'शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद हालात काफी सुधरे', जानिए भारत-चीन रिश्तों पर और क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने कहा, "अगर हम सदियों पीछे देखें, तो हमारे बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है।"

Mar 16, 2025 - 18:39
Mar 16, 2025 - 20:30
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'शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद हालात काफी सुधरे', जानिए भारत-चीन रिश्तों पर और क्या बोले पीएम मोदी?

 पीएम मोदी ने कहा, "अगर हम सदियों पीछे देखें, तो हमारे बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है।"

पीएम मोदी ने कहा- भारत-चीन संबंधों का लंबा इतिहास, मतभेद को विवाद में न बदलने देने पर जोर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में भारत-चीन संबंधों को लेकर बड़ी बातें कही हैं। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हालिया बातचीत का ज़िक्र करते हुए कहा कि सीमा पर हालात सामान्य करने की दिशा में प्रगति हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर झड़प के बाद संबंधों में तनाव जरूर बढ़ा था, लेकिन अब स्थिति में सुधार आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध कोई नई बात नहीं है। दोनों देशों की सभ्यता प्राचीन है और सदियों से दोनों ने एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, "अगर हम इतिहास देखें तो हमारे बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। हमारे संबंध एक-दूसरे से सीखने और समझने पर आधारित रहे हैं।"

2020 की झड़प के बाद तनाव, अब सामान्य स्थिति बहाल

पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि 2020 में पैंगोंग झील और गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। उन्होंने कहा, "सीमा पर तनाव के बावजूद, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बैठक के बाद हमने हालात सामान्य करने की दिशा में काम किया है। धीरे-धीरे विश्वास बहाल हो रहा है और हम 2020 से पहले की स्थिति को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।"

मतभेद को विवाद में न बदलने देने पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोसी देशों के बीच मतभेद को स्वाभाविक बताया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार इन मतभेदों को विवाद में न बदलने देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि परिवारों में भी मतभेद होते हैं। हमारा ध्यान है कि ये मतभेद संवाद के जरिए सुलझें और दोनों देशों के रिश्ते सहयोग पर आधारित रहें।"

भारत-चीन वैश्विक स्थिरता के लिए जरूरी

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों एशिया की सदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। "हम चाहते हैं कि भारत और चीन स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करें, लेकिन यह कभी संघर्ष का रूप न ले। हमारे अच्छे संबंध वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक हैं।"

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