नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार

तकनीकी दृष्टि से यह देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जो शून्य कार्बन उत्सर्जन एवं नेट ज़ीरो वाटर मॉडल पर कार्य करेगा।

Jun 22, 2024 - 06:24
Jun 22, 2024 - 06:48
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नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार

नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में स्थापित एक शैक्षणिक संस्थान है और इसकी स्थापना गुप्त काल के दौरान हुई थी और भारत के विभिन्न कोनों से छात्र यहाँ अध्ययन करने आते थे।

बिहार में नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण उसी नगरी में किया गया है, जहाँ कभी इस्लामिक आक्रमणकारी बख़्तियार खिलजी ने इसे आग में झोंक दिया था। नालंदा विश्वविद्यालय 750 वर्ष से अधिक पुराना है और इसके संकाय में महायान बौद्ध धर्म के विद्वान शामिल थे, जो 6 प्रमुख बौद्ध संप्रदायों और दर्शनों की शिक्षा देते थे।

800 वर्षों के पश्चात अग्नि में तपकर निकला यह विश्वविद्यालय वस्तुतः हमारी प्राचीन शिक्षापरम्परा के पुनरुत्थान का उत्सव है। यह सांस्कृतिक एकीकरण लाने का अनूठा प्रयास है।

प्राचीन काल में ज्ञान के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विख्यात नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से उसका खोया गौरव और सम्मान दिलाने का यह भगीरथ प्रयास है। तकनीकी दृष्टि से यह देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जो शून्य कार्बन उत्सर्जन एवं नेट ज़ीरो वाटर मॉडल पर कार्य करेगा।

नालंदा विश्वविद्यालय की तीन विशेष विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में कुमारगुप्त प्रथम द्वारा की गई थी।

2. नालंदा का प्रसिद्ध पुस्तकालय धर्मगंज के नाम से जाना जाता है।

3. यहां तीन बहुमंजिला इमारतें हैं, रत्नसागर, रत्नोदधि और रत्न रंजक।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।