शादी के एक महीने बाद हुई सिपाही पति की मौत… पत्नी ने दिखाया साहस और बनी सेना में अफसर

सोनी बिष्ट ने अपने पति की मौत के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और भारतीय सेना में शामिल होकर सभी को प्रेरित किया. उनके पिता, एक सेवानिवृत्त सूबेदार, ने उन्हें प्रोत्साहित किया. वीर नारी प्रवेश योजना के माध्यम से उन्होंने आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में शामिल हुईं.

Mar 9, 2025 - 09:32
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शादी के एक महीने बाद हुई सिपाही पति की मौत… पत्नी ने दिखाया साहस और बनी सेना में अफसर
शादी के एक महीने बाद हुई सिपाही पति की मौत… पत्नी ने दिखाया साहस और बनी सेना में अफसर

महज एक महीने की शादी और सोनी बिष्ट ने अपने पति को खो दिया. ये घटना जनवरी 2023 की है, जब एक दुर्घटना में सोनी के पति की मौत हो गई. सोनी के पति नीरज सिंह भंडारी 18 कुमाऊं रेजिमेंट के सिपाही थे. पति के जाने का दुख हर पत्नी को होता है, लेकिन यहां पर सोनी ने अपने दुख को अपनी ताकत बनाया और उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने का फैसला लिया. उन्होंने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर अपने दिवंगत पति को श्रद्धांजलि दी. चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में सोनी एक सशक्त महिला के रूप में नजर आईं और परेड का हिस्सा बनीं.

सोनी से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये हौसला उन्हें अपने पिता से मिला है. उन्होंने मुझे अपने लिए रास्ता बनाने को प्रेरित किया, वाकई में मुश्किल था, लेकिन एक-एक करके मैंने सभी चैलेंज को जीत लिया. सोनी के पिता कुंदन सिंह ब्रिगेड ऑफ़ गार्ड्स बटालियन के रिटायर्ड सूबेदार हैं.

वीर नारी एंट्री के बारे में हुई जानकारी

सोनी ने बताया कि उन्हें जब वीर नारी एंट्री के बारे में जानकारी हुई तो पिता ने उनपर भरोसा जताया. सोनी अब आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स का हिस्सा हैं. सोनी भारतीय सेना की अलग-अलग शाखाओं में कमीशन दिए जाने वाले ऑफिसर्स में शामिल हैं. इसमें 133 पुरुष ऑफिसर और 24 महिला ऑफिसर कैडेट्स में शामिल हुए.

वेद को कई सालों बाद हुए भारतीय सेना में शामिल

असम के जोरहाट से वेद विजय नियोग नाम के एक कैडेट शामिल थे. इन्होंने कई सालों के संघर्ष के बाद भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया. ग्रेजुएशन होने के बाद शुरू में भारतीय सैन्य अकादमी के लिए उनकी सिफारिश की गई थी, लेकिन पारिवारिक कठिनाइयों के कारण वेद ने अपना नाम वापस ले लिया था.

दिल्ली में, उन्होंने दिन में कॉफ़ी बनाने और रात में खाने की डिलीवरी के काम किए. ऐसा करने के पीछे वजह ये थी कि वो अपने लिए खाने का जुगाड़ कर सकें. बाद में उन्होंने कई जाने माने ब्रांडों के साथ ट्रैवल फ़ोटोग्राफ़र के रूप में काम मिला. उन्हें भारतीय वर्दी से इतना लगाव था कि वो मेहनत करते रहे. उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा पास की और ओटीए में अपनी रैंक पाई.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,