छात्राओं ने भगवान कृष्ण के गीता उपदेश का किया मनोहारी मंचन

गुरुकुल को आनंदित किया।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख सुबह गुरुकुल महविद्यालय चोटीपुरा पहुंचे  134 बेटियों का विधि  विधान से कराया गया उपनयन संस्कार तो महाविद्यालय की संस्थापिका डासुमेधा ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद गुरुकुल परिसर में बनी यज्ञशाला में कक्षा सात की 34 बेटियां पहुंच गईं। 

Jul 31, 2024 - 14:45
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छात्राओं ने भगवान कृष्ण के गीता उपदेश का किया मनोहारी मंचन

पिता के रूप में यज्ञशाला में बैठे भागवत ने छात्राओं को दिया ग्रहाचर्य के नियमों का उपदेश, विधि-विधान के साथ गुरुकुल की मुख्याधिष्ठात्री आचार्या डा. सुमेधा आर्या मंत्रोच्चारण



गुरुकुल में गूंजते रहे मंत्र गुरुकुल में मंगलवार को अद्भुत नजारा रहा। सुबह से है मंत्र गूंजते  रहे। गुरुकुल की मुख्याधिष्ठात्री आचार्या ड. सुमेधा आर्या मंत्रोच्चारण के बीच 34 छात्राओं का विधि-विधान के साथ यज्ञोपवीत धारण कराकर उपनयन संस्कार कराया। आरएसएस प्रमुख डा मोहन भागवत ने उनको उपदेश व आशीर्वाद दिया। पिता के रूप में वह यज्ञशाला में विराजमान हुए। इसके बाद उन्होंने संस्कृति-नीडम्‌ भवन का उद्घाटन किया और फिर पौधारोपण कर गुरुकुल को आनंदित किया।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख सुबह गुरुकुल महविद्यालय चोटीपुरा पहुंचे  134 बेटियों का विधि  विधान से कराया गया उपनयन संस्कार तो महाविद्यालय की संस्थापिका डासुमेधा ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद गुरुकुल परिसर में बनी यज्ञशाला में कक्षा सात की 34 बेटियां पहुंच गईं। 

मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ का कार्य प्रारंभ हो गया। इसी बीच संघ प्रमुख भी वहां पहुंच गए और पिता के रूप में आसन ग्रहण किया। आचार्य के रूप में कुलपति भी आसान पर विराजमान हो गए। दोनों ने अमन ही चुप मंत्रोच्चारण के बीच यज्ञ में आहुतियां छोड़ी। मुख्याधितात्री ने समी छात्राओं को यज्ञोपवीत धारण कराते हुए उपनयन संस्कार कार्य पूरा कराया। इसके बाद संघ प्रमुख ने ' सभी बेटियों को ब्रह्मचर्य के नियमों की जानकारी दी। इसके बाद संघ प्रमुख ने सभी बेटियों को आशीर्वाद दिया और कहा कि आप सभी को जो नियम बताए हैं, उनका पालन करते हुए निरंतर उन्नति को प्राप्त करते हुए मां भारती की निष्ठापूर्वक सेवा करनी है। देश के प्रति अपने कर्तव्यों का दृढ़तापूर्वक निर्वहन करना है। इसके बाद छात्राओं ने भिक्षा मांगकर स्वजन व अन्य बड़ों का आशीर्वाद लिया। 

 मंगलवार का दिन और खेत-खलिहानों के बीच बना कन्याओं का गुरुकुल। ये वो, गुरुकुल। जहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डा. मोहन भागवत पपधार रहे थे। स्वागत के लिए तैयार हुए गुरुकुल में अद्भुत, आनंदित व  आलोौकिक वातावरण से सिर्फ आरएसएस के प्रमुख अभिभूत हुए. बल्कि गुरुकुल का एक-एक कण आधात्मिक शिक्षा की सुगंध से महक उठा। कन्याओं ने मंत्र उच्चारण, बैंडबाजे और बांसुरी की धुन के साथ उनका स्वागत किया। फिर आयोजित हुए विशाल हवन- यज्ञ में पड़ी आहतियों से फिजा . महक उठीं। निर्धारित समय पर सुबह साढ़े दस बजे आरएसएस के प्रमुख . मोहन भागवत अपने काफिले के साथ गुरुकुल परिसर में प्रवेश हुए।

मुख्य द्वार पर ही गुरुकुल की संचालिका डा. सुमेधा ने उनका तिलक करते हुए पुष्पवर्षा की। फिर सौ से अधिक कन्याओं ने श्रृंखला बनाते हुए मंत्र उच्चारण करना शुरू कर दिया। संघ प्रमुख की अगुवाई करते हुए छात्राएं बैंडबाजे बजाते हुए आगे चल रही थीं। गुरुकुल के भवन पर पहुंचते ही पुनः पुष्प वर्षा की गईं काफी देर कक्ष में आराम करने के बाद संघ प्रमुख व केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्‍ली के कुलपति श्रीनिवास बरखेड़ी हवन- यज्ञ स्थल पर पहुंच गए। वहां पर मंत्रोच्चरण के साथ हवन में आहुतियां दीं। फिर वहां से सीधा सभागार में पहुंच गए। 

यहां पर बैठे तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया। पहला कार्यक्रम गंभीर शिक्षा का क्रम विषय पर आधारित रहा। फिर 500 साल बाद अयोध्या में पधारे भगवान श्रीराम से जुड़कर अयोध्या गाथा सुनाई गईं। तीसरा कार्यक्रम मंगला चरण विषय पर हुआ। जिसमें अग्निसूत्र व संगठित सूत्र का मंचन किया गया। कार्यक्रम के इस क्रम में भारत संघ कीर्तन में कन्याओं अद्भुत कलां को देखकर हर कोई दंग रह गया। ये का क्रम भारतीय संस्कृति को  जिंदा रखने के ऊपर आधारित था। फिर गीता संवाद नाटिका का आयोजन किया। जिसमें धर्म को बचाने के लिए, कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत का युद्ध का मंचन किया गया। आखिर में वंदे मातरम्‌ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

 
छात्राओं ने भगवान कृष्ण के गीता उपदेश का किया मनोहारी मंचन 
अमरोहाः श्रीमद् दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुति देते हुए जहां लोगों को भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक किया वहीं, दूसरी ओर राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने की सीख भी दी। स्वागत गीत के जरिए सरसंघ संचालक डा. मोहन भागवत का अभिनंदन किया और पुष्य भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया।
 
दोपहर दो बजे महाविद्यालय परिसर स्थित हाल में सरसंघ संचालक पहुंचे। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। सबसे पहले छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके बाद छात्राओं ने गीता गौरव  गाथा कार्यक्रम पेशकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। इसके बाद अयोध्या में हुई भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित गीत हम कथा सुनाते आज अयोध्या धाम की, ये जन्म भूमि भगवान श्रीराम की... शानदार प्रस्तुति दी। बाद में भारत संकीर्तन पेश किया। 
 
इसके अलावा गीता नाट्य संवाद पेश किया। इसमें छात्राओं ने महाभारत में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता उपदेश का मनोहारी मंचन किया और दर्शकों को गीता में दिए गए उपदेशों की जानकारी दी। इस मौके पर सरसंघ संचालक के अलावा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति आचार्य प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी, मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार, डीएम आरके त्यागी, एसपी कुंवर अनुपम सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व सुरेंद्र सिंह के अलावा सांसद चौधरी कंवर
सिंह तंवर, शिक्षक विधायक डा. हरि सिंह ढिल्लो, राजीव त्यागी, के अलावा स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख धनीराम, दिनेश, क्षेत्र संचालक सूर्य प्रकाश, क्षेत्र प्रचार महेंद्र आदि मौजूद रहे 
 
मैने जनेऊ पहन लिया 6 है। पापा मेरे पास आए हैं। उनसे भिक्षा भी ली है। अब उसको पहनकर ही शिक्षा ग्रहण करनी है। आयुधि यादव, छात्रा
 
सरसंघ संचालक ने जनेऊ के नियम बताए हैं। मुझे तो अब उस पर ही अमल करना है। नियमों के अनुसार ही काम करूंगी। ख्याति चौधरी, छात्रा
 
आचार्या जी ने जनेऊ के बारे में बताया था। आज हमारे लिए गौरव की बात है कि पिता की भूमिका आरएसएस प्रमुख ने निभाई है। नव्या, छात्रा
 
जो भी नियम होंगे, उनका मैं पालन करूंगी। मैं जनेऊ के पहनने से खुश हूं। मेरे स्वजन भी खुश है। यह हमरे लिए गौरव की बात है। लवी, छात्रा
 

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार