महिला डाक्टर को दो दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' कर ठगे 45 लाख
45 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित को आरोपित ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर मुंबई से थाईलैंड भेजे गए पार्सल में मादक पदार्थ होने की बात कहकर ठगी की है।
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महिला डाक्टर को दो दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' कर ठगे 45 लाख
शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 2.21 लाख ठगे
सेक्टर-135 स्थित जेपी क्लासिक सोसायटी में रहने वाले विवेक चंद्र ने बताया कि उनके पास वाट्सएप मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि शेयर मार्केट में पैसा लगाएंगे तो फायदा होगा। मैसेज पर विश्वास कर उन्होंने एनईएफटी के माध्यम से चार एवं एक आइएमपीएस के माध्यम से कुल पांच ट्रांजेक्शन में दो लाख 21 हजार रुपये लगा दिए। लेकिन कुछ दिन बाद ठगी का अहसास हुआ तो रुपये की मांग, लेकिन ठगों ने वापसी से मना कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
निवेश के नाम पर 2.40 करोड रुपये की ठगे
जासं, नोएडा : सेक्टर-45 स्थित प्रतीक स्टाइलोम में रहने वाले शिवशंकर पांडेय ने शिकायत दी है कि एक व्यक्ति से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। उसके द्वारा बताया गया था कि वह अपनी कंपनी के माध्यम से शेयर मार्केट, ट्रेडिंग, आदि का कार्य करके मुनाफा कमाता है। उसके द्वारा लुभावने आफर देकर अपनी कंपनी में निवेश करने के लिए जोर दिया। आरोपित के कहने पर 2.40 करोड़ रुपये विभिन्न माध्यम से लिए गए।
ग्रेटर नोएडा की डाक्टर को डिजिटल अरेस्ट के जरिये 45 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित को आरोपित ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर मुंबई से थाईलैंड भेजे गए पार्सल में मादक पदार्थ होने की बात कहकर ठगी की है। पीड़ित की शिकायत पर सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने की टीम मामले की जांच कर रही है।
पीड़ित डा. आरती सुरभित चौधरी ने बताया कि छह मई को उनके पास एक फोन आया। जिसमें एक व्यक्ति ने कहा कि वह फेडेक्स करियर सर्विस से बोल रहा है। उसने अपना नाम ईशान वर्मा बताकर कहा कि उनका पार्सल जो मुंबई से थाईलैंड भेजा गया था वह वापस आया है। कस्टम ने इसे सीज किया है। उस पार्सल में पांच पासपोर्ट, दो क्रेडिट कार्ड, चार किलो कपड़े, 140 ग्राम एमडीएमए मिला है। आरोपित ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच में शिकायत करनी है। नहीं तो पीड़ित के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
आरोपित ने मुंबई क्राइम ब्रांच के लिए काल ट्रांसफर की बात कहकर राजवीर नाम के व्यक्ति से बात कराई। मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर आरोपित ने कहा कि वह वीडियो कालिंग के जरिये बयान रिकार्ड करेगा। आरोपित ने स्काइप एप डाउनलोड करवाया। फिर वीडियो कालिंग से बयान लिया। आरोपित ने आधार कार्ड देखने के बाद कहा कि उनका एचडीएफसी में खाता है। वह मनी लांडरिंग से संबंधित है। फिर तीसरे आदमी ने अपना नाम आदित्य केशव बताया। आरोपित ने कहा कि पीड़ित वीडियो सर्विलांस के जरिये निगरानी में रहेगी।
अगर अपना यह मामला जल्दी निपटाना चाहती है तो वीडियो सर्विलांस के जरिये 24 घंटे में निपटा सकती है। नहीं तो पीड़ित को मुंबई आना पड़ेगा। इसमें 90 दिन की कस्टडी होगी। पीड़ित ने सहमति कर दी। फिर आरोपित ने एक लिखित फार्म भेजा। उन्होंने अपने किसी सीबीआइ जानकर से बात करनी चाही तो आरोपित गुस्सा करने लगा। आरोपित ने सभी बैंक खाते की जरूरी जानकारी ले ली। फिर आरोपित ने स्काइप एप के जरिये जोड़े रखा। सात मई को पीड़ित को कहा कि अपने सारे पैसे किसी एक खाते में डाल लो। इसके बाद पीड़ित से खाते में पांच हजार रुपये छोड़कर 46 लाख 5459 रुपये डलवा लिए। मई को सुबह आरोपित ने कहा कि एक खाता नंबर देंगा। जिसमे 45 लाख रुपये ट्रांसफर करने है। जांच कर वापस कर देंगे।
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