बिहार के छात्रों का नवाचार: फल और सब्जियों में पेस्टिसाइड्स की पहचान करने वाली मशीन विकसित

आविष्कार हाल ही में दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में आयोजित एक प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया।

Nov 29, 2024 - 20:11
Nov 29, 2024 - 20:23
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बिहार के छात्रों का नवाचार: फल और सब्जियों में पेस्टिसाइड्स की पहचान करने वाली मशीन विकसित

बिहार के छात्रों का नवाचार: फल और सब्जियों में पेस्टिसाइड्स की पहचान करने वाली मशीन विकसित

बिहार के दो प्रतिभावान छात्र, हर्ष राजपूत और श्रेयश चंद्रा, ने एक ऐसा अभिनव यंत्र विकसित किया है, जो फल और सब्जियों में मौजूद कीटनाशकों (पेस्टिसाइड्स) की मात्रा का तुरंत पता लगा सकता है। हर्ष आईआईटी पटना और श्रेयश अमिटी यूनिवर्सिटी, पटना के छात्र हैं। उनका यह आविष्कार हाल ही में दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में आयोजित एक प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया। यह प्रदर्शनी पद्मश्री प्रोफेसर अनिल गुप्ता के संस्थान द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर से नवाचार करने वाले युवा प्रतिभाओं को आमंत्रित किया गया था।

हनी बी नेटवर्क क्रिएटिविटी और समावेशी इनोवेशन अवार्ड्स 2024

इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण "हनी बी नेटवर्क क्रिएटिविटी और समावेशी इनोवेशन अवार्ड्स 2024" था। यह पुरस्कार समारोह देशभर के नवोन्मेषकों को उनकी रचनात्मकता और समाज में योगदान के लिए मान्यता देने हेतु आयोजित किया गया। इस बार 15 फाइनलिस्टों को उनकी अनोखी सोच और योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

हर्ष और श्रेयश का आविष्कार न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित होगा, बल्कि इसे कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। उनके यंत्र से किसान और उपभोक्ता, दोनों लाभान्वित हो सकते हैं, क्योंकि यह बाजार में उपलब्ध फलों और सब्जियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक है।

बिहार के छात्रों पर गर्व

इस प्रदर्शनी में बिहार से प्रतिभागिता देखकर गौरव महसूस हुआ। हर्ष और श्रेयश जैसे युवा, अपने नवाचारों के माध्यम से राज्य और देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। ऐसे प्रयास बिहार को नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए प्रेरित करेंगे।

विजय एस जोधा से मुलाकात

इस आयोजन के दौरान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रख्यात फोटोग्राफर विजय एस जोधा से मुलाकात ने सभी के अनुभव को और भी खास बना दिया। जेएनयू से जुड़े प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों से बातचीत ने युवा नवोन्मेषकों को और प्रेरित किया।

यह आयोजन न केवल नवाचारों का मंच था, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवाओं को एक-दूसरे से सीखने और प्रेरित होने का अवसर भी प्रदान किया।

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