पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार: रालोद कोटे से नए मंत्री और राजनीतिक दलों के संबंध

राजपूत समाज को भी मंत्रिमंडल में हिस्सा मिलने की मांग है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट चर्चा नहीं हो रही है।

Mar 1, 2024 - 23:16
Mar 18, 2024 - 11:11
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार: रालोद कोटे से नए मंत्री और राजनीतिक दलों के संबंध

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योगी सरकार ने एक बार फिर मंत्रिमंडल को विस्तार करने का निर्णय लिया है, और इस बार रालोद कोटे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक और मंत्री मिल सकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण नाम और चर्चाएं हैं जो सामने आ रही हैं:

  1. जाट और गुर्जर की हिस्सेदारी: सूत्रों के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दो बड़ी जातियां, जाट और गुर्जर, मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती हैं। इसमें से कोई एक जाति मंत्री बन सकती है।

  2. जाटों को महत्व: भाजपा ने हाल ही में जाट समुदाय को महत्वपूर्ण माना है और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना है।

  3. रालोद कोटे से गुर्जर मंत्री: रालोद कोटे से भी एक गुर्जर मंत्री बनने की संभावना है, जिससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ सकती है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी को वोट मिल सकता है।

  4. राजीव बालियान का नाम: राजीव बालियान का नाम भी चर्चा में है, और उन्हें रालोद कोटे से मंत्री बनने की संभावना है।

  5. राजपूत समाज की मांग: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी की मांग कर रहा है, और इसका ध्यान रखा जा रहा है।

  6. गुर्जरों को मिल सकता है मौका: भाजपा ने गुर्जर समाज को मंत्रिमंडल में मिलने का मौका देने की कोशिश कर सकती है, ताकि समाज में संतुलन बना रहे।

  7. राजपूत समाज का संगठन: राजपूत समाज के लोग चाहते हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व मिले, और इसे लेकर वे संगठित रूप से काम कर रहे हैं।

  8. राजपूत समाज के नेता: राजपूत समाज के नेता सतेंद्र सिसोदिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस मंत्रिमंडल के विस्तार से राजनीति पर बड़ा असर हो सकता है, और लोकसभा की सीटों पर भी इसका प्रभाव हो सकता है। यह स्थिति समूचे क्षेत्र के राजनीतिक मानचित्र को बदल सकती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रालोद क्षेत्र से मंत्रीमंडल में एक नया सदस्य शामिल होने की चर्चा है, और इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ की सरकार की कैबिनेट में विस्तार की जा रही है। इस विस्तार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो बड़े जातियां, जाट और गुर्जर, में से कोई एक मंत्री बन सकता है। इस समय जाट और गुर्जर समाजों के बीच राजनीतिक महत्वपूर्ण चर्चाएं चल रही हैं।

पिछले दिनों भाजपा ने जाट समाज को खासा महत्व दिया है और इस पर आधारित मंत्रीमंडल में विस्तार की जा रही है। इसके अलावा, गुर्जर समाज भी योगी सरकार के मंत्रिमंडल में अधिक भागीदारी की मांग कर रहा है। रालोद क्षेत्र से आने वाले मंत्री के रूप में जाट और गुर्जर दोनों को मिल सकते हैं, जिससे राजनीतिक संघर्ष में संतुलन बना रहेगा।

पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी की सूचना के मुताबिक, इस फैसले का अंतिम निर्णय पार्टी के अध्यक्ष के हाथ में होगा। इसके लिए जाट और गुर्जर समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा हो रही है। यह निर्णय पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है, खासकर जिलों में जाटों और गुर्जरों की संख्या में बड़ा प्रतिनिधित्व है।

रालोद क्षेत्र से जाट और गुर्जर विधायकों में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। इस समय, रालोद कोटे के साथ भाजपा का गठबंधन है, जिससे इस क्षेत्र का नेतृत्व हो रहा है। जाट समाज को और अधिक हिस्सेदारी मिलने के लिए रालोद कोटे से एक जाट मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इससे जाट वोटबैंक को मजबूत करने का लक्ष्य हो सकता है।

इसके अलावा, गुर्जर समाज को भी मंत्रिमंडल में हिस्सा मिलने की संभावना है। भाजपा रालोद कोटे से एक गुर्जर मंत्री बनाकर उनकी हिस्सेदारी को बढ़ा सकती है, और इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर के कई सीटों पर भाजपा को फायदा हो सकता है।

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रालोद क्षेत्र से गुर्जर विधायकों में से दो नाम, मीरपुर से चंदन चौहान और खतौली से मदन भैया, उभर रहे हैं। इनमें से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा हो रही है। यह साबित कर सकता है कि भाजपा गुर्जर समाज के साथ भी संबंध बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।

इस बीच, राजीव बालियान का नाम भी मंच पर है, और उन्हें रालोद कोटे से मंत्री बनाने की संभावना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों की आबादी और गुर्जरों की आबादी के बीच में एक संतुलन बनाए रखने के लिए यह एक अच्छा कदम हो सकता है।

इसके अलावा, राजपूत समाज को भी मंत्रिमंडल में हिस्सा मिलने की मांग है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट चर्चा नहीं हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज की बड़ी संख्या है, और उन्हें भी सही मायने में हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है।

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इस पूरे विस्तार के साथ, योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार का एक बड़ा परिवर्तन हो सकता है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए समर्थन क्षेत्र उत्पन्न हो सकते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,