सीरिया से अपने नागरिकों को बचाने में लगे देश, रूस ने बेलारूस और उत्तर कोरिया के राजनयिकों को बचाया

सीरिया में विद्रोहियों द्वारा तख्तापलट के बाद वहां हालात और भी अधिक बिगड़ गए हैं। इस बीच ज्यादातर देश अपने लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सीरिया के खमीमिम एयर बेस से रूसी वायुसेना अपने लोगों […]

Dec 16, 2024 - 15:09
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सीरिया से अपने नागरिकों को बचाने में लगे देश, रूस ने बेलारूस और उत्तर कोरिया के राजनयिकों को बचाया
Syria Crisis

सीरिया में विद्रोहियों द्वारा तख्तापलट के बाद वहां हालात और भी अधिक बिगड़ गए हैं। इस बीच ज्यादातर देश अपने लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सीरिया के खमीमिम एयर बेस से रूसी वायुसेना अपने लोगों को बाहर निकाल रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी वायुसेना के विमान ने सीरिया से न केवल रूसी राजनयिकों और कर्मियों को, बल्कि बेलारूस और उत्तर कोरिया के राजनयिकों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। इसको लेकर एक बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दमिश्क में रूसी दूतावास का काम लगातार जारी है।

उल्लेखनीय है कि सीरिया में बशर अल असद की सरकार के गिरने के बाद वहां पर विद्रोही लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। रूस, बशर अल असद का समर्थन करता रहा है, लेकिन अब उनकी सत्ता जाने के बाद अगर वहां रूसी राजनयिक रुके तो हालात के बिगड़ने की पूरी आशंका है। सीरिया में लंबे वक्त से चले आ रहे गृह युद्ध में विद्रोहियों को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का समर्थन प्राप्त रहा है।

बहरहाल, तख्तापलट के बाद धीरे-धीरे वहां जिंदगी पटरी पर लौटती दिख रही है। नए इस्लामी शासकों ने मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया और स्कूलों को फिर से खोल दिया गया। रविवार को बच्चे कक्षाओं में लौटे। सीरिया में रह रहे ईसाइयों ने भी रविवार की सेवाओं में हिस्सा लिया। हयात तहरीर अल शाम ने कहा है कि सीरिया में अल्पसंख्यकों की जीवनशैली पर किसी भी तरह का खतरा नहीं आने दिया जाएगा।

बशर अल असद के गद्दी से हटने का सबसे अधिक सामरिक फायदा तुर्की को होता दिख रहा है, क्योंकि तुर्की कुर्द फोर्स को अपने लिए खतरा मानता रहा है। लेकिन तख्तापलट के बाद अब नई सरकार के सहयोग से वह इन बलों को खत्म कर सकेगा। असद के पतन के बाद अमेरिका और तुर्की दोनों ही अपने हित साधने में लगे हुए हैं।

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