BSNL की सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस ने बढ़ाई Elon Musk की टेंशन : भारत में Starlink की एंट्री से पहले बड़ा कदम

नई दिल्ली । सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए भारत की पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस का लॉन्च कर दिया है, जो बिना नेटवर्क और सिम कार्ड के कॉलिंग और डेटा सेवा की सुविधा प्रदान करती है। यह सेवा भारत में Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के लॉन्च से पहले […]

Nov 15, 2024 - 06:28
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BSNL की सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस ने बढ़ाई Elon Musk की टेंशन : भारत में Starlink की एंट्री से पहले बड़ा कदम

नई दिल्ली । सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए भारत की पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस का लॉन्च कर दिया है, जो बिना नेटवर्क और सिम कार्ड के कॉलिंग और डेटा सेवा की सुविधा प्रदान करती है। यह सेवा भारत में Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के लॉन्च से पहले ही पेश की गई है, जिससे अन्य टेलीकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और Amazon की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। BSNL की इस सेवा के बाद अब भारत में सैटेलाइट सर्विस का इस्तेमाल करने का रास्ता और भी सुलभ हो गया है।

DoT ने दी सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस की जानकारी

दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक वीडियो पोस्ट करते हुए BSNL की इस नई सेवा की जानकारी दी। DoT ने बताया कि BSNL ने इस सेवा के लिए अमेरिकी सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनी Viasat के साथ साझेदारी की है। इस सेवा का उद्देश्य उन क्षेत्रों में मोबाइल कॉलिंग और डेटा सेवा पहुंचाना है, जहां परंपरागत मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। खासतौर पर आपातकालीन स्थितियों में यह सेवा उपयोगकर्ताओं को संपर्क में बने रहने में सहायता करेगी।


इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में हुआ डेमो

पिछले दिनों नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में BSNL ने अपनी सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस का डेमो दिया। इस दौरान 36,000 किलोमीटर पर स्थित Viasat के L बैंड सैटेलाइट का उपयोग करके वीडियो कॉलिंग का प्रदर्शन किया गया। इस सर्विस के माध्यम से उन दुर्गम क्षेत्रों में भी मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाएगी, जहां पारंपरिक नेटवर्क नहीं पहुंच पाता है।

Starlink और अन्य कंपनियों के लिए बढ़ी चुनौतियाँ

BSNL की इस पहल से Elon Musk की कंपनी Starlink, जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों के लिए चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। भारत में Starlink की एंट्री के लिए कई तैयारियाँ चल रही थीं, जिसमें TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम एलोकेशन पर फैसला लेने की डेडलाइन 15 दिसंबर तय की है। यह संभावना जताई जा रही है कि इसी स्पेक्ट्रम एलोकेशन के बाद भारत में Starlink की सेवाएं शुरू हो सकती हैं। हालाँकि BSNL के सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस लॉन्च के बाद Starlink को भारत में मजबूत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

BSNL की नई सेवा से मिलने वाले प्रमुख लाभ

BSNL की यह सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस यूजर्स को बिना सिम कार्ड और नेटवर्क के मोबाइल कॉलिंग और डेटा सेवा का लाभ प्रदान करेगी। इस सेवा के कारण उन क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी जहां मोबाइल नेटवर्क का अभाव है। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में लोगों को संपर्क में बनाए रखना है, जिससे प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं के समय में भी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सैटेलाइट सर्विस का भविष्य

भारत में सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं का विस्तार दूरसंचार और इंटरनेट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर इशारा करता है। सैटेलाइट सेवाओं की बढ़ती माँग के चलते BSNL, Starlink, और अन्य कंपनियाँ इस क्षेत्र में अपनी सेवाओं का विस्तार करने के प्रयास में जुटी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में इस नई तकनीक के आने से न केवल इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल इंडिया का सपना साकार हो सकेगा।

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