भारतीयों के साथ क्यों किया ऐसा व्यवहार? नई दिल्ली ने अमेरिका को जमकर सुनाया

Indians Deported From US: भारत सरकार ने कहा है कि उसने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष निर्वासितों के साथ किए गए व्यवहार का मुद्दा उठाया है। 5 फरवरी को जो निर्वासित भारत पहुंचे थे, उनके साथ अमेरिकी विमान में सख्त व्यवहार हुआ था। उन्हें बेडियां लगाई गई थीं। महिलाओं के साथ भी ऐसे व्यवहार पर लोगों में आक्रोश देखा गया था। हाल ही में भारत सरकार ने निर्वासितों के साथ हुए व्यवहार पर संसद में जवाब दिया है।

Mar 25, 2025 - 06:46
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भारतीयों के साथ क्यों किया ऐसा व्यवहार? नई दिल्ली ने अमेरिका को जमकर सुनाया
वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की आव्रजन कार्रवाई के तहत अमेरिका से पिछले दिनों निर्वासित किए गए बिना दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों के साथ हुए सख्त व्यवहार के संबंध में भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से अपनी चिंताएं दृढ़ता से दर्ज कराई हैं। केंद्र सरकार ने शुक्रवार (21 मार्च) को संसद को इस बारे में बाताया। मामला 5 फरवरी को उतरे अमेरिकी सैन्य विमान का है, जिसमें निर्वासितों, खासकर महिलाओं के साथ बेड़ियों के इस्तेमाल के संबंध में भारत ने चिंता जताई।अमेरिकी पक्ष ने भारतीय विदेश मंत्रालय को बताया है कि तीन निर्वासन उड़ानों में बंदियों को सिर के किसी भी धार्मिक आवरण को हटाने का निर्देश नहीं दिया गया था। उसने बताया कि बंदियों ने शाकाहारी भोजन के अनुरोध के अलावा उड़ानों के दौरान किसी भी धार्मिक सुविधा का अनुरोध नहीं किया था। ये उड़ाने क्रमशः 5, 15 और 16 फरवरी को उतरीं थीं। भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने जवाब में कहा कि उसने निर्वासित लोगों की धार्मिक संवेदनशीलता और भोजन संबंधी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने की आवश्यकता के संबंध में भी अपनी चिंताएं दर्ज की हैं।

भारत सरकार से पूछे गए थे ये सवाल

विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार ने अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की ओर से की गई कार्रवाई दौरान भारतीय निर्वासितों को बेड़ियों में जकड़े जाने से संबंधित रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, और क्या उसने भारतीय निर्वासितों के साथ किए गए व्यवहार के संबंध में अमेरिका के समक्ष कोई औपचारिक राजनयिक आपत्ति उठाई है?सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या 2012 से प्रभावी विमान से निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में 'प्रतिबंधों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है', अगर हां, तो क्या भारत ने अपने नागरिकों के लिए इसमें कोई संशोधन की मांग की है।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ये बोले

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय निर्वासन कार्रवाई के दौरान निर्वासितों के साथ मानवीय व्यवहार के संबंध में अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, "मंत्रालय ने 5 फरवरी, 2025 को उतरी उड़ान में निर्वासित लोगों के साथ किए गए व्यवहार, विशेषकर महिलाओं पर बेड़ियों के प्रयोग के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएं दृढ़तापूर्वक दर्ज कराई हैं।"अमेरिका ने बिना दस्तावेज वाले 104 भारतीय आप्रवासियों के एक बैच को अमेरिकी वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से वापस भेजा था, जो 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। यह अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से निर्वासित किया गया भारतीयों का पहला बैच था। इन निर्वासितों के साथ किए गए व्यवहार पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद 15 और 16 फरवरी को निर्वासितों के दो और बैच भारत में उतरे थे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा था?

इससे पहले 6 फरवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अपने बयान में कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अवैध प्रवास उद्योग पर कड़ी कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

'क्या निर्वासित व्यक्तियों ने कोई शिकायत की है?'

लोकसभा में पूछे गए प्रश्न में विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या मंत्रालय को स्वदेश वापसी के दौरान दुर्व्यवहार के बारे में निर्वासित व्यक्तियों से कोई शिकायत मिली है, अगर हां, तो रिपोर्ट का ब्यौरा क्या है, उस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट क्या है? सिंह ने कहा कि अमेरिकी एसओपी में निर्वासितों पर प्रतिबंधों का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। 2012 से इसका पालन हो रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि, महिलाओं और नाबालिगों को आम तौर पर बेड़ियां नहीं लगाई जाती हैं, लेकिन निर्वासन उड़ान के प्रभारी उड़ान अधिकारी का इस मामले में अंतिम निर्णय होता है।उन्होंने कहा, "अमेरिकी पक्ष ने पुष्टि की है कि 15 और 16 फरवरी 2025 को भारत में उतरी निर्वासन उड़ानों में किसी भी महिला या बच्चे पर प्रतिबंधों का इस्तेमाल नहीं किया गया था। भारत पहुंचने पर निर्वासितों से साक्षात्कार के बाद हमारी एजेंसियों की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है और इसे दर्ज किया गया है।"

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,