‘अद्भुत थी शिवाजी की दूरदर्शिता’

गत दिनों कोलकाता में श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के सभागार में ‘युगपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज’ महाकाव्य पर एक चर्चा सत्र आयोजित हुआ। इसकी अध्यक्षता की चिंतक अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज अपने समय की संवेदना को समझ कर और समस्त राष्ट्र की बिखरी शक्ति को संग्रहीत कर आगे बढ़े थे। उन्होंने अपने […]

Nov 6, 2024 - 05:42
Nov 6, 2024 - 10:16
 0
‘अद्भुत थी शिवाजी की दूरदर्शिता’

गत दिनों कोलकाता में श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के सभागार में ‘युगपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज’ महाकाव्य पर एक चर्चा सत्र आयोजित हुआ। इसकी अध्यक्षता की चिंतक अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज अपने समय की संवेदना को समझ कर और समस्त राष्ट्र की बिखरी शक्ति को संग्रहीत कर आगे बढ़े थे।

उन्होंने अपने शौर्य, अपनी अनोखी सूझबूझ और दूरदर्शिता से हिंदू-पदपादशाही की स्थापना की और अपने अनुकरणीय गुणों के कारण विश्व के राष्ट्रनायकों में प्रथम स्थान के अधिकारी हुए। मुख्य वक्ता और ‘युगपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज’ महाकाव्य के रचयिता रामेश्वरनाथ मिश्र ‘अनुरोध’ ने शिवाजी के चरित्र के कुछ रोचक प्रसंग बताए।

कुमारसभा पुस्तकालय के अध्यक्ष महावीर बजाज ने छत्रपति शिवाजी महाराज के योगदानों के बारे में विस्तार से बताया। जीवन सिंह ने ‘युगपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज’ ग्रंथ का परिचय कराया। समारोह का प्रारंभ गायक अमित पटवा के उद्बोधन गीत से हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन किया सत्यप्रकाश राय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन किया कुमारसभा पुस्तकालय के मंत्री बंशीधर शर्मा ने।

प्रयागराज में होगा ज्ञान महाकुंभ

गत 23 अक्तूबर को सोमनाथ (गुजरात) में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय संचालन समिति की बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि जिस प्रकार प्राचीन भारत में ऋषि-मुनि समस्याओं के समाधान हेतु नैमिषारण्य में एकत्रित होते थे।

उसी प्रकार 2025 में 7-9 फरवरी तक होने वाले ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के सभी घटक एक साथ एकत्रित होकर देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मंथन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस ज्ञान महाकुंभ से पूर्व देश के चार अलग-अलग भागों में ज्ञान कुंभ आयोजित किया जाना तय किया गया था।

इनमें से उत्तर क्षेत्र का ज्ञान कुंभ हरिद्वार में संपन्न हो चुका है। इसके अतिरिक्त पश्चिम-मध्य क्षेत्र का कर्णावती में, पूर्व व पूर्वोत्तर का नालंदा में और दक्षिण का पुद्दुचेरी में आयोजित किया जाएगा। इस ज्ञान महाकुंभ से हम निश्चित ही देश की शिक्षा को एक नया विकल्प देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि इस ज्ञान कुंभ की महत्ता को इसी के भक्त समझा जा सकती है कि देशभर के सैकड़ों कार्यकर्ता 1 माह से लेकर 1 वर्ष तक का समय दान कर रहे हैं। इस ज्ञान महाकुंभ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|