समान नागरिक संहिता UCC
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो.
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून. अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होंगे.
समझिए 'समान नागरिक संहिता' को !
भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो.
समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून.
देश में कुछ धर्मों, मजहबों अथवा जातियों के निजी कानून हैं, लेकिन UCC एक धर्मनिरपेक्ष कानून है जो किसी भी धर्म / जाति के निजी कानून से ऊपर है.
देश की एकता को मजबूत करेगा समान नागरिक संहिता
एक देश, एक विधान और एक संविधान की मूल भावना का लिखित प्रारूप है 'यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)'. समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का सामान्य अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो. यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है
भारत में UCC, क्यों है बेहद जरूरी ?
संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' लागू करना हर राज्य की आवश्यक जिम्मेदारी है
अलग-अलग धर्मों के अलग कानून से न्यायपालिका पर बोझ पड़ता है. समान नागरिक संहिता लागू होने से अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के फैसले जल्द होंगे.
एक समानता से देश में एकता बढ़ेगी और जिस देश में नागरिकों में एकता होती है और वह देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ता है
समान कानून होने से वोट बैंक व तुष्टिकरण या ध्रुवीकरण करने वाली राजनीति करने वालों की दुकानें बन्द हो जाएंगी
भारत की महिलाओं की स्थिति में भी सुधार आएगा क्योंकि कुछ मजहबों के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सीमित हैं
कहाँ-कहाँ लागू है 'यूनीफॉर्म सिविल कोड' ?
गोवा में वर्ष 1961 से ही समान नागरिक संहिता यानी 'यूनीफॉर्म सिविल कोड' लागू है.
अन्य देशों में भी लागू
पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, सुडान, तुर्की और इजिष्ट जैसे कई देशों में लागू है.
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