नरेंद्र भागीरथी ने संस्कृत नाटकों में लोक प्रशासन, में PHD की सबमिट
लोक प्रशासन के सिलसिले में धर्म, नैतिकता, न्याय, और समाज के विकास के मुद्दे
नरेंद्र भागीरथी ने संस्कृत नाटकों में लोक प्रशासन, में पीएचडी सबमिट करी है उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली से पीएचडी की रिसर्ज की है
नाटकों में, अभिज्ञानशाकुन्तलम नाटक में, राजा दुष्यंत का लोक प्रशासन के प्रति दृढ़ आस्था को दरसता है और वह अपने राज्य के प्रशासन में न्याय और धर्म की पालना कैसे करते है नाटक में किरदार के माध्यम से, लोगों को राजा के लोक प्रशासन की महत्ता को कैसे समझाया जाता था
लोक प्रशासन का महत्व क्या होता है जहाँ एक राजा के प्रशासन में कैसे धर्म और न्याय का पालन करना चाहिए,
संस्कृत नाटकों में लोक प्रशासन के सिलसिले में धर्म, नैतिकता, न्याय, और समाज के विकास के मुद्दे भी उठाए जाते थे
नाटकों के माध्यम से लोगों को समाज के ठोस नियमों का पालन करने की महत्ता और राजा के लोक प्रशासन में उनकी भूमिका के प्रति जागरूक भी किया जाता था
भागीरथी जी करीब 7 साल से आरएसएस के अनुषांगिक संगठन संस्कृत भारती से जुड़ कर संस्कृत बोलना सिखाते है नॉएडा गाजियाबाद मेरठ कई जिलो में हजारो- लाखो बच्चों से लेकर बूढ़े को भी संस्कृत बोलना सिखाते रहे हैं समाज सेवा में उन्होंने संस्कृत कार्य में बहुत बड़ा योगदान दिया है
नरेंद्र भागीरथी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक छूटे से गाँवो से आते हें MA संस्कृत, MA हिन्दी और 5 बार नेट भी निकल चुके हैं समाज सेवा के साथ उन्होंने पीएचडी लिखी है आगे चल कर वह समाज को एक नया भारत देने की सोच रहे हें
उन्होंने नॉएडा से संस्कृत का काम सुरु किया था पर कोविड में उन्होंने ऑनलाइन की माध्यम से देश विदेश तक संस्कृत को पहुंचाया है
अभी वर्तमान में संस्कृत भारती में ब्रज प्रांत के संगठन मंत्री हैं और इनका केंद्र मथुरा में है
25 सितंबर 2023 को दिल्ली में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय के तहत संस्कृत में विद्यावारिधि:
(पीएचडी) की डिग्री थीसिस सबमिट किया है और मौखिक परीक्षा पूरी करी है जिसके बाद और अब वह फिर से समाज सेवा में कार्य करने में जुट गये हें
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