दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाने की वजह क्या थी आइए जानते हें

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Dec 12, 2024 - 19:21
Dec 12, 2024 - 20:25
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दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाने की वजह क्या थी आइए जानते हें

दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाने की वजह क्या थी आए जानते हें 

12 दिसंबर भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने का ऐलान किया था, जो पहले कलकत्ता (अब कोलकाता) थी। यह घोषणा दिल्ली दरबार में की गई थी, जो ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके में आयोजित किया गया था। इस निर्णय के बाद ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर को दिल्ली के नए शहर की योजना तैयार करने का काम सौंपा गया था। दो दशकों के निर्माण कार्य के बाद, 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को औपचारिक रूप से देश की राजधानी घोषित किया गया।

दिल्ली का चयन राजधानी के रूप में सुरक्षा और भौगोलिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि 1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश सेना ने दिल्ली में ही विद्रोह को दबाया था और वायसरॉय भी यहीं रहते थे। दिल्ली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व ने भी इसे एक केंद्रीय स्थल के रूप में स्थापित किया।

इसके अलावा, 12 दिसंबर को अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं भी घटी हैं, जैसे 1882 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास 'आनंद मठ' प्रकाशित हुआ, 1950 में अभिनेता रजनीकांत का जन्म हुआ, 1964 में केन्या गणराज्य बना, 1988 में लंदन में ट्रेन दुर्घटना हुई, 2015 में जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता हुआ, और 2019 में नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी मिली।

12 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने कलकत्ता (अब कोलकाता) के स्थान पर दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाने का ऐलान किया था। यह घोषणा दिल्ली दरबार में की गई, जो उस समय ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके में आयोजित किया गया था। यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति, सुरक्षा, और प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ था। इस लेख में हम 12 दिसंबर की तारीख से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं और उस दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाने की वजह

दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने के कई कारण थे। पहला कारण सुरक्षा था, क्योंकि दिल्ली का भौगोलिक स्थान ब्रिटिश साम्राज्य के लिए काफी सुरक्षित माना जाता था। 1857 के गदर के समय दिल्ली को विशेष महत्व मिला था। ब्रिटिश सेना ने दिल्ली में विद्रोह को दबाने के बाद यह महसूस किया था कि दिल्ली को प्रशासनिक और सुरक्षा दृष्टि से मुख्य स्थान बनाना चाहिए। इसके अलावा, दिल्ली का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी था, जो उसे भारतीय उपमहाद्वीप की एक केंद्रीय स्थल के रूप में प्रतिष्ठित करता था।

वहीं, दूसरी तरफ ब्रिटेन के सम्राट जॉर्ज पंचम का भारत दौरा भी इस निर्णय का एक कारण बना। 1911 में जॉर्ज पंचम के भारत आने के बाद, दिल्ली दरबार में इस निर्णय की घोषणा की गई। यह एक राजनीतिक कदम था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक नई प्रशासनिक केंद्र की स्थापना करना था, जो देश के अंदर अपने साम्राज्य को अधिक प्रभावी तरीके से नियंत्रित कर सके।

दिल्ली दरबार और राजधानी की घोषणा

दिल्ली दरबार 1911 में आयोजित किया गया था, जो ब्रिटिश शासन के दौरान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रम था। इस अवसर पर सम्राट जॉर्ज पंचम और उनकी पत्नी सम्राज्ञी मैरी भारत आए थे। इस मौके पर यह ऐलान किया गया कि कलकत्ता के बजाय दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाया जाएगा। इस निर्णय के बाद ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर को नए शहर की योजना तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया। उनकी योजना के अनुसार, दिल्ली में नए प्रशासनिक और शाही भवनों का निर्माण शुरू किया गया, जिनमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और इंडिया गेट जैसे प्रसिद्ध स्मारक शामिल थे।

निर्माण कार्य और शहर का विकास

दिल्ली को एक नई राजधानी के रूप में विकसित करने में करीब दो दशकों का समय लगा। इस दौरान सड़कों, भवनों और सार्वजनिक स्थल निर्माण के लिए कई योजनाएं बनाई गईं। 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को औपचारिक रूप से भारत की राजधानी के रूप में स्वीकार किया गया, और इसके बाद दिल्ली ने भारतीय राजनीति और प्रशासन का केंद्र बनने का अपना मार्ग तय किया।

दिल्ली का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

दिल्ली को सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। दिल्ली भारतीय इतिहास के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जहां मुगलों का साम्राज्य रहा और कई ऐतिहासिक घटनाएं घटित हुईं। दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार, लाल किला, जामा मस्जिद, भारत गेट और राष्ट्रपति भवन जैसे स्मारक इसका जीवंत उदाहरण हैं।

दिल्ली के जुड़ाव की बात करें तो यह देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ी हुई है। दिल्ली को लेकर विभिन्न भारतीय साम्राज्य और शासकों की विविधताओं और संघर्षों का इतिहास भी इसमें समाहित है।

12 दिसंबर की तारीख में अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं

12 दिसंबर का दिन न केवल दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी बनाने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इस दिन कई और महत्वपूर्ण घटनाएं भी हुई हैं, जो इतिहास में दर्ज हैं। इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1882: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का बांग्ला उपन्यास 'आनंद मठ' प्रकाशित हुआ। यह उपन्यास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को व्यक्त करने वाला एक महत्वपूर्ण काव्य रचना थी। इसका उल्लेख राष्ट्रीय आंदोलन में प्रेरणास्त्रोत के रूप में किया गया।

  • 1950: दक्षिण भारतीय सिनेमा के चर्चित सितारे रजनीकांत का जन्म हुआ। रजनीकांत का वास्तविक नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। वे भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े और प्रसिद्ध अभिनेता माने जाते हैं, जिनका योगदान सिनेमा की दुनिया में अविस्मरणीय है।

  • 1958: विल्सन जोन्स ने अमेच्यर बिलियर्ड्स में विश्व चैंपियनशिप जीती। यह उपलब्धि उनकी बिल्लियर्ड्स के प्रति समर्पण और प्रयासों का परिणाम थी।

  • 1964: ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्ति के एक साल बाद केन्या एक गणराज्य बना। यह केन्या के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उनके नये प्रशासनिक ढांचे की नींव रखती है।

  • 1988: दक्षिण लंदन में तीन रेलगाड़ियों की आपस में टक्कर हो गई, जिसमें 35 लोगों की मृत्यु हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह एक दुखद घटना थी, जो दुनिया भर में सुरक्षा मुद्दों को लेकर चर्चाओं का कारण बनी।

  • 2009: ह्यूस्टन में डेमोक्रेटिक नेता एनीस पार्कर की जीत के साथ ही उस समय ह्यूस्टन अमेरिका का सबसे बड़ा शहर बन गया, जिसने एक समलैंगिक को अपना मेयर चुना। यह घटना समलैंगिक अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण मानी गई।

  • 2015: पेरिस में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन पर ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसमें 195 देशों ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर सहमति जताई। यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक पहल थी, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए की गई थी।

  • 2019: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून को मंजूरी दी। इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान था।

  • 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट कुछ समय के लिए हैक हुआ, जो एक सुरक्षा घटना के रूप में सामने आई थी।

12 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है। इस दिन दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाने की घोषणा ने न केवल भारतीय राजनीति का रूप बदला, बल्कि इसके साथ जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं और निर्णयों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और प्रशासनिक बदलावों के संदर्भ में अहम भूमिका निभाई। इस दिन का महत्व सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है।

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Amit Chauhan Ex-VICE PRISEDENT JAMIA UNIVERSITY, NEW DELHI (ABVP) Ex- Executive member Delhi PRANT (ABVP)