म्यांमार में भीषण भूकंप: मृतकों की संख्या 1,644 के पार, भारत ने भेजी राहत सहायता

म्यांमार में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप में अब तक 1,644 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग घायल हुए हैं। भारत ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 80 सदस्यीय NDRF टीम भेजी है। आधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से बचाव कार्य जारी है। पढ़ें पूरी जानकारी। Massive earthquake Myanmar Death toll crosses 1644 India sends relief aid, म्यांमार में भीषण भूकंप: मृतकों की संख्या 1,644 के पार, भारत ने भेजी राहत सहायता

Mar 29, 2025 - 20:46
Mar 29, 2025 - 20:49
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म्यांमार में भीषण भूकंप: मृतकों की संख्या 1,644 के पार, भारत ने भेजी राहत सहायता
म्यांमार में भूकंप

म्यांमार में भीषण भूकंप: मृतकों की संख्या 1,644 के पार, भारत ने भेजी राहत सहायता

28 मार्च को भूकंप से हिली धरती
म्यांमार, चीन, थाईलैंड और भारत में 28 मार्च को दोपहर 12:50 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। इस भूकंप के ठीक 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका भी आया, जिससे भारी तबाही मची। म्यांमार में यह भूकंप सबसे विनाशकारी साबित हुआ, जहां अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके अलावा, 139 लोग अभी भी लापता हैं।

भूकंप के बाद का मंजर
म्यांमार में भूकंप के बाद इमारतों के गिरने से मलबे का ढेर लग गया है। सैकड़ों लोग अब भी फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, जिसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित टीमें और रोबोट तकनीक की मदद ली जा रही है।

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
म्यांमार में आई इस आपदा के तुरंत बाद भारत ने अपनी सहायता भेजने की घोषणा की। भारतीय वायुसेना का विमान सी-130, 80 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम के साथ म्यांमार पहुंच चुका है। यह टीम बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभा रही है।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। भारत राहत, बचाव और पुनर्निर्माण में म्यांमार का पूरा सहयोग करेगा।"

30 घंटे बाद मलबे से निकली महिला जिंदा
भूकंप के 30 घंटे बाद राहतकर्मियों ने एक 30 वर्षीय महिला को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। वह लंबे समय तक फंसी रहीं, लेकिन बचाव दल के प्रयासों से उनकी जान बच गई। यह घटना बचाव कार्यों की सफलता का एक उदाहरण है।

बचाव कार्यों में आधुनिक तकनीक का उपयोग
बचाव अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए रोबोटिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। बैंकॉक में एक इमारत के गिरने के बाद बचाव दल रोबोट की मदद से मलबे के नीचे दबे लोगों को खोजने में लगा हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता
म्यांमार में भूकंप से हुए विनाश को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना होगा। कई देशों ने म्यांमार को राहत सहायता देने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं भी इस त्रासदी में सहायता पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।


म्यांमार में आए इस भूकंप ने एक बड़ी त्रासदी को जन्म दिया है। भारत सहित कई देशों ने राहत और बचाव कार्यों में सहायता भेजी है। आधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस आपदा के प्रभाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। म्यांमार को इस कठिन समय में हर संभव सहायता की जरूरत है ताकि वहां जनजीवन दोबारा पटरी पर आ सके।

Randhir Jaiswal ने लिखा है x पर 

???????? First Responder- first to send rescue personnel to Nay Pyi Taw ????????.

A C130 flight with 80 member 

@NDRFHQ

search and rescue team has landed in Nay Pyi Taw. Received by Amb Abhay Thakur & Amb Maung Maung Lynn of MoFA Myanmar. #OperationBrahma

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,