प्रधानमंत्री मोदी ने बोडो शांति समझौते को विकास और शांति की मिसाल बताया
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोडो शांति समझौते को विकास और शांति का प्रतीक बताते हुए इसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज के योगदान और पूर्वोत्तर भारत के विकास पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बोडो शांति समझौते को विकास और शांति की मिसाल बताया
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोडो शांति समझौते की सफलता को विकास और शांति का आधार बताते हुए इसे अन्य शांति समझौतों के लिए प्रेरणास्त्रोत कहा। उन्होंने कहा, "बोडो शांति समझौते से न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास के नए रास्ते खुले हैं। अगर यह समझौता केवल कागजों तक सीमित रहता तो अन्य लोग मुझ पर भरोसा नहीं कर पाते।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, "पिछले चार वर्षों में बोडोलैंड में हुए सकारात्मक परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस समझौते के बाद बोडोलैंड ने विकास की नई लहर देखी है। आज बोडो शांति समझौते के सकारात्मक प्रभाव को देखकर मुझे अत्यंत संतोष और खुशी होती है।"
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व और देव दीपावली की भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक इतिहास को संजोने और संवारने में जनजातीय समाज का योगदान अद्वितीय है।
उन्होंने कहा, "मेरे लिए असम सहित पूरा नॉर्थ-ईस्ट भारत की अष्टलक्ष्मी है। अब विकास का सूरज पूर्वी भारत से उगेगा, जो विकसित भारत के हमारे संकल्प को नई ऊर्जा देगा। पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के हमारे प्रयास जारी हैं।"
देहरादून में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस अवसर पर ओएनजीसी स्टेडियम, देहरादून में राज्य जनजाति शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में जनजातीय समुदायों की गौरवशाली परंपराओं और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज के समग्र विकास और उनके गौरव को बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का प्रयास है।
बोडो शांति समझौता: एक सफल पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने बोडो शांति समझौते को असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए स्थायी शांति और विकास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "हमारे निरंतर प्रयासों के चलते बोडो क्षेत्र में नई ऊर्जा और विश्वास का माहौल बना है।"
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि यह समझौता पूर्वोत्तर क्षेत्र को मुख्यधारा में जोड़ने और स्थायी विकास सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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