21 Jun: साल का सबसे लंबा दिन, जानिए इसके पीछे की वजह

24 घंटे के हिसाब से देखते हैं, जिसमें दिन और रात दोनों 12 घंटे के होते हैं। लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त की वजह से दिन और रात की अवधि में अंतर आ जाता है। 21 Jun को सूर्य के उगने से लेकर अस्त होने तक के बीच करीब 13 घंटे का वक्त होता है

Jun 21, 2024 - 21:10
Jun 21, 2024 - 21:23
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21 Jun: साल का सबसे लंबा दिन, जानिए इसके पीछे की वजह

21 जून: साल का सबसे लंबा दिन, जानिए इसके पीछे की वजह

हर साल 21 जून को दुनिया भर में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे हम ग्रीष्म संक्रांति या सोल्सटिस के नाम से जानते हैं। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होता है, जिससे यह दिन अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा घंटे का होता है। इस खगोलीय घटना के कारण ही हमें यह विशेष दिन देखने को मिलता है।

सोल्सटिस क्या है?

सोल्सटिस, जिसे अयनान्त भी कहा जाता है, एक खगोलीय घटना है जो साल में दो बार होती है। एक बार गर्मी में, 21 जून को, और दूसरी बार सर्दियों में, 21 दिसंबर को। ग्रीष्म संक्रांति के दिन, सूर्य का उत्तरायण सबसे ऊंचे बिंदु पर होता है, जिससे उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर अधिक झुका होता है। इस स्थिति के कारण दिन की अवधि लंबी हो जाती है और सूर्य की रोशनी ज्यादा देर तक रहती है।

दिन की अवधि में अंतर

आम दिनों में हम दिन और रात को 24 घंटे के हिसाब से देखते हैं, जिसमें दिन और रात दोनों 12 घंटे के होते हैं। लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त की वजह से दिन और रात की अवधि में अंतर आ जाता है। 21 जून को सूर्य के उगने से लेकर अस्त होने तक के बीच करीब 13 घंटे का वक्त होता है, हालांकि यह जगह के हिसाब से 14 घंटे तक भी हो सकता है।

ग्रीष्म संक्रांति का महत्व

ग्रीष्म संक्रांति का दिन खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सूरज सबसे ऊंचे और लंबे रास्ते पर चलता है, जिससे दिन की अवधि बढ़ जाती है। वहीं, सर्दियों में होने वाली संक्रांति के दौरान दिन की अवधि सबसे छोटी होती है। इस साल 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन होगा।

सूर्य की परिक्रमा करते हुए या चक्कर लगाते हुए जब धरती अपने एक्सिस पर 23.44° पर झुका होता है, तब मौसम में बदलाव होता है. 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति के दौरान भी उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर अधिक झुका होता है. इसलिए आम दिनों की तुलना में इस दिन सूर्य की रोशनी अधिक पड़ता है 

21 जून का दिन हमारे खगोलीय कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन का महत्व सिर्फ दिन की अवधि बढ़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह खगोलीय घटनाओं और पृथ्वी की गति को समझने का एक महत्वपूर्ण तरीका भी है। सोल्सटिस हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारे आसपास की दुनिया कितनी जटिल और रोचक है।

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