माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से दुनिया थमी

उड़ानें रद हुई, बैंकों व अस्पतालों की प्रणालियां हो गई आफलाइन, भारत में भी जनजीवन प्रभावित देशभर में सैकड़ों उड़ानें बाधित, सिर्फ इंडिगो की करीब 200 उड़ानें रद एयरलाइन कंपनियों को जारी करने पडे हस्तलिखित बोर्डिंग पास

Jul 20, 2024 - 06:08
Jul 20, 2024 - 06:22
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माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से दुनिया थमी

माइक्रोसाफ्ट आउटेज से दुनिया थमी

उड़ानें रद हुई, बैंकों व अस्पतालों की प्रणालियां हो गई आफलाइन, भारत में भी जनजीवन प्रभावित देशभर में सैकड़ों उड़ानें बाधित, सिर्फ इंडिगो की करीब 200 उड़ानें रद एयरलाइन कंपनियों को जारी करने पडे हस्तलिखित बोर्डिंग पास

माइक्रोसाफ्ट के आपरेटिंग सिस्टम विंडोज 10 का इस्तेमाल करने वाले टर्मिनलों में ब्लूस्क्रीन आने के कारण शुक्रवार को दुनिया एक तरह से ठहर-सी गई। इस आउटेज (गड़बड़ी) कारण कई देशों में उड़ानें रद करनी पड़ीं, बैंकों एवं अस्पतालों की प्रणालियां आफलाइन हो गईं एवं मीडिया प्रतिष्ठानों का कामकाज रुक गया। इस आउटेज की वजह से दुनियाभर की कंपनियां और सेवाएं प्रभावित हुईं। भारत में जनजीवन पर भी इसका व्यापक असर हुआ। इसकी वजह से जहां दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरु समेत विभिन्न शहरों में सैकड़ों उड़ानें बाधित होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं शेयर बाजार से जुड़ी ब्रोकर एजेंसियों का कामकाज भी प्रभावित हुआ, जिसकी वजह से शेयर कारोबार में दिक्कतें पैदा हुई। देश में इंडिगो की ही करीब 200 उड़ानें रद हुईं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी, होंडा व कुछ दूसरी आटो मोबाइल कंपनियों ने भी कहा कि
उनका कामकाज प्रभावित हुआ।

अच्छी बात यह रही कि अमेरिका व पश्चिमी देशों की तरह भारत के बैंकिंग व वित्तीय सेक्टर पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। आरबीआइ की तरफ से बताया गया कि 10 बैंकों या वित्तीय कंपनियों की सेवाएं प्रभावित हुई थीं, लेकिन उन्हें सुलझा लिया गया है या सुलझाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह से ही दिल्ली व कुछ दूसरे शहरों में हवाई अड्डों पर संचालित कंप्यूटरों का कामकाज प्रभावित होने की सूचना सामने आने लगी थी। माइक्रोसाफ्ट की तरफ से बताया गया कि यह समस्या एक थर्ड पार्टी कंपनी क्राउड स्ट्राइक (साइबर सिक्यूरिटी देने वाली साफ्टवेयर कंपनी) की वजह से पैदा हुई। क्राउड स्ट्राइक ने विंडोज 10 को साइबर हमले से ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक सिस्टम अपग्रेड किया था, लेकिन इसका तकनीकी तालमेल नहीं बैठ पाया और एक के बाद एक करोड़ों कंप्यूटरों के स्क्रीन नीले (ब्लूस्क्रीन आफ डेथ) हो गए। समस्या सामने आने के बाद अमेरिका व दूसरे देशों में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस दौरान भारत में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी- इन) भी सक्रिय हुई और दोपहर बाद एक एडवाइजरी में माइक्रोसाफ्ट के आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वालों को ऐहतियाती तौर पर कुछ कदम उठाने की सलाह दी। इसमें लोगों को विंडोज को सेफ मोड में बूट करने को कहा गया।

भारत का वित्तीय सेक्टर सुरक्षित
रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर बताया कि माइक्रोसाफ्ट सेवाओं में बड़े स्तर पर गड़बड़ी ने सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े तमाम सेक्टरों पर असर डाला है। रिजर्व बैंक ने अपने नियमन में आने वाले सभी संस्थानों की स्थिति की समीक्षा की। अच्छी बात यह पता चली कि भारत में अधिकांश बैंक क्लाउड सिस्टम पर काम नहीं कर रहे हैं और बहुत ही कम बैंक क्राउड स्ट्राइक साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे है। आरबीआइ ने पाया है कि 10 बैंक या गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर मामूली असर पड़ा है। मोटे तौर पर वैश्विक स्तर पर जो अफरातफरी मची, भारतीय वित्तीय सेक्टर उससे सुरक्षित बचा हुआ है। आरबीआइ ने अपने नियमन के तहत आने वाली एजेंसियों को ऐहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

भारत के एनआइसी पर नहीं पड़ा असरः वैष्णव इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उनका मंत्रालय (एमईआइटीवाइ) लगातार माइक्रोसाफ्ट के साथ संपर्क में है। साथ ही सीईआरटी-इन भी सिस्को (वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी) के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है ताकि बेहद महत्वपूर्ण निकायों को सुरक्षित किया जा सके। गडबडी पहचानी जा चुकी है और इसका समाधान निकाला जा रहा है। सभी प्रभावित कंपनिया अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रही हैं और कई मामलों में सिस्टम में सुधार किया जा चुका है।' वैष्णव ने स्पष्ट किया कि भारत के नेशनल इंफारमेटिक्स सिस्टम (एनआइसी) पर कोई असर नहीं पड़ा।

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