंने 11th में पहली बार कोचिंग जॉइन की थी और ये मेरा पहला अटेम्प्ट था। रेगुलर स्कूल के साथ JEE मेन्स की तैयारी की मैं रोज 8-9 घंटे पढ़ती थी। इस साल मेरा बोर्ड एग्जाम है तो मैं रेगुलर स्कूल भी जाती थी। कभी जब ज्यादा प्रेशर होता था या लगता था कि मुझे थोड़ा ज्यादा असाइनमेंट पूरे करने हैं, तब में 10-12 घंटे भी पढ़ती थी। स्ट्रांग और वीक सब्जेक्ट का डिफरेंस समझें मैथ्स मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है। अगर आपको कोई सब्जेक्ट अच्छा लगता है, तब आपको उसमें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि वो आपके लिए गेम खेलने की तरह आसान होता है। वहीं, मेरी फिजिक्स उतनी अच्छी नहीं है, तो मैंने फिजिक्स पर ज्यादा मेहनत की है। अगर आप इस फर्क को समझें तो सब्जेक्ट का प्रेशर कम होता है। ऑनलाइन स्टडी का भी मिला फायदा ऑनलाइन क्लासेज का फायदा मिलता है। मैंने फिजिक्स और मैथ्स 'स्टडी MQ' कोचिंग से पढ़ी है। वहीं मैंने केमिस्ट्री ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ी है। अगर आप सही स्ट्रेटजी से पढ़ें तो ऑनलाइन क्लासेज आपकी स्टडी को आसान बना देती हैं। रिफ्रेशमेंट के लिए फैमली के साथ ट्रिप पर गई मुझे लगता है लंबे समय तक पढ़ाई करते रहना आपको थका देता है और आप पूरी एनर्जी के साथ पढ़ नहीं पाते हैं। इसलिए मैं साल के आखिर में अपनी फैमली के साथ छुट्टियां बिताने भी गई। मुझे लगता है घूमना आपको रिफ्रेश करता है। मॉक टेस्ट से टाइम मैनेजमेंट सीखा मैंने रेगुलरली मॉक टेस्ट भी दिए। मॉक टेस्ट से मुझे काफी मदद मिली। मैथ्स मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है और वो मुझे काफी आसान भी लगता है। लेकिन जब मैंने मॉक टेस्ट दिया तो मुझे समझ आया मेरे पास मैथ्स के लिए समय कम पड़ गया। मॉक टेस्ट आपको एग्जाम के लिए तैयार करते हैं। जब भी स्ट्रेस हुआ , दोस्तों को कॉल किया एग्जाम जब तक नहीं होता है, तब तक कितना भी आप सोचें स्ट्रेस हो ही जाता है। मुझे जब भी स्ट्रेस हुआ मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने चली जाती थी। स्टडी के साथ-साथ ही बाहर निकलना जरूरी है। 15-20 मिनट घूमना आपके मूड को लाइट कर देता है। दोस्तों और फैमली का सपोर्ट बहुत जरूरी है। IIT हैदराबाद जाना चाहती हूं मैंने शुरुआत से ही सोचा था मैं सीएस ब्रांच ही सिलेक्ट करूंगी। अभी मेरे 12वीं बोर्ड एग्जाम भी शुरू होने वाले हैं। मुझे JEE मेन्स सेशन-2 भी देना है। उसके बाद जो बेस्ट होगा वहां जाऊंगी। लेकिन मैं चाहती हूं कि मुझे IIT हैदराबाद में पढ़ने का मौका मिले। ये इंटरव्यू भी पढ़ें.... JEE Mains टॉपर मोहम्मद हमजा के टिप्स: मॉक टेस्ट दिए, रूटीन बनाकर हर सब्‍जेक्‍ट पढ़ा; 3 साल मेहनत के बाद मिले 99.8 परसेंटाइल मेरा नाम मोहम्मद हमजा है। मैं शहडोल, मप्र का रहने वाला हूं। मेरी मम्मी नाजनीन फातिमा हाउसवाइफ और पापा इरशाद अहमद बिजनेसमैन हैं। मैंने 11वीं, 12वीं की पढ़ाई देहरादून के किंगस्टन स्कूल से की और यहीं पढ़ाई के दौरान तीन साल पहले आकाश इंस्टीट्यूट जॉइन किया। पूरी खबर पढ़ें....

Feb 12, 2025 - 17:55
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JEE मेन्स टॉपर नव्या के टिप्स:रेगुलर स्कूल गईं, 8-10 घंटे पढ़ाई की; पहले ही अटेम्प्ट में स्कोर किया 97.9 पर्सेंटाइल
मेरा नाम नव्या अग्रवाल है। मैंने JEE सेशन-1 में 97.90 परसेंट स्कोर किया है। मैं अभी क्लास 12th में हूं। मैं बरेली, उत्तरप्रदेश से हूं। मेरे पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े हैं और मां एक हाउस मेकर हैं। मैंने बहुत पहले ही सोच लिया था कि मुझे साइंस बैकग्राउंड में ही जाना है। मैंने 11th में पहली बार कोचिंग जॉइन की थी और ये मेरा पहला अटेम्प्ट था। रेगुलर स्कूल के साथ JEE मेन्स की तैयारी की मैं रोज 8-9 घंटे पढ़ती थी। इस साल मेरा बोर्ड एग्जाम है तो मैं रेगुलर स्कूल भी जाती थी। कभी जब ज्यादा प्रेशर होता था या लगता था कि मुझे थोड़ा ज्यादा असाइनमेंट पूरे करने हैं, तब में 10-12 घंटे भी पढ़ती थी। स्ट्रांग और वीक सब्जेक्ट का डिफरेंस समझें मैथ्स मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है। अगर आपको कोई सब्जेक्ट अच्छा लगता है, तब आपको उसमें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि वो आपके लिए गेम खेलने की तरह आसान होता है। वहीं, मेरी फिजिक्स उतनी अच्छी नहीं है, तो मैंने फिजिक्स पर ज्यादा मेहनत की है। अगर आप इस फर्क को समझें तो सब्जेक्ट का प्रेशर कम होता है। ऑनलाइन स्टडी का भी मिला फायदा ऑनलाइन क्लासेज का फायदा मिलता है। मैंने फिजिक्स और मैथ्स 'स्टडी MQ' कोचिंग से पढ़ी है। वहीं मैंने केमिस्ट्री ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ी है। अगर आप सही स्ट्रेटजी से पढ़ें तो ऑनलाइन क्लासेज आपकी स्टडी को आसान बना देती हैं। रिफ्रेशमेंट के लिए फैमली के साथ ट्रिप पर गई मुझे लगता है लंबे समय तक पढ़ाई करते रहना आपको थका देता है और आप पूरी एनर्जी के साथ पढ़ नहीं पाते हैं। इसलिए मैं साल के आखिर में अपनी फैमली के साथ छुट्टियां बिताने भी गई। मुझे लगता है घूमना आपको रिफ्रेश करता है। मॉक टेस्ट से टाइम मैनेजमेंट सीखा मैंने रेगुलरली मॉक टेस्ट भी दिए। मॉक टेस्ट से मुझे काफी मदद मिली। मैथ्स मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है और वो मुझे काफी आसान भी लगता है। लेकिन जब मैंने मॉक टेस्ट दिया तो मुझे समझ आया मेरे पास मैथ्स के लिए समय कम पड़ गया। मॉक टेस्ट आपको एग्जाम के लिए तैयार करते हैं। जब भी स्ट्रेस हुआ , दोस्तों को कॉल किया एग्जाम जब तक नहीं होता है, तब तक कितना भी आप सोचें स्ट्रेस हो ही जाता है। मुझे जब भी स्ट्रेस हुआ मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने चली जाती थी। स्टडी के साथ-साथ ही बाहर निकलना जरूरी है। 15-20 मिनट घूमना आपके मूड को लाइट कर देता है। दोस्तों और फैमली का सपोर्ट बहुत जरूरी है। IIT हैदराबाद जाना चाहती हूं मैंने शुरुआत से ही सोचा था मैं सीएस ब्रांच ही सिलेक्ट करूंगी। अभी मेरे 12वीं बोर्ड एग्जाम भी शुरू होने वाले हैं। मुझे JEE मेन्स सेशन-2 भी देना है। उसके बाद जो बेस्ट होगा वहां जाऊंगी। लेकिन मैं चाहती हूं कि मुझे IIT हैदराबाद में पढ़ने का मौका मिले। ये इंटरव्यू भी पढ़ें.... JEE Mains टॉपर मोहम्मद हमजा के टिप्स: मॉक टेस्ट दिए, रूटीन बनाकर हर सब्‍जेक्‍ट पढ़ा; 3 साल मेहनत के बाद मिले 99.8 परसेंटाइल मेरा नाम मोहम्मद हमजा है। मैं शहडोल, मप्र का रहने वाला हूं। मेरी मम्मी नाजनीन फातिमा हाउसवाइफ और पापा इरशाद अहमद बिजनेसमैन हैं। मैंने 11वीं, 12वीं की पढ़ाई देहरादून के किंगस्टन स्कूल से की और यहीं पढ़ाई के दौरान तीन साल पहले आकाश इंस्टीट्यूट जॉइन किया। पूरी खबर पढ़ें....

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