Ratan Tata के बाद टाटा ग्रुप में बड़ा बदलाव, नई पीढ़ी को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

रतन टाटा की विदाई के बाद से टाटा ग्रुप में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे जा रहे हैं। जहां एक ओर टाटा ट्रस्ट्स की कमान उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के हाथों में आई है, वहीं दूसरी ओर, उनकी अगली पीढ़ी के बच्चों को भी प्रमुख जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। रतन टाटा के समय में […]

Jan 9, 2025 - 18:09
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Ratan Tata के बाद टाटा ग्रुप में बड़ा बदलाव, नई पीढ़ी को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

रतन टाटा की विदाई के बाद से टाटा ग्रुप में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे जा रहे हैं। जहां एक ओर टाटा ट्रस्ट्स की कमान उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के हाथों में आई है, वहीं दूसरी ओर, उनकी अगली पीढ़ी के बच्चों को भी प्रमुख जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। रतन टाटा के समय में ही नोएल टाटा की बेटियों माया और लीह तथा बेटे नेविले ने ग्रुप के विभिन्न विभागों में काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन अब इनकी जिम्मेदारी में भी विस्तार हुआ है, और इनके कंधों पर ग्रुप के भविष्य को आकार देने का भार आ गया है।

नोएल टाटा की भूमिका

रतन टाटा के बाद नोएल टाटा ने टाटा ग्रुप के कामकाज को नए तरीके से संचालित करना शुरू किया है। उन्हें अब टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, और इस प्रकार, वे ग्रुप के शीर्ष नेता बन गए हैं। इस बदलाव का प्रभाव ग्रुप के विभिन्न कारोबारों पर पड़ेगा, और उनकी नीतियों का पालन भी होगा। इसके साथ ही, नोएल टाटा अपने बच्चों को भी भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं, ताकि वे टाटा ग्रुप को और आगे ले जा सकें।

बेटियां बनीं ट्रस्टी

टाटा ट्रस्ट्स, जो टाटा संस की 66 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखता है, अब बदलाव के दौर से गुजर रहा है। नोएल टाटा की बेटियों माया और लीह को ‘सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट’ (SRTII) के बोर्ड में ट्रस्टी के रूप में शामिल किया गया है। यह बदलाव रतन टाटा के समय से ही प्रारंभ हुआ था, और अब इसे और विस्तार दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, नोएल टाटा की दोनों बेटियां अब टाटा ट्रस्ट्स के कई छोटे ट्रस्ट के बोर्ड का हिस्सा बन चुकी हैं, हालांकि, उन्हें अभी भी सर रतन टाटा और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल होना बाकी है।

नेविले टाटा की भूमिका

नोएल टाटा के बेटे नेविले टाटा को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें पिछले साल टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ‘ट्रेंट’ की हाइपर मार्केट यूनिट, ‘स्टार बाजार’, का हेड नियुक्त किया गया था। इसके अलावा, वे टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, जेआरडी टाटा ट्रस्ट और आरडी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी सदस्य हैं। उनका कार्यक्षेत्र काफी व्यापक है और उनका योगदान ग्रुप के सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण है।

टाटा ग्रुप की अगली पीढ़ी की जिम्मेदारियां

टाटा ग्रुप की अगली पीढ़ी को उनके रुचि और कौशल के आधार पर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, और यह प्रक्रिया रतन टाटा के समय से ही शुरू हो चुकी थी। लीह टाटा को इंडियन होटल्स कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट की भूमिका दी गई है, और वे गेटवे होटल ब्रांड का संचालन करती हैं। इंडियन होटल्स कंपनी ‘ताज’, ‘विवांता’, और ‘जिंजर’ जैसे प्रसिद्ध होटल चेन का संचालन करती है।

वहीं, माया टाटा को टाटा कैपिटल में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है, और बहुत जल्द उन्हें टाटा डिजिटल की नई परियोजना की जिम्मेदारी भी मिल सकती है। टाटा न्यू ऐप की लॉन्चिंग में उनका अहम योगदान रहा है। इसके अतिरिक्त, वह टाटा एजुकेशन ट्रस्ट के बोर्ड की सदस्य भी रही हैं।

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