फिल्म “The Sabarmati Report”: एक नई दृष्टि से घटना का विश्लेषण

नई दिल्ली । गोधरा कांड की भयावह घटना आज भी लोगों के दिलों में गहरे घाव की तरह ताजा है। यह घटना 27 फरवरी 2002 की है, जब साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 में अयोध्या से लौट रहे रामभक्तों को गोधरा रेलवे स्टेशन पर मजहबी भीड़ ने घेर कर आग के हवाले कर दिया था। […]

Nov 14, 2024 - 19:01
Nov 14, 2024 - 20:24
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फिल्म “The Sabarmati Report”: एक नई दृष्टि से घटना का विश्लेषण

नई दिल्ली। गोधरा कांड की घटना, जो भारतीय इतिहास में सांप्रदायिक हिंसा के सबसे दुखद अध्यायों में से एक मानी जाती है, आज भी लोगों के मन में गहरे जख्म छोड़ चुकी है। 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 में अयोध्या से लौट रहे रामभक्तों को गोधरा रेलवे स्टेशन पर मजहबी भीड़ ने घेर कर आग के हवाले कर दिया। इस वीभत्स घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अब इसी घटना पर आधारित फिल्म “The Sabarmati Report” 15 नवंबर को रिलीज हो रही है। यह फिल्म एक रिपोर्टर के नजरिए से इस त्रासदी की जांच और इसके नतीजों को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करती है।

प्रत्यक्षदर्शी का बयान: जनक भाई पंचाल

इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी जनक भाई पंचाल, जो अहमदाबाद के निवासी हैं, ने बताया कि वह भी उसी कोच में मौजूद थे, जिसमें उनके भाई शैलेश भी थे। उन्होंने इस घटना को अपनी आंखों से देखा और अपने भाई को खो दिया। पाञ्चजन्य से बातचीत में जनक भाई ने कहा, “गोधरा स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही भीड़ ने हमला कर दिया और पेट्रोल छिड़क कर कोच में आग लगा दी। लोगों की चीखें दिल दहला देने वाली थीं। यह दृश्य आज भी मेरी आंखों में ताजा है, और इसे मैं कभी नहीं भूल सकता।”

गोधरा कांड: साजिश या हादसा?

गोधरा कांड को लेकर सवाल आज भी बरकरार है कि यह हादसा था या सोची-समझी साजिश। घटना की जांच में पाया गया कि अयोध्या से लौट रहे रामभक्तों पर हमले की योजना पहले से तैयार थी। इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे और हालात महीनों तक तनावपूर्ण रहे। 2011 में इस मामले में दोषी पाए गए 31 लोगों को अदालत ने सजा सुनाई, जिससे पीड़ित परिवारों को न्याय मिला।

फिल्म “The Sabarmati Report”: एक नई दृष्टि से घटना का विश्लेषण

फिल्म “The Sabarmati Report” गोधरा कांड की जांच को एक रिपोर्टर के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। फिल्म यह दिखाने की कोशिश करती है कि इस हादसे के पीछे के असली कारणों की गहराई से पड़ताल की जानी चाहिए। यह उन सवालों को भी उठाती है जो आज भी अनसुलझे हैं और इस घटना के सच्चे कारणों की खोज करने की जरूरत पर जोर देती है।

गोधरा कांड के बाद का माहौल

गोधरा की इस त्रासदी के बाद गुजरात में हालात बिगड़ गए थे, और पूरे राज्य में तनाव का माहौल फैल गया। दोषियों को सजा मिलने से राज्य में कुछ हद तक शांति स्थापित हो सकी। इस घटना के बाद लोगों ने सामुदायिक सद्भाव और सांप्रदायिक तनाव के मुद्दों पर नए सिरे से विचार करना शुरू किया।

जनक भाई का दर्द और समाज के लिए सबक

जनक भाई का कहना है कि वह इस घटना को कभी नहीं भूल सकते और उनके भाई की यादें हमेशा उनके साथ रहती हैं। यह घटना भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि सांप्रदायिकता और कट्टरता का समाज पर कितना गहरा असर हो सकता है। जनक भाई जैसे प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही से इस मामले में न्याय सुनिश्चित हो सका।

“The Sabarmati Report” जैसी फिल्में समाज को इन घटनाओं के पीछे छिपे सच्चाई और उनसे मिलने वाले सबक पर सोचने का मौका देती हैं।

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