शाकंभरी रेंज बनी लकड़ी माफियाओं की शरणस्थली
योगी सरकार जहां वृक्षारोपण को लेकर प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। वहीं वन विभाग व उद्यान विभाग की मिली भगत से लकड़ी माफिया फलपट्टी के क्षेत्रों में आम की फसल समाप्त होते ही हरे-भरे वृक्षों पर धड़ल्लें से बे-रोकटोक आरा चलाने में लगे हुए हैं।
बेहट। योगी सरकार जहां वृक्षारोपण को लेकर प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। वहीं वन विभाग व उद्यान विभाग की मिली भगत से लकड़ी माफिया फलपट्टी के क्षेत्रों में आम की फसल समाप्त होते ही हरे-भरे वृक्षों पर धड़ल्लें से बे-रोकटोक आरा चलाने में लगे हुए हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार को मिलने वाले लाखों रुपए के राजस्व का भी नुकसान हो रहा हैं।
सहारनपुर में बेहट तहसील का शाकंभरी क्षेत्र आजकल प्रतिबंधित हरे-भरे पेड़ों को कटवाने के लिए चर्चाओं में हैं। बेहट तहसील फलपट्टी क्षेत्र घोषित हैं ओर आम की फसल समाप्त होते ही शाकंभरी रेंज में लकड़ी माफिया वन विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर सक्रिय हो गए हैं। आये दिन वन विभाग के कर्मचारियों से मिलकर प्रतिबंधित आम के हरे-भरे पेड़ों पर आरा चलाने में लगे हैं। यह ही नहीं एक लकड़ी माफिया तो यहां तक कहता है कि, उसने वन विभाग के अधिकारियों को पेड़ काटने की एवज में मोटी रकम दे रखी हैं वह मेरा कुछ नहीं बिगाड सकता हैं।[मानसिकता न्यूज़]
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