आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि के गोमूत्र वाले बयान पर विवाद, कांग्रेस और DMK ने जताई नाराज़गी

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Jan 20, 2025 - 13:43
Jan 20, 2025 - 13:49
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आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि के गोमूत्र वाले बयान पर विवाद, कांग्रेस और DMK ने जताई नाराज़गी

आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि के गोमूत्र वाले बयान पर विवाद, कांग्रेस और DMK ने जताई नाराज़गी

आईआईटी, मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह गोमूत्र के औषधीय गुणों की कथित तौर पर सराहना करते देखे जा सकते हैं. इस वीडियो में वह यह कहते हुए भी दिखाई दे रहे हैं कि एक बार उन्होंने तेज बुखार आने पर गोमूत्र पिया और वह फौरन ठीक हो गए. अब उनके इस बयान पर कांग्रेस से लेकर DMK नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इनकी ओर से कहा जा रहा है कि यह शर्मनाक बयान है. कामकोटि 15 जनवरी 2025 को मट्टू पोंगल के दिन ‘गो संरक्षण शाला’ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. वह गायों की देसी नस्ल की रक्षा करने और जैविक खेती अपनाने के महत्व पर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने गोमूत्र से बुखार ठीक होने का किस्सा सुनाया.

आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह गोमूत्र के औषधीय गुणों की सराहना करते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो में कामकोटि यह दावा कर रहे हैं कि एक बार उन्हें तेज बुखार हुआ था, जिसे उन्होंने गोमूत्र पीकर ठीक कर लिया।

वीडियो 15 जनवरी 2025 का है, जब मट्टू पोंगल के अवसर पर आयोजित ‘गो संरक्षण शाला’ के एक कार्यक्रम में कामकोटि ने यह बात कही। इस कार्यक्रम में उन्होंने गायों की देसी नस्लों की रक्षा और जैविक खेती के महत्व पर चर्चा की। अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने अपने अनुभव का उदाहरण देते हुए गोमूत्र के औषधीय गुणों का ज़िक्र किया।

कामकोटि के इस बयान पर राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। कांग्रेस और डीएमके के नेताओं ने इस बयान को शर्मनाक करार दिया है। डीएमके के एक प्रवक्ता ने कहा, "एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के डायरेक्टर से इस तरह के अवैज्ञानिक बयान की उम्मीद नहीं थी। यह शर्मनाक है और विज्ञान के नाम पर एक मज़ाक है।" कांग्रेस के नेताओं ने भी कामकोटि के इस बयान की आलोचना करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया।

हालांकि, कामकोटि के समर्थकों ने उनके बयान को देसी चिकित्सा पद्धति और पारंपरिक ज्ञान का हिस्सा बताते हुए इसका समर्थन किया है। सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस छिड़ी हुई है। जहां कुछ लोग इसे प्राचीन भारतीय चिकित्सा का सम्मान बता रहे हैं, वहीं कई इसे अंधविश्वास और अवैज्ञानिक सोच का प्रतीक मान रहे हैं।

कार्यक्रम में क्या हुआ?

मट्टू पोंगल के इस कार्यक्रम का उद्देश्य देसी गायों की नस्लों को बचाना और जैविक खेती को बढ़ावा देना था। कामकोटि ने इस मौके पर देसी गायों के संरक्षण और उनसे मिलने वाले उत्पादों के लाभों पर जोर दिया। उन्होंने गोमूत्र को औषधीय बताया और कहा कि यह कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी हो सकता है।

विवाद के बाद क्या कहा कामकोटि ने?

विवाद बढ़ने के बाद अब तक कामकोटि या आईआईटी मद्रास की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।

सोशल मीडिया पर बहस

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। हैशटैग #CowUrine और #IITMadras ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग पारंपरिक चिकित्सा के समर्थन में हैं, तो कुछ इस बयान को आधुनिक विज्ञान के खिलाफ मान रहे हैं।

यह मामला शिक्षा और परंपरा के बीच संतुलन की आवश्यकता पर एक नई बहस को जन्म देता दिख रहा है।

जानिए गोमूत्र के फायदे

गोमूत्र के फायदे भारतीय आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में लंबे समय से माने जाते रहे हैं। गोमूत्र को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है और इसका उपयोग कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं के उपचार में किया जाता है। नीचे गोमूत्र के कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:

1. डिटॉक्सिफिकेशन

गोमूत्र को शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक माना जाता है। यह रक्त को शुद्ध करने और आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

2. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

गोमूत्र का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। यह अपच, गैस, और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।

3. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करता है

गोमूत्र में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं।

4. डायबिटीज नियंत्रण में मददगार

कुछ शोधों के अनुसार, गोमूत्र का सेवन मधुमेह के रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

5. त्वचा रोगों में उपयोगी

गोमूत्र का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे खुजली, एक्जिमा, और दाद में किया जाता है। इसका बाहरी उपयोग त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

6. एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण

गोमूत्र में बैक्टीरिया और फंगस को खत्म करने वाले तत्व होते हैं, जो संक्रमण से बचाव में सहायक होते हैं।

7. कैंसर रोधी गुण

कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि गोमूत्र में कैंसर-रोधी गुण हो सकते हैं। हालांकि, इस पर अधिक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

8. हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

गोमूत्र का सेवन कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक माना जाता है, जो हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव करता है।

9. मनोविकारों में फायदेमंद

आयुर्वेद में गोमूत्र का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए भी किया जाता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक हो सकता है।

10. कीटनाशक के रूप में उपयोग

कृषि में गोमूत्र का उपयोग जैविक कीटनाशक के रूप में किया जाता है। यह फसलों को हानिकारक कीड़ों से बचाने में मदद करता है।

ध्यान देने योग्य बातें

  • गोमूत्र का सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।
  • हमेशा स्वस्थ और शुद्ध गाय के मूत्र का ही उपयोग करें।
  • गोमूत्र को सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

गोमूत्र एक प्राकृतिक औषधि है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकती है। हालांकि, इसका उपयोग वैज्ञानिक आधार और परामर्श के अनुसार करना आवश्यक है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,