THE UP FILES: विवादों के बीच सच्ची घटनाओं पर आधारित एक फिल्म
इस श्रेणी में एक नई फिल्म 'द यूपी फाइल्स' दस्तक देने वाली है, जिसके टाईटल से ही पता लग रहा है इसकी कहानी उत्तर प्रदेश की राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती दिखने वाली है। यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पृष्ठभूमि को उजागर करती है।
भारतीय सिनेमा में सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। इस श्रेणी में एक नई फिल्म 'द यूपी फाइल्स' दस्तक देने वाली है, जिसके टाईटल से ही पता लग रहा है इसकी कहानी उत्तर प्रदेश की राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती दिखने वाली है। यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पृष्ठभूमि को उजागर करती है। फिल्म के निर्देशक नीरज सहाय ने इसे एक क्राइम ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें मनोज जोशी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
'द यूपी फाइल्स' की कहानी अभय सिंह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाते हैं। वे राज्य के भीतर विभिन्न मुद्दों का सामना करते हुए सुशासन का एक मॉडल स्थापित करने का प्रयास करते हैं। फिल्म में मनोज जोशी के अलावा मंजरी फडनिस, अली असगर, अशोक समर्थ, और अमन वर्मा जैसे अनुभवी अभिनेता प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म मनोज जोशी के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि वे अपने 33 साल के करियर में पहली बार किसी फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। यह एक आम बात हो गई है कि जब भी कोई फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित होती है, तो कोई न कोई संगठन अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर देता है। मनोरंजन की पहचान बन चुकी फिल्मी दुनिया अब अतीत के उन पन्नों को उधेड़ने का दावा करने लगी है, जिनकी गूंज शायद लोगों के जेहन से मिट चुकी थी। इससे पहले भी 'द केरल स्टोरी', 'आर्टिकल 370', 'बस्तरः द नक्सल स्टोरी', 'माइनस 31', 'द नागपुर फाइल्स', 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर', और 'द साबरमती रिपोर्ट' जैसी कई फिल्में इसी प्रकार के विवादों का सामना कर चुकी हैं।
अभिनेता मनोज जोशी का कहना है, "जब यूपी को एक नया मुख्यमंत्री मिलता है जो महत्वाकांक्षी होता है और अपने राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और सुशासन का एक मॉडल स्थापित करने के लिए समर्पित होता है, तो हर आवश्यक उपाय करता है और अंततः राज्य को भारत के कुछ विकसित राज्यों में गिना जाता है। यूपी ने भारत को कई अच्छे प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन फिर भी, इसमें विकास की कमी है... यूपी में सब कुछ है, लेकिन राज्य को विकसित करने के लिए समर्पण दशकों से इसके नेताओं में गायब था।"
'द यूपी फाइल्स' न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह फिल्म उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों को उजागर करने का प्रयास करती है। फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम और मुद्दे समाज को जागरूक करने और सोचने पर मजबूर करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश, जिसने भारत को कई प्रधानमंत्री दिए हैं, फिर भी विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। यह फिल्म इस राज्य की विकास यात्रा और राजनीतिक दांव-पेंच को बारीकी से दर्शाती है।
यह फिल्म 26 जुलाई 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। दर्शकों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फिल्म उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को कैसे पेश करती है और इसके रिलीज के बाद कितनी चर्चा बटोरती है। 'द यूपी फाइल्स' निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण फिल्म होगी जो भारतीय राजनीति के कई अनछुए पहलुओं को सामने लाएगी।
'द यूपी फाइल्स' जैसी फिल्में समाज में सच्चाई को उजागर करने और जनजागरण का कार्य करती हैं। यह फिल्म न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों को बारीकी से दिखाएगी बल्कि यह भी बताएगी कि सही नेतृत्व और समर्पण के साथ किसी भी राज्य को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है। फिल्म की रिलीज का इंतजार पूरे देश को है और यह उम्मीद की जाती है कि यह फिल्म समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल होगी।
आशुतोष शर्मा
(फिल्म समीक्षक)
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