तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रतिक्रिया

तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद पर बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने इसे सनातनियों के खिलाफ एक षड्यंत्र करार दिया और कहा कि भारत के सनातनियों का धर्म भ्रष्ट करने की पूर्ण रूप से तैयारी की गई है. धीरेंद्र शास्त्री ने आंध्र प्रदेश सरकार से सख्त से सख्त कानून बनाने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

Sep 21, 2024 - 21:46
 0
तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रतिक्रिया

तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रतिक्रिया

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में विवाद ने धार्मिक समुदाय में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने इसे सनातनियों के खिलाफ एक षड्यंत्र करार दिया है।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "यह स्पष्ट है कि भारत के सनातनियों का धर्म भ्रष्ट करने की पूरी तैयारी की गई है। तिरुपति मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर ऐसा विवाद खड़ा करना अत्यंत चिंताजनक है।" उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से मांग की कि इस तरह के मामलों में सख्त से सख्त कानून बनाए जाएं और दोषियों को फांसी की सजा देने की आवश्यकता है।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर कुछ आरोप लगाए गए, जिसमें कहा गया कि प्रसाद में अनियमितताएं की गई हैं। इससे आस्था में आघात पहुंचा है, और कई भक्तों ने विरोध जताया है। इस विवाद ने न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि पूरे देश में सनातन धर्म के अनुयायियों को चिंतित कर दिया है।

धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि यह घटना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और धर्म को कमजोर करना है। उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए सभी भक्तों से एकजुट होने की अपील की है, ताकि इस तरह के षड्यंत्रों का सामना किया जा सके।

आगे उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि वे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को और मजबूत करें और इस प्रकार के विवादों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने सभी धार्मिक समुदायों से आग्रह किया कि वे आपस में मिलकर एकजुटता प्रदर्शित करें और धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं।

इस विवाद ने तिरुपति मंदिर की प्रबंधन समिति को भी चिंतित कर दिया है। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि वे मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। इस बीच, भक्तों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।

इस प्रकार, तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद ने न केवल धार्मिक भावनाओं को भड़काया है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक मुद्दे की ओर भी इंगित कर रहा है, जिसमें धार्मिक आस्था, संस्कृति और सामाजिक न्याय की आवश्यकता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार