बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले तेज
दिनाजपुर के सेताबगंज बोचागंज, चिरिरपोर्ट थाने के धल्ला गांव, नर्सिंगदी, लक्ष्मीपुर, किशोरगंज, चटगांव, यशोर, सतखिरा, हबीगंज, नाराइल, और बोगुरा में भी अल्पसंख्यक समुदाय के घरों पर हमले, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाएं हुईं।
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले तेज
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं। हाल के दिनों में हिंसा, तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इस स्थिति में बांग्लादेश के हिन्दू, बौद्ध और क्रिश्चियन समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।
हमलों की सूची और घटनाएं
बांग्लादेश हिन्दू बौद्ध क्रिश्चियन एकता परिषद ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें पिछले दो दिनों के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों पर हुए हमलों की सूची दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, शेरपुर जिले के शत्रीबर्दी में एकता परिषद के अध्यक्ष के घर पर हमला कर लूटपाट की गई। इसी तरह, खुलना जिले के रूपसा थाने के हाइसगाती गांव में श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घर पर भी हमला हुआ।
खुलना जिले के टुटपाड़ा में जिला एकता परिषद के अध्यक्ष बिमान बिहारी अमित और युवक एकता परिषद के अध्यक्ष अनिमेष सरकार रिंटू के घरों पर भी हमले किए गए। दाकोप के बनिसांता में जयंत गाइन के घर पर भी हमला किया गया। इसके अतिरिक्त, फेनी में दुर्गा मंदिर पर हमला किया गया और दिनाजपुर में पांच मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।
दिनाजपुर के सेताबगंज बोचागंज, चिरिरपोर्ट थाने के धल्ला गांव, नर्सिंगदी, लक्ष्मीपुर, किशोरगंज, चटगांव, यशोर, सतखिरा, हबीगंज, नाराइल, और बोगुरा में भी अल्पसंख्यक समुदाय के घरों पर हमले, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाएं हुईं।
हमलों की संख्या और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
रिपोर्ट में 56 घटनाओं का जिक्र है, जिनमें से 45 घटनाओं की सूची सोमवार को जारी की गई थी और मंगलवार को 11 और घटनाएं जोड़ी गईं। शेरपुर, खुलना, फेनी, दिनाजपुर, नर्सिंगदी, लक्ष्मीपुर, किशोरगंज, चटगांव, यशोर, सतखिरा, हबीगंज, नाराइल, और बोगुरा जैसे जिलों में घटनाओं की अधिकता देखी गई है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बांग्लादेश सरकार से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की अपील की गई है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हिन्दू बौद्ध क्रिश्चियन एकता परिषद ने भी तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को सदन में इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और भारत की स्थिति पर नजर रखने की बात की।
बांग्लादेश में अस्थिरता और हिंसा के इस माहौल में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
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