डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनजाति समाज दिल्ली में गर्जना रैली करेगा

राजनादगांव, 18 दिसम्बर 2025। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य पर जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वाधान में पूरे देश के 755 अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रबुद्ध नागरिक संविधान के आर्टिकल 342 में बदलाव को लेकर मई 2026 में नई दिल्ली में विशाल सांस्कृतिक समागम कर जनजाति गर्जना रैली करेंगे। वर्तमान में देश […] The post डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनजाति समाज दिल्ली में गर्जना रैली करेगा appeared first on VSK Bharat.

Dec 19, 2025 - 21:50
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डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनजाति समाज दिल्ली में गर्जना रैली करेगा

राजनादगांव, 18 दिसम्बर 2025।

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य पर जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वाधान में पूरे देश के 755 अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रबुद्ध नागरिक संविधान के आर्टिकल 342 में बदलाव को लेकर मई 2026 में नई दिल्ली में विशाल सांस्कृतिक समागम कर जनजाति गर्जना रैली करेंगे।

वर्तमान में देश के संविधान में अनुसूचित जाति समुदाय के लिए संवैधानिक प्रावधान यह है कि यदि अनुसूचित जाति समुदाय का व्यक्ति हिन्दू, बौद्ध एवं सिक्ख धर्म को छोड़ कर अन्य धर्म ग्रहण करता है तो उसे अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता। किन्तु आर्टिकल 342 जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंधित है, उसमें इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण धर्मांतरण करने के बावजूद लाखों की संख्या में अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्ति अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं, जो संविधान निर्माताओं की मूल भावना के विरुद्ध है। अनुसूचित जनजाति समुदाय को उसकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान रीति-रिवाज, परम्परा, आस्था, विश्वास, एवं भौगोलिक अलगाव, सामुदायिक अलगाव, आदिम चारित्रिक विशेषता के कारण भारतीय संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। धर्म बदलने से जनजाति की यह विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान समाप्त हो जाती है।

किन्तु आर्टिकल 342 की आड़ में आज भी 75 वर्षों से धर्मांतरित लोग इसका असंवैधानिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

सरकार द्वारा जनजाति समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए इस आशय का संशोधन आर्टिकल 342 में समाहित करना चाहिए कि जिन भी व्यक्तियों द्वारा ईसाई एवं मुस्लिम धर्म अपना लिया गया है, उन्हें अनुसूचित जनजाति समुदाय का लाभ नहीं मिले। अपनी इन्हीं मागों को लेकर  तीन दिवसीय कार्यशाला (16,17,18, दिसम्बर 2025) में जनजाति सुरक्षा मंच के अखिल भारतीय अधिकारी, केंद्रीय टोली सदस्य, प्रांत संयोजक, प्रांत सह संयोजक, सहित पूरे देश से विभिन्न जनजाति समुदाय के 200  प्रतिनिधियों ने मंथन किया। कार्यशाला में निर्णय लिया गया कि डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर भारत का जनजाति समाज मई 2026 में दिल्ली में विराट जनजाति गर्जना रैली करेगा।

दिल्ली कूच की तैयारी हेतु पूरे देश में जनजाति समुदाय के बीच जा कर बड़ी संख्या में लोगों को जागृत करेंगे एवं पूरे देश का जनजाति समाज गर्जना रैली में भाग लेगा, जिससे जनजाति समुदाय के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को समाप्त किया जा सके।

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