घर वापसी: 30 परिवारों के 150 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म

उत्तर प्रदेश के मेरठ से सनातन धर्म में घर वापसी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है, जहां ईसाई मिशनरियों के द्वारा बरगलाकर ईसाई मजहब में कन्वर्ट किए गए 30 परिवारों के 150 लोगों ने एक साथ अपने मूल धर्म में वापसी कर ली। ये सभी मूल रूप से जाटव समाज से आते हैं, […]

Nov 15, 2024 - 07:48
Nov 15, 2024 - 07:51
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घर वापसी: 30 परिवारों के 150 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म

Meerut 30 christians families adopted sanatan dharma

उत्तर प्रदेश के मेरठ से सनातन धर्म में घर वापसी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है, जहां ईसाई मिशनरियों के द्वारा बरगलाकर ईसाई मजहब में कन्वर्ट किए गए 30 परिवारों के 150 लोगों ने एक साथ अपने मूल धर्म में वापसी कर ली। ये सभी मूल रूप से जाटव समाज से आते हैं, लेकिन कुछ वर्षों पहले इन्हें लालच देकर ईसाई बना दिया गया था।

ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, घर वापसी करने वाली सभी लोग मेरठ जिले के गोलाबाद गांव के रहने वाले हैं। लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले केरल के रहने वाले ईसाई मिशनरी मैथ्यु बिज्जू अपनी पत्नी के साथ उनके गांव में आया। वे दोनों आर्थिक रूप से कमजोर वंचित समुदाय के लोगों के घर गए, जो कि मूल रूप से जाटव समाज से आते थे। वहां पर मिशनरी ने उन लोगों का पहले थोड़ा सा ब्रेनवाश किया और फिर उन्हें प्रार्थना सभा (चंगाई सभा) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

जब लोग चंगाई सभा में पहुंचे तो पादरी सभी लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच दिए और सनातन धर्म को लेकर ऊंटपटांग बातें की। पादरी ने लोगों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें पेसे, अच्छी शिक्षा और अच्छे इलाज के साथ ही शादी के लिए एक खूबसूरत सी लड़की देने का वादा किया। कुछ लोग उसके बहकावे में आ गए। बाद में उसने उन लोगों का क्रिश्चियन कन्वर्जन करवा दिया। इसके बाद बिज्जू मैथ्यु ने कन्वर्ट हुए लोगों को नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर और अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने को कहा। आरोपी ने लोगों को बताया कि उनके सारे खर्चों को चर्च वहन करेगा। बताया जाता है कि मेरठ के कंकरखेड़ा थाना अंतर्गत रोहता रोड पर स्थित विकास कॉलोनी में वो अपनी पत्नी के साथ रह रहा  था। यहीं पर वो अपनी चंगाई सभा भी आयोजित करता था।

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20 अक्टूबर को हुआ गिरफ्तार

बताया जाता है कि बीते ढाई माह से विकास कॉलोनी में रहने के दौराम मैथ्यु प्रत्येक रविवार को अपने घर पर चंगाई सभा आयोजित करता था। जब लोगों को कुछ गलत होने का अहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। बाद में 20 अक्टूबर को पुलिस की टीम ने छापा मारकर मिशनरी को गिरफ्तार कर लिया। जिस वक्त पुलिस ने उसके आवास पर छापा मारा वह जाटव समुदाय के लोगों का ब्रेनवाश कर रहा था। मैथ्यु ने लोगों से कहा कि तुम्हारे भगवान ने आखिर किया ही क्या है तुम्हारे लिए।

उसने जाटव समाज के लोगों को भड़काने की कोशिश करते हुए कहा कि जाटव समाज के लोगों का सम्मान नहीं किया जाता है, उन्हें हीन भावना से देखा जाता है। उसने लोगों से कहा, “तुम लोग जीसस के पास आओ, यहां तुम्हें सब मिलेगा।” उसने लोगों को तीन तरह लालच दिए। पहला-विवाह का खर्च उठाएंगे। ईसाई बनने वाले को 2-5 लाख रुपए खुद की कंपनी शुरू करने के लिए दिए जाएंगे। तीसरा, पवित्र जल से बीमारी के इलाज का वादा। बहरहाल, मैथ्यु अब पुलिस की कस्टडी में है।

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