प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से कहा दोषियों के बीच डर पैदा हो
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण ने भारत के भविष्य की दिशा में एक स्पष्ट और दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय पहलुओं का समावेश है।
प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से स्वतंत्रता सेनानियों को नमन और महिला सुरक्षा पर जोर
नई दिल्ली, 15 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। अपने 97 मिनट के भाषण में, प्रधानमंत्री ने देश को विकसित भारत 2047 की दिशा में ले जाने पर बल दिया और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए दोषियों के बीच डर पैदा करने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल में महिलाओं पर हुए अत्याचारों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "आज मैं लाल किले से एक पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। हमारी माताओं-बहनों, बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं। मुझे लगता है कि अब ऐसे कृत्यों के प्रति डर पैदा करना बहुत जरूरी है।
प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता
प्रधानमंत्री ने हाल ही में देश में आई प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि देश संकट की घड़ी में आपदा प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने बांग्लादेश को हरसंभव मदद देने का आश्वासन भी दिया।
विकसित भारत 2047 की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें 'ईज ऑफ लिविंग' मिशन, उच्च शिक्षा में नालंदा की भावना का पुनर्जीवन, मेड इन इंडिया चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन, और कौशल भारत सशक्त भारत जैसी पहलों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि हम 2047 तक एक विकसित भारत बनाएं। इसके लिए हमें आधुनिक प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाना होगा।"
अन्य प्रमुख घोषणाएं
- औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने का आह्वान।
- भारत में डिजाइन, विश्व के लिए डिजाइन: भारतीय डिजाइन क्षमताओं को विकसित करने पर जोर।
- ग्रीन जॉब्स और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित नौकरियों और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का महत्व।
- राज्य स्तरीय निवेश प्रतिस्पर्धा: राज्य सरकारों को निवेश आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीतियां बनाने का आह्वान।
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण ने भारत के भविष्य की दिशा में एक स्पष्ट और दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय पहलुओं का समावेश है। यह भारत को विश्व में एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण पहल और लक्ष्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनका उद्देश्य भारत के विकास को गति देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना, और देश को वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बनाना है। उनके भाषण के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
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ईज ऑफ लिविंग मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने 'ईज ऑफ लिविंग' मिशन पर जोर देते हुए शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता सुधारने की बात कही। उनका उद्देश्य व्यवस्थित मूल्यांकन और बुनियादी ढांचे में सुधार के माध्यम से जीवन को आसान बनाना है।
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नालंदा की भावना को पुनर्जीवित करना: प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई। यह भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास है।
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मेड इन इंडिया चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन: मोदी ने भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने का संकल्प लिया है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो और तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़े।
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कौशल भारत: प्रधानमंत्री ने युवाओं को प्रशिक्षित करने और भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के लिए सरकार की पहल पर चर्चा की। बजट 2024 के तहत इन पहलों का उल्लेख किया गया है।
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औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की कल्पना की, जिसका लाभ देश के विशाल संसाधनों और कुशल कार्यबल से उठाया जा सके।
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"भारत में डिजाइन, विश्व के लिए डिजाइन": उन्होंने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों की मांग को पूरा करें।
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वैश्विक गेमिंग बाजार में अग्रणी: प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ उठाकर मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पाद बनाने चाहिए। भारतीय पेशेवरों को गेमिंग बाजार में नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।
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ग्रीन जॉब्स और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: उन्होंने ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया और भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में वैश्विक नेता बनाने का संकल्प लिया।
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स्वस्थ भारत मिशन: प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत 'स्वस्थ भारत' के लक्ष्य की बात की, जो 2047 तक विकसित भारत की दिशा में एक कदम है।
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राज्य स्तरीय निवेश प्रतिस्पर्धा: प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से निवेश आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीतियों का आह्वान किया, ताकि सुशासन और कानून व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
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वैश्विक मानक के रूप में भारतीय मानक: उन्होंने भारतीय मानकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की इच्छा व्यक्त की।
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जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लक्ष्य को दोहराया और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की बात कही।
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चिकित्सा शिक्षा विस्तार: अगले 5 वर्षों में 75,000 नई चिकित्सा सीटें जोड़ने की योजना की घोषणा की, ताकि स्वास्थ्य पेशेवरों की मांग को पूरा किया जा सके।
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राजनीति में नए लोगों को शामिल करना: प्रधानमंत्री ने 1 लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में लाने का आह्वान किया, जिससे भाई-भतीजावाद और जातिवाद जैसी बुराइयों से निपटा जा सके।
प्रधानमंत्री के इन लक्ष्यों और पहलों का उद्देश्य भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो।
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