उत्तराखंड: ढाई दिन की बच्ची का देहदान कर मिसाल कायम की, देश में इतनी कम उम्र के देहदान की पहली घटना

देहरादून: दून हॉस्पिटल के एनाटमी विभाग को एक दंपति ने अपनी ढाई दिन की बच्ची के देहदान कर, पुण्य का कार्य किया है। बच्ची की देह, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे बच्चों के काम आएगी। दून हॉस्पिटल के शिक्षक प्रोफेसर जॉली अग्रवाल और डॉ राजेश मौर्य ने बताया कि हरिद्वार निवासी राम मेहर की पत्नी […]

Dec 13, 2024 - 09:12
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उत्तराखंड: ढाई दिन की बच्ची का देहदान कर मिसाल कायम की, देश में इतनी कम उम्र के देहदान की पहली घटना
Uttarakhand body donation of a 2.5 days child

देहरादून: दून हॉस्पिटल के एनाटमी विभाग को एक दंपति ने अपनी ढाई दिन की बच्ची के देहदान कर, पुण्य का कार्य किया है। बच्ची की देह, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे बच्चों के काम आएगी।

दून हॉस्पिटल के शिक्षक प्रोफेसर जॉली अग्रवाल और डॉ राजेश मौर्य ने बताया कि हरिद्वार निवासी राम मेहर की पत्नी नैंसी ने सीजेरियन ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया था, खून के प्रेशर की कमी की वजह से बच्ची का ढाई दिन में निधन हो गया। श्री मेहर की पारिवारिक डॉक्टर जितेंद्र सैनी की प्रेरणा देने पर दंपत्ति ने बच्ची की देहदान करने का निर्णय लिया। बच्ची को हमारे हॉस्पिटल लाने पर हमें, इन पर बेहद गर्व की अनुभूति हुई।

चिकित्सकों ने बताया कि शव को फार्मेलीन केमिकल लगा कर रखा जाता है और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को इससे शोध करने में मदद मिलती है।

ढाई दिन की बच्ची के देहदान की ये देश में पहली घटना है। इससे पहले एम्स दिल्ली में सात दिन के बच्चे की देहदान को रिपोर्ट किया गया था।

 

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